MCD चुनाव में AIMIM की एंट्री से बिगड़ जाएगा समीकरण, ओवैसी के 15 उम्मीदवार दे रहे टक्कर
दिल्ली नगर निगम चुनाव के लिए चार दिसंबर को वोटिंग होगी। जिसके नतीजे सात दिसंबर को आएंगे। इस बार का एमसीडी चुनाव बेहद खास है।क्योंकि इस बार चुनाव में असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी AIMIM ने भी किस्मत आजमाई है। बता दें यह पार्टी पहली बार ये चुनाव लड़ रही है। AIMIM ने दिल्ली के 15 वार्डों में अपने उम्मीदवार उतारे हैं।
दिल्ली नगर निगम चुनाव के लिए चार दिसंबर को वोटिंग होगी। जिसके नतीजे सात दिसंबर को आएंगे। इस बार का एमसीडी चुनाव बेहद खास है।क्योंकि इस बार चुनाव में असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी AIMIM ने भी किस्मत आजमाई है। बता दें यह पार्टी पहली बार ये चुनाव लड़ रही है। AIMIM ने दिल्ली के 15 वार्डों में अपने उम्मीदवार उतारे हैं। बता दें ये सभी वार्ड मुस्लिम बहुल हैं। ऐसे में माना जा रहा है कि इन वार्डों में बीजेपी, कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार हार सकते हैं। एसे में सियासी समीकरण भी गड़बड़ा सकता सकता है। इन वार्डों में असदुद्दीन ओवैसी ने जमकर प्रचार किया है। बता दें कि मुस्तफाबाद, सीलमपुर, जाफराबाद, जाकिर नगर के वार्डों में मुस्लिम मतदाताओं की संख्या अधिक है। वहीं, शाहीन बाग, बाटला हाउस और जगतपुरी में कई ऐसे वार्ड हैं। जहां मुस्लिम मतदाता हर चुनाव में प्रत्याशियों की जीत-पक्की रहती है। ऐसे में एआईएमआईएम के उम्मीदवार इन सीटों पर बीजेपी, कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के उम्मीदवारों को कड़ी टक्कर दे सकते हैं।
एआईएमआईएम की रैलियों में दिखी भीड़
एमसीडी चुनाव को लेकर एआईएमआईएम ने जिन क्षेत्रों में रैलियां की हैं। वहां मुस्लिम समाज के लोगों का जबरदस्त समर्थन देखने को मिला है। ओवैसी ने दिल्ली में छह से अधिक रैलियां की हैं।इन सारी रैलियों में मुस्लिम समुदाय के लोगों ने काफी संख्या में अपनी भागेदारी दी।
मुस्लिम बहुल वाले सीटों पर कांग्रेस और आप भी ज्यादा फोकस कर रही है। चुनावी विश्लेषकों का मानना है कि इन सीटों पर बीजेपी को जीत के लिए काफी मेहनत करनी पड़ेगी। क्योंकि ये मतदाता कई मुद्दों पर बीजेपी की नीतियों के खिलाफ अपनी असहमति जता चुके हैं। ओखला, सीलमपुर, जाफराबाद, पुरानी दिल्ली और सोनिया विहार में मुस्लिम मतदाताओं की संख्या ज्यादा है। वहीं, शकूरपुर बस्ती, चांदनी चौक, माटिया महल में भी मुस्लिम वोटर्स चुनाव में निर्णायक की भूमिका में रहेंगे। ऐसे में सभी पार्टियां इनकों लुभाने में जुटी हुई हैं।