Ahmedabad Plane Crash: पूर्व CM विजय रुपाणी समेत 31 का DNA मैच, 20 शव परिजन को सौंपे गए
टीमों ने 20 शव परिजनों को सौंपे, डीएनए से पुष्टि
अहमदाबाद विमान हादसे में 12 अप्रैल को एयर इंडिया की फ्लाइट AI-171 दुर्घटनाग्रस्त हो गई, जिसमें 270 लोगों की मौत हुई। डीएनए टेस्ट के जरिए अब तक 31 शवों की पहचान हो चुकी है, जिनमें गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रुपाणी भी शामिल हैं। 20 शवों को परिजन को सौंप दिया गया है। सरकार ने पीड़ितों की सहायता के लिए विशेष टीमें बनाई हैं।
12 अप्रैल को हुए अहमदाबाद विमाम हादसे ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। एयर इंडिया की बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर विमान के क्रैश होने के बाद से शवों की पहचान की जा रही है। इस हादसे में मरने वालों की संख्या 270 तक पहुंच गई है। डीएनए टेस्ट के जरिए अब तक 31 शवों की पहचान हो चुकी है। रविवार सुबह 9 बजे तक अस्पातल ने 31 सैंपल मैच कर लिए हैं। हादसे में जान गंवाने वाले गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रुपाणी की पहचान भी हो गई है। वहीं 20 शवों को परिजन को सौंप दिया गया है। साथ ही उनके डेथ सर्टिफिकेट भी उपलब्ध कराए गए हैं।
पूर्व सीएम विजय रूपाणी का डीएनए मैच
गुजरात के गृह मंत्री हर्ष संघवी ने कहा, ‘गुजरात के पूर्व सीएम विजय रूपाणी की 12 जून को अहमदाबाद में एयर इंडिया दुर्घटना के दौरान मृत्यु हो गई थी। आज सुबह करीब 11:10 बजे उनका डीएनए मैच किया गया है। उन्होंने कई वर्षों तक राज्य के लोगों के लिए काम किया।’ अब शव को उनका परिवार को सौंपा जाएगा और राजकोट में उसका अंतिम संस्कार किया जाएगा।
ताबूत बनाने का ऑर्डर दिया गया
शवों को सुरक्षा के साथ एंबुलेंस के जरिए उनके गृहनगर पहुंचाया जा रहा है। इसके लिए 230 टीमें बनाई गई हैं, जो मृतकों के परिजनों से सीधे संपर्क में हैं। 192 एंबुलेंस और वाहन स्टैंडबाय पर हैं। हादसे में जान गंवाने वाले विदेशी नागरिकों में से 11 के परिजन आज अहमदाबाद पहुंच सकते हैं। शवों को रखने के लिए 170 ताबूत बनाने का ऑर्डर दिया गया है। इनमें से करीब 100 ताबूत वडोदरा से अहमदाबाद लाए जा चुके हैं। बाकी ताबूत बनाने का काम जारी है।
कैसे हुआ हादसा
गुरुवार को एयर इंडिया की फ्लाइट AI-171 उड़ान भरने के दो मिनट के भीतर अहमदाबाद के बीजे मेडिकल कॉलेज के हॉस्टल की छत से टकरा गई। विमान में चालक दल के सदस्यों सहित कुल 242 लोग सवार थे। दुर्घटना में एक ब्रिटिश नागरिक को छोड़कर सभी की मौत हो गई। अगले दिन अस्पताल ने 8 शव परिजनों को सौंप दिए, जिनकी पहचान आसानी से हो गई। हालांकि, अधिकांश शव बुरी तरह जल चुके थे और उनकी पहचान नहीं हो पा रही थी, जिसके कारण डीएनए जांच जरूरी हो गई।
गुजरात सरकार ने बनाई टीम
गुजरात सरकार ने प्रत्येक पीड़ित के लिए एक टीम बनाई है, जिसमें एक सरकारी अधिकारी, एक पुलिसकर्मी और एक शोक परामर्शदाता शामिल हैं, जो शव की पहचान करने और उसे घर वापस लाने की प्रक्रिया में परिजनों की मदद कर रहे हैं।
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