13 अक्टूबर को है अहोई अष्टमी, संतान की खुशहाली के लिए माताएं रखेंगी निर्जला व्रत, जानें शुभ मुहूर्त
12:48 PM Oct 12, 2025 IST | Khushi Srivastava
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Ahoi Ashtami Kab Ki Hai: अहोई अष्टमी का पर्व कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है। अहोई अष्टमी का सनातन धर्म में विशेष महत्व है, इस दिन खासतौर पर माताएं अपने बच्चों की लंबी आयु,अच्छे स्वास्थ्य और जीवन में सफलता के लिए व्रत करती हैं।
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इस दिन माताएं दिन भर निर्जला व्रत रखती हैं और शाम को तारों के दर्शन करके उन्हें अर्घ्य देने के बाद व्रत का पारण करती हैं। पौराणिक मान्यता है कि यह व्रत न सिर्फ संतान की दीर्घायु, बल्कि संतान प्राप्ति के लिए भी रखा जाता है।
Ahoi Ashtami Date: अहोई अष्टमी का शुभ मुहूर्त

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इस साल अहोई अष्टमी का पर्व सोमवार, 13 अक्टूबर को पड़ रहा है। अष्टमी तिथि की शुरुआत 13 अक्टूबर को दोपहर 12:24 बजे होगी। जबकि अष्टमी तिथि की समाप्ति 14 अक्टूबर को सुबह 11:09 बजे होगी।
अष्टमी तिथि की शुरुआत- 13 अक्टूबर को रात 12 बजकर 24 मिनट पर
अष्टमी तिथि का समापन- 14 अक्टूबर को रात 11 बजकर 9 मिनट पर
पूजा का शुभ मुहूर्त- शाम 5 बजकर 53 मिनट से शाम 7 बजकर 8 मिनट तक
तारे देखने का समय- शाम 6 बजकर 17 मिनट तक
पूजा का शुभ मुहूर्त- शाम 5 बजकर 53 मिनट से शाम 7 बजकर 8 मिनट तक
तारे देखने का समय- शाम 6 बजकर 17 मिनट तक
Ahoi Ashtami 2025 Significance: क्यों रखा जाता है अहोई अष्टमी का व्रत? जानें महत्व

अहोई अष्टमी व्रत को मां की ममता, त्याग और प्रेम का प्रतीक माना जाता है। अहोई माता का व्रत माताओं द्वारा संतान की लंबी आयु, स्वास्थ्य और सफलता के लिए किया जाता है। यह व्रत परिवार में खुशहाली और संपन्नता का स्रोत भी माना जाता है। इतना ही नहीं, जो महिलाएं संतानहीन हैं वे संतान प्राप्ति की कामना से भी इस व्रत कर सकती हैं।
चूंकि यह व्रत निर्जला (बिना पानी के) रखा जाता है, इसलिए इसे कठिन माना जाता है। हालांकि, विधिपूर्वक और सही समय पर पूजा करने से माता अहोई का आशीर्वाद अवश्य मिलता है। इस उपवास के दौरान माताएँ पूरे दिन केवल अपनी संतान और उनके उज्जवल भविष्य के लिए प्रार्थना करती हैं।
Ahoi Ashtami 2025: अहोई माता कौन हैं?

देवी पार्वती के रूप अहोई माता को बच्चों की रक्षक और उन्हें दीर्घायु, सुख-समृद्धि प्रदान करने वाली देवी माना जाता है। विश्वास है कि उनकी पूजा और व्रत से संतान संबंधी कष्ट, जैसे गर्भपात या असमय मृत्यु का भय जैसी परेशानियां दूर हो जाती हैं। यही कारण है कि यह शुभ और फलदायक व्रत संतान की मंगल कामना करने वाली हर स्त्री के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है।
Ahoi Ashtami Radha Kund Significance: अहोई अष्टमी का पर्व कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है। इस साल यह पर्व 13 अक्टूबर को मनाया जाएगा। इस दिन महिलाएं अपनी संतान की लंबी आयु और सुरक्षा के लिए व्रत रखती है, इसके अलावा संतान प्राप्ति के लिए भी ये व्रत रखा जाता है। आगे पढ़ें...
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