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परमाणु समझौते को बढ़ाने पर अमेरिका और रूस नजर आ रहे हैं सहमत

रूस ने मंगलवार को कहा कि वह परमाणु आयुधों की संख्या को मौजूदा सीमा पर ही बरकरार रखने तथा दोनों देशों के बीच पिछले हथियार नियंत्रण समझौते को एक वर्ष के लिये और बढ़ाने के अमेरिका के प्रस्ताव को स्वीकार करने के लिये तैयार है।

08:46 AM Oct 21, 2020 IST | Desk Team

रूस ने मंगलवार को कहा कि वह परमाणु आयुधों की संख्या को मौजूदा सीमा पर ही बरकरार रखने तथा दोनों देशों के बीच पिछले हथियार नियंत्रण समझौते को एक वर्ष के लिये और बढ़ाने के अमेरिका के प्रस्ताव को स्वीकार करने के लिये तैयार है।

रूस ने मंगलवार को कहा कि वह परमाणु आयुधों की संख्या को मौजूदा सीमा पर ही बरकरार रखने तथा दोनों देशों के बीच पिछले हथियार नियंत्रण समझौते को एक वर्ष के लिये और बढ़ाने के अमेरिका के प्रस्ताव को स्वीकार करने के लिये तैयार है। वहीं अमेरिका ने भी कहा कि वह करार के लिये तैयार है। अमेरिकी विदेश विभाग की प्रवक्ता मॉर्गन ओर्टागस ने रूस की पेशकश का स्वागत करते हुए कहा कि अमेरिका तेजी से समझौते को लागू करने के लिये तैयार है। 
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ओर्टागस ने एक बयान में कहा, “परमाणु हथियार नियंत्रण के मुद्दे पर प्रगति के लिये रूस की इच्छा की हम सराहना करते हैं।” उन्होंने कहा, “अमेरिका एक सत्यापन योग्य समझौते को अंतिम रूप देने के लिए तुरंत मिलने के लिए तैयार है। हमें उम्मीद है कि रूस अपने राजनयिकों को ऐसा करने के लिए शक्तियां देगा।” 
इससे पहले रूस के विदेश मंत्रालय का बयान इस मामले को लेकर उसके पूर्व के रुख से इतर है। रूस और अमेरिका दोनों ने फरवरी में खत्म हुई ‘न्यू स्टार्ट’ संधि के संदर्भ में एक दूसरे के प्रस्तावों को खारिज कर दिया था। बयान के मुताबिक, मंत्रालय ने कहा कि अगर अमेरिका भी ऐसा करता है तो वह करार के लिये तैयार है और कोई अतिरिक्त मांग नहीं करता। 
‘न्यू स्टार्ट’ संधि पर 2010 में तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा और तत्कालीन रूसी राष्ट्रपति दमित्री मेदमेदेव ने हस्ताक्षर किये थे। यह संधि प्रत्येक देश को 1,550 से ज्यादा तैनात परमाणु आयुधों और 700 प्रक्षेपास्त्रों और बमवर्षक परमाणु आयुधों से ज्यादा की तैनाती की इजाजत नहीं देती। इसमें अनुपालन के प्रमाणन के लिये मौके पर जाकर निरीक्षण करने का भी प्रावधान है। दोनों देशों के बीच फिलहाल ‘न्यू स्टार्ट’ एक मात्र परमाणु हथियार नियंत्रण करार है। 

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