W3Schools
For the best experience, open
https://m.punjabkesari.com
on your mobile browser.
Advertisement

अखिल भारतीय सूफी सज्जादानशीन परिषद का वक्फ बोर्ड सुधार को समर्थन

सूफी सज्जादानशीन परिषद ने किया वक्फ बोर्ड सुधार का समर्थन

01:44 AM Mar 31, 2025 IST | Rahul Kumar

सूफी सज्जादानशीन परिषद ने किया वक्फ बोर्ड सुधार का समर्थन

अखिल भारतीय सूफी सज्जादानशीन परिषद का वक्फ बोर्ड सुधार को समर्थन

अखिल भारतीय सूफी सज्जादानशीन परिषद के अध्यक्ष सैयद नसरुद्दीन चिश्ती ने वक्फ बोर्ड में सुधार के लिए समर्थन व्यक्त किया और मुस्लिम समुदाय से भावनात्मक भड़काऊ बयानों से प्रभावित न होने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि सरकार ने स्पष्ट किया है कि वक्फ संपत्तियों पर कब्जा नहीं किया जाएगा और हमें आधिकारिक बयानों पर विश्वास करना चाहिए।

अखिल भारतीय सूफी सज्जादानशीन परिषद (एआईएसएससी) के अध्यक्ष सैयद नसरुद्दीन चिश्ती ने सोमवार को वक्फ बोर्ड में सुधार के लिए समर्थन व्यक्त किया, और मुस्लिम समुदाय से वक्फ (संशोधन) विधेयक के खिलाफ दिए गए भावनात्मक भड़काऊ बयानों से प्रभावित न होने और अधिनियम के इरादों पर सरकार के आधिकारिक बयानों पर विश्वास करने का आग्रह किया। एआईएसएससी के अध्यक्ष ने मिडिया से कहा, मेरा मानना ​​है कि मौजूदा वक्फ अधिनियम में बदलाव की जरूरत है और मुसलमानों को इससे डरने की जरूरत नहीं है। जब सरकार खुद संसद में कह रही है कि वह समुदाय के खिलाफ नहीं है और मस्जिदों, दरगाहों पर कब्जा नहीं किया जाएगा तो हमें केवल आधिकारिक बयानों पर ही विश्वास करना चाहिए।

परिषद के अध्यक्ष ने मिडिया को बताया कि सरकार पहले ही स्पष्ट कर चुकी है कि वक्फ बोर्ड के अंतर्गत आने वाली दरगाहों, मस्जिदों को जब्त नहीं किया जाएगा, जिस पर लोगों को विश्वास करना चाहिए और उम्मीद है कि विधेयक को संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) के पास भेजे जाने के बाद बदलाव अच्छे होंगे। चिश्ती ने कहा, सरकार जो वक्फ (संशोधन) विधेयक ला रही है, उसे पेश करते समय ही उसने अपनी मंशा जाहिर कर दी थी और इसे जेपीसी के पास भेज दिया। जेपीसी ने सभी पक्षों को बहुत धैर्य से सुना और सरकार को रिपोर्ट भेजी। उम्मीद है कि जो विधेयक आएगा वह अच्छा होगा, इस पर चर्चा होनी चाहिए और एक अच्छा विधेयक पारित होगा। अध्यक्ष ने किसी व्यक्ति या समूह का नाम लिए बिना विधेयक पर दिए जा रहे किसी भी भावनात्मक या “भड़काऊ” बयान की निंदा की। उन्होंने कहा, भावनाओं को भड़काने की कोशिश की जा रही है, जो गलत है। जब भी मुस्लिम समुदाय के लिए सुधार की बात होती है और सरकार कुछ करना चाहती है तो कुछ हित समूह मुसलमानों की भावनाओं को भड़काते हैं। उन्होंने कहा, पिछले कुछ दिनों से ऐसी घटनाएं हो रही हैं कि भावनाओं को भड़काने की कोशिश की जा रही है, मस्जिदों और दरगाहों पर कब्ज़ा करने की बातें हो रही हैं। लोकतंत्र में सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों ही इसका हिस्सा होते हैं। अगर किसी को किसी धारा से दिक्कत है तो उसे उसका विरोध करने का अधिकार है।

जम्मू-कश्मीर: नवरात्रि पर वैष्णो देवी मंदिर में उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़

वक्फ बोर्ड में सुधार का समर्थन करते हुए उन्होंने दावा किया कि वक्फ के तहत आने वाली संपत्तियों का सही तरीके से इस्तेमाल नहीं हो रहा है, करोड़ों की संपत्ति से केवल मामूली किराया वसूला जा रहा है। उन्होंने कहा, वक्फ में सुधार की जरूरत है, उनके अधीन इतनी संपत्तियां हैं कि जो संपत्तियां किराए पर दी जा रही हैं, उनकी कीमत देखिए, किसी ने 1000 रुपये, 500 रुपये, 100 रुपये या 8 रुपये या 10 रुपये में ली हैं, लेकिन संपत्ति की कीमत करोड़ों में है और उसका किराया भी लाखों में होना चाहिए। जो किराया आ रहा है उसका भी सही तरीके से इस्तेमाल नहीं हो रहा है। उन्होंने आगे कहा कि वक्फ बोर्ड में संशोधन की बात कोई नई बात नहीं है, सच्चर कमेटी की रिपोर्ट में भी वक्फ बोर्ड में संशोधन का सुझाव दिया गया था, और 2012 में भी सुधार की बात की गई थी, जब कांग्रेस नेता के रहमान खान केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री थे। उन्होंने मिडिया से कहा, यह सुधार सिर्फ आज के लिए जरूरी नहीं है, अगर हम सच्चर कमेटी की रिपोर्ट देखें, तो 2013 में के रहमान मंत्री थे, तब भी संशोधन की बात हुई थी, इसलिए लोग मानते हैं कि भ्रष्टाचार है। सच्चर कमेटी का गठन पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने 2005 में किया था। दिल्ली उच्च न्यायालय के पूर्व मुख्य न्यायाधीश राजिंदर सच्चर की अध्यक्षता वाली सात सदस्यीय समिति का गठन देश में मुसलमानों की सामाजिक, आर्थिक और शैक्षणिक स्थितियों का अध्ययन करने के लिए किया गया था।

Advertisement
Advertisement
Author Image

Rahul Kumar

View all posts

Advertisement
×