AIIMS Bhopal ने OPD पंजीकरण में देश में दूसरा स्थान पाया
कागज रहित ओपीडी प्रणाली से एम्स भोपाल को बड़ी सफलता
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) भोपाल ने आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन (एबीडीएम) के तहत कागज रहित और कतार रहित ओपीडी पंजीकरण प्रणाली को सफलतापूर्वक लागू करने के लिए देश भर के अस्पतालों में दूसरा स्थान हासिल किया है। भारत सरकार के राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण (एनएचए) द्वारा यह रैंकिंग जारी की गई, जिसके अनुसार एम्स भोपाल ने ‘स्कैन एंड शेयर’ सेवा के माध्यम से 1.45 मिलियन से अधिक ओपीडी टोकन जेनरेट किए हैं। विज्ञप्ति में कहा गया है कि सूची में एम्स नई दिल्ली पहले स्थान पर है।
एम्स भोपाल के कार्यपालक निदेशक प्रो. (डॉ.) अजय सिंह के मार्गदर्शन में, संस्थान निरंतर चिकित्सा सेवाओं में महत्वपूर्ण उपलब्धियां हासिल कर रहा है। pic.twitter.com/EL1BLgQ2L4
— AIIMS-Bhopal Official (@AIIMSBhopal) May 3, 2025
इस सफलता पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए एम्स भोपाल के कार्यकारी निदेशक प्रोफेसर (डॉ) अजय सिंह ने कहा कि यह उनके लिए गर्व का क्षण है और यह सभी कर्मचारियों की कड़ी मेहनत और तकनीकी नवाचारों को अपनाने की उनकी भावना का परिणाम है। “यह उपलब्धि एम्स भोपाल के लिए गर्व का क्षण है और स्वास्थ्य सेवाओं में डिजिटल परिवर्तन लाने की दिशा में संस्थान के निरंतर प्रयासों का प्रमाण है।
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‘स्कैन एंड शेयर’ सेवा ने हमारे रोगियों के लिए प्रतीक्षा समय को काफी कम कर दिया है और पंजीकरण प्रक्रिया को सरल बना दिया है। ओपीडी टोकन जनरेशन के लिए देश में दूसरा स्थान हासिल करना हमारे सभी कर्मचारियों की कड़ी मेहनत और तकनीकी नवाचारों को अपनाने की उनकी भावना का परिणाम है,” प्रोफेसर सिंह ने कहा। ‘स्कैन एंड शेयर’ सेवा पारंपरिक पंजीकरण प्रक्रिया से रोगियों को राहत प्रदान करती है, क्योंकि उन्हें अब पंजीकरण काउंटरों पर कतारों में खड़े होने की आवश्यकता नहीं है।
इसके बजाय मरीज अपने स्मार्टफोन का उपयोग करके अस्पताल परिसर में उपलब्ध क्यूआर कोड को स्कैन कर सकते हैं और तुरंत ओपीडी टोकन प्राप्त कर सकते हैं। यह प्रणाली न केवल समय बचाती है बल्कि अस्पतालों में भीड़ को भी कम करती है, जिससे रोगियों को तेज, सहज और अधिक सुविधाजनक अनुभव मिलता है।