Top NewsIndiaWorldOther StatesBusiness
Sports | CricketOther Games
Bollywood KesariHoroscopeHealth & LifestyleViral NewsTech & AutoGadgetsvastu-tipsExplainer
Advertisement

एयर मार्शल नर्मदेश्वर तिवारी बने वायुसेना के नए उप प्रमुख, 3,600 घंटे से अधिक का उड़ान अनुभव

नर्मदेश्वर तिवारी के पास 3,600 घंटे का उड़ान अनुभव

03:19 AM May 03, 2025 IST | IANS

नर्मदेश्वर तिवारी के पास 3,600 घंटे का उड़ान अनुभव

एयर मार्शल नर्मदेश्वर तिवारी ने भारतीय वायुसेना के वाइस चीफ के रूप में पदभार ग्रहण किया। उनके पास 3,600 घंटे से अधिक का उड़ान अनुभव है और उन्होंने कारगिल युद्ध में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्हें परम विशिष्ट सेवा मेडल समेत कई पुरस्कार मिले हैं।

एयर मार्शल नर्मदेश्वर तिवारी ने शुक्रवार को भारतीय वायुसेना के वाइस चीफ के रूप में पदभार ग्रहण कर लिया। भारतीय वायुसेना के नए वाइस चीफ, एयर मार्शल तिवारी ने देहरादून स्थित राष्ट्रीय भारतीय सैन्य कॉलेज से अपनी स्कूली शिक्षा पूरी की और इसके बाद राष्ट्रीय रक्षा अकादमी, खडकवासला से प्रशिक्षण प्राप्त किया। उन्होंने जून 1985 में एनडीए राष्ट्रपति स्वर्ण पदक के साथ उत्तीर्ण किया और 7 जून 1986 को भारतीय वायुसेना में एक फाइटर पायलट के रूप में कमीशन प्राप्त किया। एयर मार्शल नर्मदेश्वर तिवारी को विभिन्न प्रकार के विमानों पर 3,600 घंटे से अधिक का उड़ान अनुभव प्राप्त है। वह एक क्वालिफाइड फ्लाइंग इंस्ट्रक्टर और एक्सपेरिमेंटल टेस्ट पायलट हैं। एयर मार्शल तिवारी अमेरिका के एयर कमांड एंड स्टाफ कॉलेज के स्नातक भी हैं। उन्होंने वायुसेना के टेस्ट पायलट स्कूल और वेलिंगटन स्थित डिफेंस सर्विसेज स्टाफ कॉलेज में डाइरेक्टिंग स्टाफ के रूप में भी सेवा दी है।

गंगा एक्सप्रेसवे पर गरजे Rafale, Jaguar और Mirage, IAF ने किया फ्लाईपास्ट

उनके पास विभिन्न हथियारों और प्रणालियों के संचालन परीक्षण का व्यापक अनुभव है। साल 1999 के कारगिल युद्ध के दौरान उन्होंने ‘लाइटनिंग’ लेजर डेजिग्नेशन पॉड को ऑपरेशनल करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। साल 2006 से 2009 और बाद में 2018-19 में उन्होंने एलसीए (लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट) की उड़ान परीक्षण में सक्रिय भागीदारी निभाई। उस दौरान वह नेशनल फ्लाइट टेस्ट सेंटर में प्रोजेक्ट डायरेक्टर (फ्लाइट टेस्ट) के रूप में तैनात थे और विमान की फाइनल ऑपरेशनल क्लीयरेंस में उन्होंने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

साल 2013 से 2016 तक वह पेरिस में एयर अताशे के रूप में कार्यरत रहे। इसके अतिरिक्त उन्होंने वायुसेना मुख्यालय (वायु भवन) में डिप्टी चीफ ऑफ द एयर स्टाफ का दायित्व भी संभाला। वायु सेना के उप प्रमुख बनने से पहले वह दक्षिण पश्चिमी वायु कमान के एयर ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ थे। उनकी विशिष्ट सेवा के लिए उन्हें 2025 में परम विशिष्ट सेवा मेडल, 2022 में अति विशिष्ट सेवा मेडल और 2008 में वायु सेना मेडल से सम्मानित किया गया।

Advertisement
Advertisement
Next Article