भारत की स्वतंत्र और गुटनिरपेक्ष नीति पर अमेरिका ने तोड़ी चुप्पी, कहा- बातचीत जारी है, पूरी तरह से...
यूक्रेन में रूस के हमले के बाद राष्ट्रपति जो बाइडन ने गुरुवार को कहा कि रूस के सैन्य अभियान के बाद यूक्रेन में संकट पर अमेरिका भारत के साथ विचार-विमर्श कर रहा है।
02:06 PM Feb 25, 2022 IST | Desk Team
यूक्रेन में रूस के हमले के बाद राष्ट्रपति जो बाइडन ने गुरुवार को कहा कि रूस के सैन्य अभियान के बाद यूक्रेन में संकट पर अमेरिका भारत के साथ विचार-विमर्श कर रहा है। गुरुवार को एक टेलीविजन संबोधन में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा कि यूक्रेन में एक सैन्य अभियान शुरू करने का उनका कदम पड़ोसी देश से उत्पन्न खतरों के जवाब में आया है। उन्होंने अन्य देशों को भी चेतावनी दी कि यदि उन्होंने रूसी सैन्य अभियान में हस्तक्षेप करने का प्रयास किया तो वे “परिणाम देखेंगे जो उन्होंने कभी नहीं देखे।”
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भारत के रुख पर अमेरिका ने तोड़ी चुप्पी
यूक्रेन संकट पर व्हाइट हाउस में संवाददाता सम्मेलन के दौरान बाइडन ने कहा, “हम भारत के साथ (यूक्रेनी संकट पर) विचार-विमर्श कर रहे हैं। हमने इसे पूरी तरह से सुलझाया नहीं है।” वह इस सवाल का जवाब दे रहे थे कि क्या भारत रूसी आक्रमण पर संयुक्त राज्य अमेरिका के साथ पूरी तरह से जुड़ा हुआ है। समझा जाता है कि यूक्रेन संकट को लेकर भारत और अमेरिका एक जैसे विचार नहीं रखते हैं। रूस के साथ भारत की ऐतिहासिक और समय की कसौटी पर खरी उतरी मित्रता है। साथ ही, अमेरिका के साथ उसकी रणनीतिक साझेदारी पिछले डेढ़ दशक में अभूतपूर्व गति से बढ़ी है।
जयशंकर ने यूक्रेन संकट पर अमेरिकी विदेश मंत्री ब्लिंकन से की बात
इस बीच विदेश मंत्री जयशंकर ने यूक्रेन में चल रहे घटनाक्रम को लेकर अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन के साथ हुई बातचीत के बारे में भी बताया । जयशंकर ने गुरुवार की रात एक ट्वीट में कहा कि ब्लिंकन के साथ यूक्रेन में चल रहे घटनाक्रम और उसके प्रभावों पर चर्चा हुई। उन्होंने कहा, ‘‘ ब्लिंकन से फोन पर हुई बातचीत की सराहना करता हूं। यूक्रेन में चल रहे घटनाक्रम और इसके प्रभावों पर चर्चा की। वहीं, अमेरिकी विदेश विभाग ने कहा कि ब्लिंकन ने जयशंकर से रूस द्वारा यूक्रेन पर बिना सोचे-समझे, बिना उकसावे के और अनुचित हमला किए जाने के बारे में चर्चा की।
यूक्रेन संकट पर भारत का समर्थन चाहता है अमेरिका
ऐसा माना जाता है कि व्हाइट हाउस, विदेश विभाग और इसकी राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद से लेकर विभिन्न स्तरों पर बाइडन प्रशासन यूक्रेनी संकट पर पूर्ण समर्थन की मांग करते हुए कई स्तरों पर अपने भारतीय समकक्षों तक पहुंच गया है। पत्रकारों के साथ पृष्ठभूमि में ब्रीफिंग के दौरान प्रशासन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में यूक्रेन के संकट पर भारत के रुख से संबंधित सवालों को टाल दिया। हालांकि, परदे के पीछे अमेरिकी अधिकारियों ने नवीनतम भारतीय स्थिति पर अपने भारतीय समकक्षों के साथ अपनी नाराजगी व्यक्त की है।
भारत ने बना रखी है रणनीतिक स्वतंत्रता
बताते चलें की रूस और यूक्रेन के बीच जारी संकट में भारत ने अपनी रणनीतिक स्वतंत्रता बनाए रखी है, पीएम मोदी ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ टेलीफोन पर बात की। इस दौरान उन्होंने भारत के लंबे समय से दृढ़ विश्वास को दोहराया कि रूस और नाटो समूह के बीच मतभेदों को केवल ईमानदार बातचीत के माध्यम से ही सुलझाया जा सकता है। विदेश मंत्रालय द्वारा जारी एक रीडआउट के अनुसार, प्रधान मंत्री ने हिंसा को तत्काल समाप्त करने की अपील की और राजनयिक वार्ता के रास्ते पर लौटने के लिए सभी पक्षों से ठोस प्रयास करने का आह्वान किया।
राष्ट्रपति पुतिन ने कही थी यह बात
राष्ट्रपति पुतिन ने गुरुवार सुबह एक टेलीविज़न संबोधन में घोषणा करते हुए कहा था कि डोनबास गणराज्य के प्रमुख के अनुरोध के जवाब में आठ साल के लिए कीव शासन द्वारा लोगों की रक्षा के लिए एक विशेष सैन्य अभियान चलाने का निर्णय लिया है जो “दुर्व्यवहार और नरसंहार से पीड़ित हैं।” पुतिन ने कहा कि मास्को की यूक्रेन के क्षेत्रों पर कब्जा करने की कोई योजना नहीं है। रूस के रक्षा मंत्रालय ने बताया कि रूसी सैनिक सटीक हथियारों का उपयोग करके यूक्रेनी सैन्य बुनियादी ढांचे को नष्ट कर रहे थे। वहीं, रूस को पश्चिमी वित्तीय बाजारों तक पहुंचने से रोकने के लिए अमेरिका पहले ही कई प्रतिबंधों की घोषणा कर चुका है।
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