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महापरिनिर्वाण दिवस पर राष्ट्रपति मुर्मू और PM मोदी ने डॉ. अंबेडकर को दी श्रद्धांजलि, देखें तस्वीर

12:00 PM Dec 06, 2025 IST | Shivangi Shandilya
महापरिनिर्वाण दिवस पर राष्ट्रपति मुर्मू और pm मोदी ने डॉ  अंबेडकर को दी श्रद्धांजलि  देखें तस्वीर
Ambedkar Death Anniversary

Ambedkar Death Anniversary: देश आज भारत रत्न डॉ. बीआर अंबेडकर की पुण्यतिथि महापरिनिर्वाण दिवस पर उन्हें नमन कर रहा है। इसी बीच पीएम मोदी और राष्ट्रपति मुर्मू ने भी श्रद्धांजलि दी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोशल मीडिया पर प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर पोस्ट करते हुए कहा लिखा कि महापरिनिर्वाण दिवस पर वे डॉ. बाबासाहेब अंबेडकर को स्मरण करते हैं। उनकी दूरदर्शी सोच, न्याय और समानता के प्रति अटूट प्रतिबद्धता तथा संवैधानिक मूल्यों ने भारत की विकास यात्रा को दिशा दी है।:

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PM Modi Tribute: एक्स पर ट्वीट कर पीएम मोदी ने लिखा

PM Modi Tribute
PM Modi Tribute

पीएम मोदी ने एक्स पोस्ट के जरिए आगे कहा कि अंबेडकर ने पीढ़ियों को मानव गरिमा और लोकतांत्रिक आदर्शों को मजबूत करने के लिए प्रेरित किया। पीएम मोदी ने कामना की कि बाबासाहेब के आदर्श विकसित भारत के निर्माण में आगे भी हमारा मार्ग रोशन करते रहें।

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President Murmu Tribute: राष्ट्रपति मुर्मू का एक्स ट्वीट

President Murmu Tribute
President Murmu Tribute

वहीं, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने भी नई दिल्ली स्थित संसद भवन परिसर में डॉ. बीआर अंबेडकर की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की। राष्ट्रपति भवन के आधिकारिक 'एक्स' अकाउंट से जारी संदेश में बताया गया कि राष्ट्रपति ने श्रद्धा और सम्मान के साथ बाबासाहेब को नमन किया। राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा है कि अंबेडकर की शिक्षाएं और उनका संघर्ष भारत को एक न्यायपूर्ण, समानता-आधारित समाज बनाने की दिशा में आज भी हमारा मार्गदर्शन करता है।

Ambedkar Jayanti 2025: 6 दिसंबर को क्या हुआ था? (Ambedkar Death Anniversary)

हर वर्ष 6 दिसंबर को यह दिन संविधान निर्माता, सामाजिक न्याय के अग्रदूत और आधुनिक भारत के महान विचारक डॉ. अंबेडकर को याद करने के लिए मनाया जाता है। बता दें कि डॉ. अंबेडकर का निधन 6 दिसंबर 1956 को हुआ था। इसी दिन को महापरिनिर्वाण दिवस के रूप में मनाया जाता है। 1956 में ही बाबासाहेब ने हिंदू धर्म की कुरीतियों और सामाजिक असमानताओं से दुखी होकर बौद्ध धर्म अपनाया था। बौद्ध दर्शन के अनुसार परिनिर्वाण का अर्थ है मृत्यु के बाद पूर्ण मुक्ति, अर्थात सभी इच्छाओं, मोह-माया और सांसारिक बंधनों से पूरी तरह मुक्त होना। यह सर्वोच्च अवस्था बहुत कठिन मानी जाती है और सदाचार व अनुशासित जीवन से ही प्राप्त होती है।

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Shivangi Shandilya

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शिवांगी शांडिल्य पत्रकारिता में पिछले 2 वर्षों से सक्रिय हैं। राजनीति, विदेश, क्राइम के अलावा आद्यात्मिक खबरें लिखना पसंद हैं। गलगोटिया विश्वविद्यालय से बैचलर ऑफ मास कम्यूनिकेशन की पढ़ाई पूरी की है। IGNOU से मास्टर ऑफ मास कम्यूनिकेशन की पढ़ाई जारी है। इस दौर में वेबसाइट पर लिखने का कार्य जारी है। पत्रकारिता की शुरुआत इंडिया न्यूज़ (इनखबर) से हुई, जहां बत्तौर हिन्दी सब-एडिटर के रूप में वेबसाइट पर काम किया। वर्तमान में पंजाब केसरी दिल्ली में हिन्दी सब-एडिटर के तौर पर काम कर रहे हैं। बिहार के मुजफ्फरपुर जिले में जन्म लेने वाली शिवांगी की शिक्षा उनके गृह जिले में ही हुई है। शिवांगी को राजनीतिक घटनाक्रम पर आलेख लिखना बेहद पसंद है।

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