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एम्स के निदेशक ने चेताया - कोरोना के मरीज भूलकर भी न करें ये गलती, बढ़ सकता है कैंसर का खतरा

एम्स के निदेशक डा रणदीप गुलेरिया ने कोविड-19 के हल्के संक्रमण के मामलों में सीटी स्कैन कराए जाने को लेकर सोमवार को जनता को आगाह किया और कहा कि इसके दुष्प्रभाव होते हैं, ऐसे में इसके फायदे से अधिक नुकसान उठाना पड़ सकता है।

08:02 PM May 03, 2021 IST | Ujjwal Jain

एम्स के निदेशक डा रणदीप गुलेरिया ने कोविड-19 के हल्के संक्रमण के मामलों में सीटी स्कैन कराए जाने को लेकर सोमवार को जनता को आगाह किया और कहा कि इसके दुष्प्रभाव होते हैं, ऐसे में इसके फायदे से अधिक नुकसान उठाना पड़ सकता है।

एम्स के निदेशक डा रणदीप गुलेरिया ने कोविड-19 के हल्के संक्रमण के मामलों में सीटी स्कैन कराए जाने को लेकर सोमवार को जनता को आगाह किया और कहा कि इसके दुष्प्रभाव होते हैं, ऐसे में इसके फायदे से अधिक नुकसान उठाना पड़ सकता है। हल्के संक्रमण के मामलों में सीटी स्कैन नहीं कराने पर जोर देते हुए अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के निदेशक डॉ रणदीप गुलेरिया ने प्रेसवार्ता के दौरान कहा कि कई लोग कोरोना वायरस संक्रमित पाए जाने के बाद सीटी स्कैन करा रहे हैं। साथ ही उन्होंने आगाह कियाकि बिना जरूरत के सीटी स्कैन कराए जाने से नुकसान उठाना पड़ सकता है।
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डा गुलेरिया ने कहा, ” एक सीटी स्कैन 300 से 400 छाती एक्स-रे के समान है। आंकड़ों के मुताबिक, युवा अवस्था में बार-बार सीटी स्कैन कराने से बाद में कैंसर का खतरा बढ़ सकता है। खुद को बार-बार रेडिएशन के संपर्क में लाने से नुकसान हो सकता है। इसलिए ऑक्सीजन संतृप्ति (सेचुरेशन) स्तर सामान्य होने की दशा में हल्का संक्रमण होने पर सीटी स्कैन कराने का कोई औचित्य नहीं है।”एम्स निदेशक ने सुझाव दिया कि अस्पताल में भर्ती होने एवं मध्यम संक्रमण होने की सूरत में सीटी स्कैन कराया जाना चाहिए।
वहीं देश भर में एक दिन में सामने आए कोरोना वायरस संक्रमण के 3,68,147 मामलों में से 73.78 प्रतिशत मामले बिहार, उत्तर प्रदेश और दिल्ली समेत 10 राज्यों से सामने आए हैं जबकि दैनिक संक्रमण दर भी बढ़कर 21.19 फीसद हो गई। केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने सोमवार को यह जानकारी दी। मंत्रालय ने कहा कि महाराष्ट्र में एक दिन में सबसे अधिक 56,647 मामले सामने आए। इसके अलावा कर्नाटक में 37,733 जबकि केरल में 31,959 मामले सामने आए।
महाराष्ट्र, कर्नाटक, केरल, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल, आंध्र प्रदेश और राजस्थान 10 राज्यों की सूची में शामिल अन्य राज्य हैं।भारत में उपचाराधीन रोगियों की कुल संख्या 34,13,642 हो गई है, जो अब तक संक्रमित पाए गए लोगों की कुल संख्या का 17.13 प्रतिशत है। एक दिन में उपचाराधीन रोगियों की संख्या में 63,998 का इजाफा हुआ है। भारत में फिलहाल जितने उपचाराधीन रोगी हैं उनमें से 81.46 प्रतिशत महाराष्ट्र, कर्नाटक, उत्तर प्रदेश, केरल, राजस्थान, गुजरात, आंध्र प्रदेश, छत्तीसगढ़, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल, बिहार और हरियाणा में हैं।
मंत्रालय ने कहा, ”राष्ट्रीय मृत्यु दर में गिरावट देखी जा रही है, जो फिलहाल 1.10 प्रतिशत है।” इसके अलावा, 24 घंटे के दौरान 3,417 रोगियों की मौत हुई है। महाराष्ट्र में सबसे अधिक 669 रोगियों की मौत हुई। दिल्ली में 407 और उत्तर प्रदेश में 288 रोगियों की जान चली गई। भारत में सोमवार तक 29.16 करोड़ कोविड-19 जांच की जा चुकी हैं। देश में 24 घंटे में 3,00,732 लोगों के संक्रमण से उबरने के बाद ठीक हो चुके लोगों की कुल संख्या 1,62,93,003  हो गई है। इनमें से 73.49 प्रतिशत लोग 10 राज्यों में संक्रमण से उबरे हैं।
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