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Ahoi Ashtami 2025: अहोई अष्टमी के दिन इन मंत्रों का जाप करने से मिलेगा संतान को दीर्घायु का वरदान, जानें इनका महत्व और सही समय

04:35 PM Oct 13, 2025 IST | Shweta Rajput
ahoi ashtami 2025  अहोई अष्टमी के दिन इन मंत्रों का जाप करने से मिलेगा संतान को दीर्घायु का वरदान  जानें इनका महत्व और सही समय
Ahoi Ashtami 2025
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Ahoi Ashtami 2025: अहोई अष्टमी का व्रत हिन्दू धर्म में माताओं के लिए सबसे महत्वपूर्ण व्रतों में से एक माना जाता है। यह व्रत हर साल कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को रखा जाता है। इस दिन महिलाएं अपनी संतान की लंबी उम्र, अच्छे स्वास्थ्य और सुखमय जीवन की कामना करते हुए पूरे दिन निर्जला उपवास रखती हैं।

शाम के समय अहोई माता की पूजा की जाती है और तारे दिखने के बाद जल ग्रहण किया जाता है। लेकिन इस व्रत को सफल और पूर्ण बनाने के लिए कुछ नियमों और परंपराओं का पालन करना बहुत जरूरी माना गया है। इस यह व्रत 13 अक्टूबर सोमवार के दिन यानी आज मनाया जा रहा है। इस दिन इन मंत्रों का जाप करने से अहोई माता की कृपा आप पर बरसेगी।

Ahoi Ashtami 2025: जानें क्या है अहोई अष्टमी का महत्व

Ahoi Ashtami 2025
Ahoi Ashtami 2025 – (Source:- Ai Generated)

अहोई अष्टमी व्रत का संबंध विशेष रूप से मातृत्व से है। धार्मिक दृष्टि से यह व्रत संतान की रक्षा और मातृत्व के आशीर्वाद से जुड़ा हुआ है। ऐसा कहा जाता है कि इस दिन अहोई माता (जो मां पार्वती का ही एक रूप हैं) की पूजा करने से संतान को दीर्घायु, सुख-समृद्धि और जीवन में प्रगति प्राप्त होती है। माना जाता है कि इस दिन जो माता अहोई माता की पूजा करती है, उनके बच्चों को किसी भी प्रकार का अकाल मृत्यु या बड़ी बीमारी का सामना नहीं करना पड़ता।

साथ ही घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है। इस दिन माताएं घर की साफ-सफाई पर विशेष ध्यान देती हैं और पूजा स्थल को फूलों और दीपों से सजाती हैं। कई घरों में रातभर दीप जलाने की परंपरा भी होती है, जिसे अहोई दीपदान कहा जाता है। यह व्रत मातृत्व के स्नेह, त्याग और श्रद्धा का प्रतीक है। जो भी महिलाएं इस व्रत को पूरे नियम और भक्ति भाव से करती हैं, उन्हें अहोई माता का आशीर्वाद प्राप्त होता है और उनके बच्चों का जीवन खुशियों से भर जाता है।

Ahoi Ashtami 2025 Puja Mantra: अहोई अष्टमी के दिन इन मंत्रों का करें जाप

Ahoi Ashtami 2025 Puja Mantra
Ahoi Ashtami 2025 Puja Mantra – (Source:- Ai Generated)

1. मम सर्वपापक्षयपूर्वकं, पुत्रपौत्रादि-सुख-समृद्ध्यर्थं, अहोई-माता-पूजनं करिष्ये।

2. ॐ पार्वतीप्रिय-नंदनाय नमः

3. जय अहोई माता, जय अहोई माता। तुमको निशिदिन सेवत, हरि विष्णु विधाता।

4. ॐ अहोई देव्यै नमः

5. ॐ नमो भगवती अहोई मातायै स्वाहा

6. अहोई माता मैया, तुमको प्रणाम। हमारी आरती सुइकर करो, और हमारे बच्चों को आशीर्वाद दो

Mantra Padhne Ka Sahi Samay: अहोई अष्टमी के दिन इस समय करें मंत्रों का जाप

Mantra Padhne Ka Sahi Samay
Mantra Padhne Ka Sahi Samay – (Source:- Ai Generated)

हिंदू पंचांग के अनुसार कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि की शुरुआत 13 अक्तूबर को रात 12 बजकर 24 मिनट से शुरू होगी जिसका समापन 14 अक्तूबर को सुबह 11 बजकर 09 मिनट तक रहेगा। ऐसे में अहोई अष्टमी का पर्व 13 अक्टूबर को मनाया जाएगा। अहोई अष्टमी की पूजा के लिए शुभ मुहूर्त शाम 5 बजकर 53 मिनट से लेकर 7 बजकर 08 मिनट तक रहेगा। इसी समय आप अहोई माता के मंत्रों का जाप कर सकते हैं।

पूजा के समय मंत्र जाप करने से माता की कृपा आपको मिलेगी। यह समय ध्यान लगाने के लिए बेहद शुभ है। वहीं दूसरी तरफ इस रात को तारों को देखना बहुत ही शुभ माना जाता है। अहोई अष्टमी पूजा मुहूर्त: शाम 05 बजकर 53 मिनट से शाम 07 बजकर 08 मिनट तक रहेगा। तारों को देखने के लिए सबसे शुभ समय शाम का 06 बजकर 17 मिनट तक रहेगा। वहीं अहोई अष्टमी के दिन चंद्रोदय का शुभ समय रात 11 बजकर 18 मिनट तक रहेगा।

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Shweta Rajput

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