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Ahmedabad plane crash: पटना की मनीषा ने भी गंवाई जान

मनीषा ने भी गंवाई जान

05:02 AM Jun 14, 2025 IST | IANS

मनीषा ने भी गंवाई जान

ahmedabad plane crash  पटना की मनीषा ने भी गंवाई जान

अहमदाबाद विमान दुर्घटना में 241 लोगों की मौत हो गई, जिसमें पटना की एयर होस्टेस मनीषा थापा भी शामिल थीं। मनीषा ने पटना के सेंट जेवियर्स कॉलेज में पढ़ाई की थी और उनकी याद में कॉलेज में श्रद्धांजलि सभा आयोजित की गई। उनकी प्रतिभा और सकारात्मकता ने उन्हें सभी का प्रिय बना दिया था।

गुजरात के अहमदाबाद में हुए प्लेन क्रैश में 241 लोगों की जान चली गई। इस दुखद हादसे में पटना से जुड़ी एयर होस्टेस मनीषा थापा भी दुनिया को अलविदा कह गईं। मनीषा मूल रूप से नेपाल के विराटनगर की रहने वाली थीं, लेकिन उनका जन्म पटना में हुआ था। उन्होंने पटना के सेंट जेवियर्स कॉलेज में 2014 से 2017 तक पढ़ाई की और अपनी प्रतिभा से सभी का दिल जीता। मनीषा के निधन पर सेंट जेवियर्स कॉलेज में एक श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया, जिसमें छात्रों और शिक्षकों ने उन्हें नम आंखों से याद किया।

बिजनेस इकोनॉमिक्स विभाग की प्रमुख (एचओडी) कल्पना कुमारी ने समाचार एजेंसी आईएएनएस से बातचीत में कहा, “मनीषा जेवियर्स परिवार की एक अनमोल बेटी थी। वह न केवल एक होनहार छात्रा थीं, बल्कि एक बेहतरीन इंसान भी थीं। उनकी पढ़ाई के प्रति लगन, सहपाठियों के साथ सहयोग और हर गतिविधि में उत्साह शिक्षकों के लिए प्रेरणा था।”

कल्पना कुमारी ने बताया कि मनीषा क्लास रेप्रेजेंटेटिव थीं और कॉलेज की हर गतिविधि में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेती थीं। वह न सिर्फ अपनी पढ़ाई में अव्वल थीं, बल्कि दूसरों को भी प्रेरित करती थीं। उनकी कॉपी चेक करने में मजा आता था। वह हमेशा सकारात्मक रहती थीं। तीन साल में उन्होंने बहुत प्रगति की। हमें यकीन था कि वह जिंदगी में बहुत आगे जाएंगी, लेकिन इस हादसे ने सब कुछ छीन लिया। यह जेवियर्स परिवार के लिए अपूरणीय क्षति है।”

मनीषा के क्लासमेट एल्विन ने भी उन्हें याद करते हुए कहा, “मनीषा के बिना सब सूना है। वह हमेशा सबको हंसाती थीं और किसी को दुखी नहीं देख सकती थीं। पढ़ाई हो या कॉलेज की गतिविधियां, वह हर चीज में आगे रहती थीं। हम अभी भी इस सदमे से उबर नहीं पाए हैं।”

एल्विन के मुताबिक, मनीषा ने कॉलेज के बाद अपने सपनों को पंख दिए और एयर होस्टेस के रूप में करियर शुरू किया। कुछ समय पहले वह कॉलेज आई थीं और अपनी उपलब्धियां साझा कर शिक्षकों को मिठाई खिलाई थीं। अचानक उनके जाने से कॉलेज में शोक की लहर है। शिक्षक और छात्र उनके परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त करते हुए भगवान से उनके माता-पिता को इस दुख को सहने की शक्ति देने की प्रार्थना कर रहे हैं। मनीषा भले ही आज हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन उनकी यादें और प्रेरणा सेंट जेवियर्स कॉलेज में हमेशा जिंदा रहेंगी।

ऐतिहासिक है 15 जून 1947 का दिन, इसी दिन कांग्रेस ने दी थी देश के बंटवारे को मंजूरी

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