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पंजाब, हरियाणा में ‘बेहद खराब’ श्रेणी में पहुंची वायु गुणवत्ता

हरियाणा एवं पंजाब में प्रदूषण का स्तर लगातार चिंता का विषय बना हुआ है। दोनों राज्यों के कई जिलों में वायु गुणवत्ता ‘बेहद खराब’ और ‘खराब’ श्रेणियों में दर्ज की गयी है।

02:29 PM Nov 16, 2019 IST | Shera Rajput

हरियाणा एवं पंजाब में प्रदूषण का स्तर लगातार चिंता का विषय बना हुआ है। दोनों राज्यों के कई जिलों में वायु गुणवत्ता ‘बेहद खराब’ और ‘खराब’ श्रेणियों में दर्ज की गयी है।

हरियाणा एवं पंजाब में प्रदूषण का स्तर लगातार चिंता का विषय बना हुआ है। दोनों राज्यों के कई जिलों में वायु गुणवत्ता ‘बेहद खराब’ और ‘खराब’ श्रेणियों में दर्ज की गयी है। 
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केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के अनुसार हरियाणा के गुरुग्राम और फरीदाबाद सबसे अधिक प्रभावित शहर हैं, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) क्रमश: 372 और 369 दर्ज किया गया। 
सीपीसीबी ने बताया कि मानेसर और रोहतक दोनों जगहों पर वायु गुणवत्ता 338-338 रही जबकि जींद एवं बहादुरगढ़ में क्रमश: 326 और 311 रही। हिसार एवं पानीपत में एक्यूआई क्रमश: 287 और 292 दर्ज किया गया। 
पंजाब में हवा की गुणवत्ता ‘खराब’ और ‘मध्यम’ श्रेणी में दर्ज की गयी। 
आंकड़ों के अनुसार अमृतसर, बठिंडा, जालंधर, लुधियाना और पटियाला में संबंधित एक्यूआई 251, 103, 158, 158 और 117 रहा। 
चंडीगढ़ में वायु गुणवत्ता सूचकांक 144 दर्ज किया गया। 
0-50 के बीच एक्यूआई को ‘अच्छा’, 51-100 को ‘संतोषजनक’, 101-200 को ‘मध्यम’, 201-300 को ‘खराब’, 301-400 को ‘बेहद खराब’ और 401-500 को ‘गंभीर’ माना जाता है तथा 500 के ऊपर एक्यूआई को ‘आपात श्रेणी’ में माना जाता है। 
अधिकारियों ने बताया कि पराली जलाने की कई घटनाओं को राज्य एवं दिल्ली सहित आस पास के इलाकों में प्रदूषण का बड़ा कारण माना जाता है। पिछले कुछ दिन से पंजाब और हरियाणा में वायु गुणवत्ता में उल्लेखनीय गिरावट आयी है। 
लुधियाना स्थित पंजाब रिमोट सेंसिंग केंद्र ने बताया कि शुक्रवार को पराली जलाने की 91 घटनाओं का पता चला। 
23 सितंबर से 15 नवंबर के बीच पंजाब में पराली जलाने की कुल 48,780 घटनाएं हुईं जबकि पिछले साल इस दौरान यह संख्या 46,545 थी।
हरियाणा में अब तक इस मौसम में पराली जलाने की 6,000 घटनाएं हुई हैं। 
शुक्रवार को पंजाब सरकार ने यह घोषणा की कि बासमती धान की खेती करने वाले जिन किसानों ने पराली नहीं जलायी है उन 29,343 छोटे एवं सीमांत किसानों में 19 करोड़ से अधिक रुपये वितरित किये जायेंगे।
 
पंजाब सरकार ने पराली नहीं जलाने वाले छोटे एवं सीमांत किसानों को मुआवजे के तौर पर प्रति एकड़ 2,500 रुपये देने का फैसला किया है। 
पंजाब में पराली जलाने पर लगे प्रतिबंध को नहीं मानने वाले किसानों के खिलाफ 1,500 प्राथमिकी दर्ज की गयी है और इसके लिये 11,000 से अधिक किसानों पर 3.01 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया गया है जबकि खेती में इस्तेमाल होने वाली 71 मशीनों को जब्त किया गया है। 
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