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अमेरिका ने कोरोना मरीजों में प्रतिरक्षा नापने के लिए शुरू किए क्लीनिकल ट्रायल

अमेरिका के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ (एनआईएच) ने अस्पताल में भर्ती कोविड-19 के वयस्क मरीजों में 3 इम्युनिटी मॉड्युलेटर ड्रग्स की सुरक्षा और प्रभाव का मूल्यांकन करने के लिए तीसरे चरण का क्लीनिकल ट्रायल शुरू किया है।

01:17 PM Oct 17, 2020 IST | Desk Team

अमेरिका के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ (एनआईएच) ने अस्पताल में भर्ती कोविड-19 के वयस्क मरीजों में 3 इम्युनिटी मॉड्युलेटर ड्रग्स की सुरक्षा और प्रभाव का मूल्यांकन करने के लिए तीसरे चरण का क्लीनिकल ट्रायल शुरू किया है।

अमेरिका में वैश्विक महामारी (कोविड-19) से गंभीर रूप से जूझ रहे अमेरिका में इसके संक्रमण से 2.18 लाख से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। अमेरिका में यह महामारी विकराल रूप ले चुकी है और अब तक 80 लाख से अधिक लोग इससे संक्रमित हो चुके हैं। 
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इसी बीच अमेरिका के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ (एनआईएच) ने अस्पताल में भर्ती कोविड-19 के वयस्क मरीजों में 3 इम्युनिटी मॉड्युलेटर ड्रग्स की सुरक्षा और प्रभाव का मूल्यांकन करने के लिए तीसरे चरण का क्लीनिकल ट्रायल शुरू किया है। 
दरअसल, कोविड-19 रोगियों में इम्यून प्रतिक्रिया का अनुभव हुआ, जिनके इम्यून सिस्टम ने ढेर सारा प्रोटीन रिलीज किया और उसने इनफ्लेमेशन को बढ़ावा दिया। इस क्लीनिकल ट्रायल का उद्देश्य यह निर्धारित करना है कि क्या इम्यून को लेकर मिलने वाली प्रतिक्रिया वेंटिलेटर की जरूरत को कम कर सकती है और मरीजों के अस्पताल में रुकने के समय को कम कर सकती है। 
समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, एक्टिव -1 इम्यून मॉड्यूलेटर नाम का ट्रायल यह निर्धारित करेगा कि चिकित्सा बेहद सक्रिय इम्यून सिस्टम के लिए संतुलन ला सकती है या नहीं। इस ट्रायल को संयुक्त राज्य अमेरिका और लैटिन अमेरिका की कोविड अस्पतालों में भर्ती करीब 2,100 मरीजों पर किए जाने की उम्मीद है। 
ट्रायल में शामिल लोगों को एक प्लेसबो या इम्यून मॉड्यूलेटर दिया गया। एनआईएच के अनुसार, बीमारी की गंभीरता, ठीक होने की गति, मृत्यु दर और अस्पतालों के संसाधन के उपयोग के संबंध में विभिन्न प्रकार के कॉम्बिनेशन का अध्ययन करेगी। 

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