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अमरनाथ हादसा : तीर्थयात्रियों को बचाते समय रिटायर्ड पुलिसकर्मी बाढ़ में बहा, सुरक्षित स्थान पर पहुंचाए गए 15000 लोग

जम्मू-कश्मीर में अमरनाथ की पवित्र गुफा के पास बादल फटने के कारण अचानक आयी बाढ़ के चलते मरने वालों की संख्या बढ़कर 16 हो गई है।

01:35 PM Jul 09, 2022 IST | Desk Team

जम्मू-कश्मीर में अमरनाथ की पवित्र गुफा के पास बादल फटने के कारण अचानक आयी बाढ़ के चलते मरने वालों की संख्या बढ़कर 16 हो गई है।

जम्मू-कश्मीर में अमरनाथ की पवित्र गुफा के पास बादल फटने के कारण अचानक आयी बाढ़ के चलते मरने वालों की संख्या बढ़कर 16 हो गई है जबकि वहां फंसे कम से कम 15,000 तीर्थयात्रियों को यहां निचले आधार शिविर पंजतरणी स्थानांतरित किया गया है। अधिकारियों ने शनिवार को यह जानकारी दी।शुक्रवार दोपहर में तंबू और सामुदायिक रसोई में बाढ़ का पानी भरने और भूस्खलन की घटना के बाद लापता लोगों की तलाश जारी रही। वरिष्ठ अधिकारियों ने बताया कि 25 घायलों को अस्पतालों में भर्ती कराया गया है जबकि कई लोगों के अभी भी मलबे में दबे होने की आशंका है।
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सेना के एक अधिकारी के अनुसार, पर्वतीय तलाश दल, बचाव दल और खोजी कुत्ते को खोज व बचाव अभियान में लगाया गया है।अधिकारियों ने कहा, ”शनिवार सुबह हवाई बचाव अभियान शुरू हुआ और सेना के हेलीकॉप्टरों से छह तीर्थयात्रियों को निकालकर सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया। सैन्य चिकित्सा दल नीलगरड़ हेलीपैड पर मरीजों और घायलों को निकासी के लिए ले जा रहे हैं।”
 सुरक्षा बल के एक अधिकारी ने कहा
बीएसएफ की एयर विंग के एक एमआई-17 हेलिकॉप्टर को सेवा में लगाया गया है। जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने बचाव कार्यों के लिए उन्नत हल्के हेलीकॉप्टर भी तैनात किए हैं।दिल्ली में सीमा सुरक्षा बल के एक अधिकारी ने कहा, ”16 शवों को बालटाल ले जाया गया है।”प्रवक्ता ने बताया कि आईटीबीपी ने पवित्र गुफा के निचले हिस्से से पंजतरणी तक जाने वाले मार्ग में लगे दलों की संख्या भी बढ़ा दी है।
राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल द्वारा चलाए
जम्मू-कश्मीर पुलिस के अतिरिक्त महानिदेशक व कश्मीर रेंज के प्रभारी विजय कुमार सुरक्षा बलों और राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल द्वारा चलाए जा रहे बचाव कार्यों की निगरानी के लिए शनिवार सुबह पवित्र गुफा मंदिर पहुंचे।उन्होंने कहा कि बचावकर्मी जीवित बचे लोगों की तलाश के लिए मलबा हटा रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रशासन हताहतों की सही संख्या जानने के लिए तीर्थयात्रियों के आंकड़ों की जांच कर रहा है। उन्होंने बताया कि आतंकी खतरों के मद्देनजर इस बार हर तीर्थयात्री को रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन (आरएफआईडी) कार्ड मुहैया कराया गया है।
 बचाव अभियान खत्म होने के बाद इसे फिर से शुरू करने पर फैसला 
प्रशासन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा था कि 30 जून को शुरू हुई अमरनाथ यात्रा को इस त्रासदी के बाद स्थगित कर दिया गया है और बचाव अभियान खत्म होने के बाद इसे फिर से शुरू करने पर फैसला किया जाएगा।उन्होंने कहा, ”कल शाम आई बाढ़ के कारण पवित्र गुफा क्षेत्र के पास फंसे अधिकांश यात्रियों को पंजतरणी में स्थानांतरित कर दिया गया है। निकासी अभियान तड़के 3.38 बजे तक चला।”भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) के प्रवक्ता ने कहा, ”रास्ते में कोई यात्री नहीं है। अब तक करीब 15,000 लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया जा चुका है।”
सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के एक प्रवक्ता ने कहा कि अर्धसैनिक बल के डॉक्टर और चिकित्सा कर्मियों ने बाढ़ में गंभीर रूप से घायल नौ मरीजों का इलाज किया। उन्होंने कहा कि उन्हें कम ऊंचाई वाले नीलग्राथ आधार शिविर पहुंचाया गया है
पवित्र गुफा से आने वाले तीर्थयात्रियों की सहायता के लिए नीलग्राथ हेलीपैड पर बीएसएफ की एक छोटी टीम भी तैनात की गई है। उन्होंने बताया कि शुक्रवार रात पंजतरणी में बनाए गए बीएसएफ शिविर में करीब 150 यात्री रुके थे और शनिवार सुबह 15 मरीजों को हवाई मार्ग के जरिये बालटाल पहुंचाया गया।
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