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एयर फाॅर्स में शामिल होंगे 83 तेजस लड़ाकू विमान, कल होगी HAL के साथ 48000 करोड़ रुपये की डील

सरकार भारतीय वायुसेना के लिए सरकारी हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटिड से 83 तेजस हल्के लड़ाकू विमान खरीदने का 48000 करोड़ रुपये का सौदा बुधवार को आधिकारिक रूप से करेगी।

11:19 PM Feb 02, 2021 IST | Shera Rajput

सरकार भारतीय वायुसेना के लिए सरकारी हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटिड से 83 तेजस हल्के लड़ाकू विमान खरीदने का 48000 करोड़ रुपये का सौदा बुधवार को आधिकारिक रूप से करेगी।

एयर फाॅर्स में शामिल होंगे 83 तेजस लड़ाकू विमान  कल होगी hal के साथ 48000 करोड़ रुपये की डील
सरकार भारतीय वायुसेना के लिए सरकारी हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटिड से 83 तेजस हल्के लड़ाकू विमान खरीदने का 48000 करोड़ रुपये का सौदा बुधवार को आधिकारिक रूप से करेगी। 
यह अब तक का सबसे बड़ा स्वदेशी रक्षा खरीद सौदा होगा। 
अधिकारियों ने मंगलवार को बताया कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, वायुसेना के शीर्ष अफसर और हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटिड (एचएएल) के वरिष्ठ अधिकारियों की मौजूदगी में बेंगलुरू में ‘एयरो इंडिया’ एयरोस्पेस प्रदर्शनी के दौरान अनुबंध पर हस्ताक्षर होंगे। 
प्रधानमंत्री की अध्यक्षता वाली सुरक्षा मामलों पर मंत्रिमंडल की समिति (सीसीएस) ने घरेलू रक्षा खरीद के तहत करीब 48,000 करोड़ रुपये की लागत से 83 तेजस विमान खरीदने को 13 जनवरी को मंजूरी प्रदान की थी । 
इसके तहत 73 हल्के लड़ाकू विमान (एलसीए) तेजस एमके-1ए विमान और 10 तेजस एमके-1 प्रशिक्षण विमान शामिल हैं। 
तेजस एमके-1ए स्वदेश में डिजाइन, विकसित और निर्मित अत्याधुनिक चौथी पीढ़ी के लड़ाकू विमान हैं। यह विमान इलेक्ट्रॉनिक रूप से स्कैन किए गए सक्रिय एरे (एईएसए) रडार, दृश्यता के दायरे से बाहर (बीवीआर), मिसाइल, इलेक्ट्रॉनिक युद्ध तकनीक (ईडब्ल्यू) और हवा में ईंधन भरने की क्षमता (एएआर) से लैस है । 
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को बेंगलुरु में एक नए विनिर्माण संयत्र का उद्धाटन किया जिससे तेजस का उत्पादन दोगुना होगा। 
इस मौके पर सिंह ने कहा कि तेजस लड़ाकू विमान की खरीद से भारतीय वायु सेना की क्षमता में काफी इजाफा होगा। 
एचएएल के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक आर. माधवन ने पिछले महीने ‘पीटीआई-भाषा’ को दिए साक्षात्कार में कहा था कि वायुसेना को तेजस हल्के लड़ाकू विमान (एलसीए) की आपूर्ति मार्च 2024 से शुरू हो जाएगी और कुल 83 विमानों की आपूर्ति होने तक हर वर्ष करीब 16 विमानों की आपूर्ति की जाएगी। 
माधवन ने कहा कि विमान की मूल लागत 25 हजार करोड़ रुपये है जबकि 11 हजार करोड़ रुपये का इस्तेमाल हवाई अड्डों पर सहायक उपकरण एवं अन्य ढांचे के विकास में इस्तेमाल किया जाएगा। वहीं करीब सात हजार करोड़ रुपये सीमा शुल्क और जीएसटी पर खर्च होगा। 
एचएएल के अध्यक्ष ने कहा कि विमान के हर लड़ाकू संस्करण की कीमत 309 करोड़ रुपये होगी और प्रशिक्षण विमान की कीमत 280 करोड़ रुपये है। 
48 हजार करोड़ की कुल लागत में 2500 करोड़ रुपये डिजाइन और विकास लागत है जो एयरोनॉटिकल डेवलपमेंट एजेंसी को दिया जाएगा और करीब 2250 करोड़ रुपये विदेशी मुद्रा विनिमय दर के लिए रखा गया है। 
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Shera Rajput

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