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औरंगाबाद का नाम बदलने पर भड़के AIMIM सांसद, कहा-'सस्ती राजनीति का बेहतरीन उदाहरण'

एआईएमआईएम नेता इम्तियाज जलील ने महाराष्ट्र कैबिनेट के इस फैसले की आलोचना करते हुए इसे ‘सस्ती राजनीति का बेहतरीन उदाहरण’ बताया।

10:34 AM Jun 30, 2022 IST | Desk Team

एआईएमआईएम नेता इम्तियाज जलील ने महाराष्ट्र कैबिनेट के इस फैसले की आलोचना करते हुए इसे ‘सस्ती राजनीति का बेहतरीन उदाहरण’ बताया।

महाराष्ट्र में सत्ता से बेदखल होने से पहले उद्धव सरकार ने औरंगाबाद शहर का नाम बदलकर संभाजीनगर करने और उस्मानाबाद शहर का नाम धाराशिव करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी। एआईएमआईएम नेता इम्तियाज जलील ने महाराष्ट्र कैबिनेट के इस फैसले की आलोचना करते हुए इसे ‘सस्ती राजनीति का बेहतरीन उदाहरण’ बताया। 
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इम्तियाज जलील ने कहा कि ‘मैं उद्धव जी और शिवसेना से कहना चाहता हूं कि इतिहास बदला नहीं जा सकता, नाम बदल सकते हैं… आप घटिया राजनीति का एक बेहतरीन उदाहरण पेश कर रहे हैं। केवल लोग ही तय कर सकते हैं कि औरंगाबाद का कौन सा नाम रहेगा।”

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नेताओं पर थूकने का समय
जलील ने कहा, “यह कांग्रेस और राकांपा के नेताओं पर थूकने का समय है। हम मुख्यमंत्री का सम्मान करते थे। वह बेहतर तरीके से सरकार से जा सकते थे। कुछ दिन पहले सीएम ने कहा था कि सरकार इसका नाम बदलने से पहले औरंगाबाद का विकास करेगी। क्या विकास हुआ है?” उन्होंने औरंगाबाद के पूर्व सांसद चंद्रकांत खैरे पर भी निशाना साधते हुए कहा कि शिवसेना नेता को “पेशेवर नर्तक बनना चाहिए क्योंकि उनके लिए कोई काम नहीं बचा है”।
दरअसल, बुधवार को मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में आगामी नवी मुंबई अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे का नाम किसान नेता दिवंगत डीबी पाटिल के नाम पर रखने को भी मंजूरी दी गई। दिलचस्प बात यह है कि राज्य योजना एजेंसी सिडको ने पहले नवी मुंबई हवाई अड्डे का नाम शिवसेना के संस्थापक दिवंगत बालासाहेब ठाकरे के नाम पर रखने का प्रस्ताव दिया था।
गौरतलब है कि जब शिवसेना ने बीजेपी के साथ गठबंधन समाप्त किया था और कांग्रेस तथा राकांपा के साथ हाथ मिलाया था तभी से भाजपा उसे औरंगाबाद का नाम बदलने की अपनी पूर्व की मांगों की याद दिलाती रही है। औरंगाबाद नाम मुगल बादशाह औरंगजेब के नाम पर रखा गया था।
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