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भारतीय स्टार्टअप्स में एआई का बढ़ता प्रभाव: मेटा रिपोर्ट

05:10 PM Jun 29, 2025 IST | Aishwarya Raj
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मेटा की एक लेटेस्ट रिपोर्ट में कहा गया है कि 70 प्रतिशत से अधिक भारतीय स्टार्टअप अब अपने मुख्य व्यावसायिक कार्यों में एआई को इंटीग्रेट कर रहे हैं। मेटा द्वारा लीडिंग ग्लोबल प्रोफेशनल सर्विस फर्म अल्वारेज एंड मार्सल इंडिया के सहयोग से तैयार की गई रिपोर्ट के अनुसार, जैसे-जैसे भारत का स्टार्टअप इकोसिस्टम अपने अगले विकास चरण में तेजी से आगे बढ़ रहा है, उभरते हुए व्यवसाय एआई के साथ डिजिटल इनोवेशन, ओमनीचैनल रणनीतियों, क्रिएटर्स और टियर 2 और 3 बाजारों तक पहुंच के साथ अपने विकास को नया रूप दे रहे हैं।

एक दशक में विकास में तीव्र वृद्धि दर्ज

निष्कर्षों से पता चला है कि भारत के स्टार्टअप इकोसिस्टम ने पिछले एक दशक में विकास में तीव्र वृद्धि दर्ज की है, जिसमें अर्ली-स्टेज फंडिंग, डिजिटल पेनिट्रेशन और महानगरों और गैर-महानगर क्षेत्रों में उपभोक्ता समृद्धि में उछाल आया है। मेटा की भारत और दक्षिण पूर्व एशिया उपाध्यक्ष संध्या देवनाथन ने कहा, "आज के गतिशील समय में स्मार्ट तरीके से सोचने वाले स्टार्टअप ही आगे बढ़ेंगे। मेटा में, हमें इस यात्रा में भागीदार होने पर गर्व है, हम उन्हें कटिंग-एज एआई-पावर्ड टूल्स से लैस कर रहे हैं, ताकि उन्हें अपने साहसिक विचारों को प्रभाव में बदलने और उन्हें आगे बढ़ाने में मदद मिल सके।" एआई जैसी तकनीकें देश में स्टार्टअप और एमएसएमई के विकास को बढ़ावा दे रही हैं।

एक बड़ा बदलाव

अल्वारेज एंड मार्सल इंडिया के मैनेजिंग डायरेक्टर और हेड हिमांशु बजाज ने कहा, "हम भारतीय स्टार्टअप द्वारा पैमाने के बारे में सोचने के तरीके में एक बड़ा बदलाव देख रहे हैं। पैमाने को वे न केवल विकास बल्कि वैल्यू क्रिएशन पर ध्यान केंद्रित करने वाले अधिक सस्टेनेबल बिजनेस को बनाने के रूप में भी देखते हैं।"एआई मार्केटर्स के लिए गेम-चेंजर बन रहा है। अकेले मार्केटिंग में एआई अपनाने वाले 87 प्रतिशत स्टार्टअप्स ने कॉस्ट पर एक्विजिशन (सीपीए) में 30 प्रतिशत सुधार की जानकारी दी है।

रिपोर्ट में पाया गया कि हेल्थकेयर, एडटेक और ब्यूटी जैसे सेक्टर कस्टमर सर्विस, पूर्वानुमान विश्लेषण और पर्सनलाइजेशन के लिए ऑटोमेशन का लाभ उठाते हुए एआई मैच्योरिटी में सबसे आगे हैं। टियर 2 और 3 बाजार पैमाने के लिए के नए बैटलग्राउंड बन रहे हैं। मांग, डिजिटल पहुंच और वितरण में आसानी की वजह से सर्वे में शामिल लगभग सभी स्टार्टअप इन क्षेत्रों में विस्तार कर रहे हैं।

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