टॉप न्यूज़भारतविश्वराज्यबिजनस
खेल | क्रिकेटअन्य खेल
बॉलीवुड केसरीराशिफलSarkari Yojanaहेल्थ & लाइफस्टाइलट्रैवलवाइरल न्यूजटेक & ऑटोगैजेटवास्तु शस्त्रएक्सपलाइनेर
Advertisement

अंबानी मामला : क्या बड़े अफसरों ने सबूतों से छेड़छाड़ में सचिन वाजे की मदद की?

उद्योगपति मुकेश अंबानी के घर एंटीलिया के बाहर जिलेटिन की छड़ों से लदी स्कॉर्पियो कार मिलने के मामले में गिरफ्तार मुंबई पुलिस के अधिकारी सचिन वाजे पर बड़ी कार्रवाई करते हुए उन्हें सोमवार को निलंबित किया जा चुका है। इस बीच प्रारंभिक जांच ने मामले में कुछ प्रमुख पुलिस अधिकारियों की संलिप्तता की ओर भी इशारा किया है।

11:37 PM Mar 16, 2021 IST | Shera Rajput

उद्योगपति मुकेश अंबानी के घर एंटीलिया के बाहर जिलेटिन की छड़ों से लदी स्कॉर्पियो कार मिलने के मामले में गिरफ्तार मुंबई पुलिस के अधिकारी सचिन वाजे पर बड़ी कार्रवाई करते हुए उन्हें सोमवार को निलंबित किया जा चुका है। इस बीच प्रारंभिक जांच ने मामले में कुछ प्रमुख पुलिस अधिकारियों की संलिप्तता की ओर भी इशारा किया है।

उद्योगपति मुकेश अंबानी के घर एंटीलिया के बाहर जिलेटिन की छड़ों से लदी स्कॉर्पियो कार मिलने के मामले में गिरफ्तार मुंबई पुलिस के अधिकारी सचिन वाजे पर बड़ी कार्रवाई करते हुए उन्हें सोमवार को निलंबित किया जा चुका है। इस बीच प्रारंभिक जांच ने मामले में कुछ प्रमुख पुलिस अधिकारियों की संलिप्तता की ओर भी इशारा किया है। 
ऐसी संभावना है कि मुकेश अंबानी के बहुमंजिला आवास एंटीलिया के पास खड़ी विस्फोटक से भरी इस एसयूवी कार के मामले में अधिकारियों ने कथित तौर पर सहायक पुलिस निरीक्षक (एपीआई) सचिन वाजे को सपोर्ट किया था। 
एक केंद्रीय एजेंसी के उच्च पदस्थ सूत्रों से पता चला है कि महत्वपूर्ण सीसीटीवी फुटेज और मुंबई पुलिस मुख्यालय में पार्क किए गए एक आधिकारिक वाहन के रिकॉर्ड से संबंधित सबूतों से छेड़छाड़, कुछ वरिष्ठ अधिकारियों की मिलीभगत का संकेत देती है। 
वाजे से राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की हिरासत में मामले के तथ्यों को पुष्ट करने के लिए पूछताछ की जा रही है। सीधे अपराध में उन्हें जोड़ते हुए, भाजपा प्रवक्ता और विधायक राम कदम ने कहा है कि सचिन वाजे की ओर से शक्तिशाली अधिकारियों के इशारे पर सबूतों से छेड़छाड़ स्पष्ट रूप से दिख रही है। कदम ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा कि सचिन वाजे द्वारा शक्तिशाली अधिकारियों के इशारे पर सबूतों से छेड़छाड़ करना स्पष्ट रूप से बताता है कि वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने आरोपी द्वारा अंजाम दिए जा रहे अपराध से संबंधित महत्वपूर्ण सबूतों पर आंखें मूंद लीं। 
उन्होंने कहा, Òदो चीजें अब तक स्पष्ट हो चुकी हैं। वाजे ने अपराध को अंजाम दिया और एक व्यापारिक घराने को डराने के लिए विस्फोटकों की साजिश रची और सरकार में कुछ शक्तिशाली व्यक्तियों ने उसका समर्थन किया।Ó 
भाजपा नेता ने कहा कि ऐसा लगता है कि अपराध का उद्देश्य देश के शीर्ष व्यापारिक घराने को डराना था, जिसका एक खास मकसद था। कदम ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि वाजे जल्द ही इसकी मंशा को भी कबूलेंगे। 
सूत्रों ने कहा कि एपीआई सचिन वाजे कथित तौर पर एंटीलिया के पास उस जगह पर मौजूद थे, जहां विस्फोटक से भरी एसयूवी खड़ी थी। विवादास्पद एपीआई ने मौके से निकलने के लिए एक एक पुलिस कार (इनोवा) का इस्तेमाल किया। बाद में इनोवा को मुंबई पुलिस आयुक्तालय कार्यालय से जब्त कर लिया गया। 
प्रारंभिक जांच के दौरान, यह पाया गया कि इनोवा को अपराध को अंजाम देने की रात (25 फरवरी) को कमिश्नरी कार्यालय से बाहर लेकर जाया गया था, लेकिन रजिस्टरों पर वाहन की आवाजाही की कोई एंट्री नहीं की गई थी। आधिकारिक मानदंडों के अनुसार, सरकारी वाहन के निकास और प्रवेश को एक रजिस्टर में लॉग इन करना होता है, जब भी यह कार्यालय के अंदर और बाहर जाता है। 
एक और महत्वपूर्ण साक्ष्य जो वाजे को कटघरे में खड़ा करता है, वह है विक्रोली पुलिस स्टेशन में चोरी की गई एसयूवी (महिंद्रा स्कॉर्पियो) की एक एफआईआर का पंजीकरण है। एनआईए अधिकारियों को संदेह है कि एसयूवी कभी चोरी ही नहीं हुई थी। इस वाहन का उपयोग वाजे ही कर रहे थे और उनके आवासीय सोसायटी में इसे पार्क किया गया था। 
जांच में सामने आया है कि अपराध को अंजाम देने के बाद, वाजे ने कथित तौर पर अपनी सोसायटी में खड़ी एसयूवी के सीसीटीवी फुटेज को जब्त करने के लिए डिजिटल वीडियो रिकॉर्डर (डीवीआर) ले लिया। 
एफआईआर दर्ज होने से पहले, विक्रोली पुलिस एसयूवी के ठिकाने को लेकर कोई उचित कदन उठाने में विफल रही, जो कथित तौर पर वाजे के कब्जे में थी। भाजपा के विधायक राम कदम ने कहा, ‘इन मुद्दों से संकेत मिलता है कि वरिष्ठ अधिकारियों की ओर से गंभीर कमी रही है। ऐसा लगता है कि सरकार में किसी शक्तिशाली व्यक्ति के इशारे पर वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा वाजे का बचाव किया जा रहा है।’ 
एनआईए द्वारा अपराध स्थल पर वाजे की उपस्थिति को सत्यापित करने के लिए, जो उन्हें एंटीलिया में विस्फोटक से लदी एसयूवी की पार्किं ग के लिए घटनाओं के अनुक्रम से जोड़ता है, उन्नत फोरेंसिक तकनीकों का उपयोग किया जा सकता है। 
सूत्रों ने बताया कि अपराध स्थल पर पीपीई किट पहने एक व्यक्ति के फुटेज को कैमरे द्वारा कैद किया गया है। संदेह है कि पीपीई सूट पहनने वाला शख्स सचिन वाजे ही रहा होगा। 
जांचकर्ताओं को संदिग्ध की पहचान करने के लिए फोरेंसिक पोडियाट्री तकनीक का उपयोग करने की संभावना है। पोडियाट्री फोरेंसिक में, संदिग्ध की पहचान करने के लिए एक अपराधी के पैरों के निशान और चलने के पैटर्न का अध्ययन किया जाता है। यदि यह परीक्षण मौके पर वाजे की उपस्थिति की पुष्टि करता है, तो इस मामले की तह खुलने में मदद मिलेगी। 
इससे पहले शिवसेना नेता संजय राउत ने एपीआई सचिन वाजे को एक सक्षम अधिकारी कहकर उनका बचाव किया गया है। राउत ने कहा कि मुंबई पुलिस अंबानी मामले की जांच कर रही है और इसकी जांच के लिए केंद्रीय एजेंसी (एनआईए) की कोई जरूरत नहीं है।
Advertisement
Advertisement
Next Article