राहुल समेत दिग्गज कांग्रेस नेताओं का आरोप - टीकाकरण को लेकर सरकार की रणनीति भेदभाव वाली
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने मंगलवार को आरोप लगाया कि केंद्र सरकार की टीकाकरण की रणनीति भेदभाव वाली है और उसने कमजोर वर्गों के लिए टीके की कोई गारंटी नहीं दी है।
01:51 PM Apr 20, 2021 IST | Ujjwal Jain
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने मंगलवार को आरोप लगाया कि केंद्र सरकार की टीकाकरण की रणनीति भेदभाव वाली है और उसने कमजोर वर्गों के लिए टीके की कोई गारंटी नहीं दी है।
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उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘18 से 45 साल के आयुवर्ग के लोगों के लिए कोई मुफ्त नहीं टीका नहीं होगा। कीमतों पर नियंत्र किए बिना बिचौलियों को ला दिया गया। कमजोर वर्गों के लिए टीके की कोई गारंटी नहीं है।’’ कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया, ‘‘भारत की टीका की रणनीति वितरण करने नहीं, बल्कि भेदभाव करने करने वाली है।’’
गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने सोमवार को कहा कि एक मई से 18 साल से अधिक उम्र के सभी लोग कोविड-19 के रोकथाम के लिए टीका लगवा सकेंगे। सरकार ने टीकाकरण अभियान में ढील देते हुए राज्यों, निजी अस्पतालों और औद्योगिक प्रतिष्ठानों को सीधे टीका निर्माताओं से खुराक खरीदने की अनुमति भी दे दी।
कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार ने टीके की कीमत के बारे में निर्णय कंपनियों पर छोड़ दिया है। उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘पिछले एक साल में कोरोना टैक्स के नाम पर जनता से खूब हुई लुटाई, पर न अस्पताल, न डॉक्टर, न वेंटिलेटर, न वैक्सीन और न दवाई उपलब्ध करवाई और न ही 6,000 की राशि खाते में जमा कराई। हां, कोरोना के नाम पर विज्ञापन और तस्वीरें छपवाईं।’’
सुरजेवाला ने दावा किया, ‘‘19 अप्रैल को टीकाकरण की उम्र तो 18 साल कर दी पर क़ीमत का निर्णय अब सरकार नही, टीका बनाने वाली कम्पनी करेगी। यानी अब टीका मुफ़्त नही, अब टीका 200 रुपये में भी नही, अब टीके की कीमत का निर्णय कम्पनी करेगी, है ना सचमुच आपदा में अवसर! मोदी है तो यह मुमकिन है।’’
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने पश्चिम बंगाल में भाजपा की जनसभाओं को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा और सवाल किया कि वह जितना जुनून चुनाव जीतने में दिखा रहे है उतना कोरोना वायरस खिलाफ युद्ध जीतने में क्यों नहीं दिखा रहे हैं।
सिब्बल ने ट्वीट किया, ‘‘मोदी जी, आप चुनाव जीतने के लिए अपनी पूरी ताकत लगा देते हैं। यही जुनून कोरोना वायरस के खिलाफ युद्ध जीतने में क्यों नहीं दिखता?’’
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