टैरिफ वॉर के बीच भारत ने अमेरिका भेजी अनार की खेप, व्यापार में सुधार की उम्मीद
अमेरिका को अनार निर्यात कर भारत ने टैरिफ वॉर में बनाई बढ़त
भारत और अमेरिका के बीच नए व्यापार समझौते के तहत भारतीय केसर अनार को पहली बार अमेरिकी बाजारों में भेजा गया है। 4,200 डिब्बे अनार न्यूयॉर्क पहुंचे हैं। इस समझौते से व्यापार में सुधार की उम्मीद है और 2030 तक भारत-अमेरिका व्यापार को 500 अरब डॉलर तक बढ़ाने में मदद मिलेगी।
भारत और अमेरिका के बीच हुए नए व्यापार समझौते ने भारतीय केसर अनार को अमेरिकी बाजारों में पहुंचा दिया है। अनार के 4,200 डिब्बे समुद्री मार्ग से न्यूयॉर्क पहुंचे हैं। इस समझौते की वजह से पिछले साल अनार के निर्यात में बढ़ोतरी हुई है। उम्मीद है कि इससे 2030 तक भारत और अमेरिका के बीच व्यापार को 500 अरब डॉलर तक बढ़ाने में भी मदद मिलेगी।
पहले भारतीय अनार को अमेरिका भेजना आसान नहीं था। सख्त नियमों और लंबी दूरी के कारण किसानों को दिक्कतों का सामना करना पड़ता था। लेकिन 2023 में भारत और अमेरिका ने एक खास समझौते पर हस्ताक्षर किए, जिसके तहत भारतीय अनार को समुद्री रास्ते से अमेरिका भेजा जाने लगा। इस समझौते से सबसे ज्यादा फायदा भारत के सबसे बड़े अनार उत्पादक राज्य महाराष्ट्र को हो रहा है।
कब भेजी गई खेप?
फरवरी 2024 में 4,200 बक्से या 12.6 टन फलों की खेप नई दिल्ली से अमेरिका के लिए रवाना की गई थी। जिसके बाद अब यह खेप न्यूयॉर्क पहुंच गई है। एपीडा ने किसानों की मदद के लिए कई कदम उठाए। उन्होंने अनार को सही तरीके से पैक करने और उन्हें ताजा रखने का प्रशिक्षण दिया। इसके अलावा एपीडा के अध्यक्ष अभिषेक देव ने कहा कि भारतीय आम पहले ही लगभग 3,500 टन के वार्षिक निर्यात तक पहुंच चुके हैं और हमें उम्मीद है कि आने वाले वर्षों में अनार भी इसी तरह की मजबूत संख्या तक पहुंच जाएगा।
बागवानी फसलों का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक है भारत
महाराष्ट्र, गुजरात, कर्नाटक, राजस्थान और आंध्र प्रदेश जैसे राज्य अनार के प्रमुख उत्पादक हैं। निर्यात को बढ़ावा देने और आपूर्ति श्रृंखला की बाधाओं को दूर करने के उद्देश्य से एपीडा ने विशेष रूप से अनार के लिए एक निर्यात संवर्धन मंच (ईपीएफ) की स्थापना की है। भारत ने वित्त वर्ष 2023-24 में 690.8 मिलियन डॉलर मूल्य के 72,011 टन अनार का निर्यात किया।
इस साल भारत से अनार के निर्यात में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। वित्त वर्ष 2024-25 में अप्रैल-जनवरी के दौरान निर्यात में 21 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, जिसका मूल्य 597.6 मिलियन डॉलर है। प्रमुख निर्यात गंतव्यों में संयुक्त अरब अमीरात (यूएई), बांग्लादेश, नेपाल, नीदरलैंड, सऊदी अरब, श्रीलंका, थाईलैंड, बहरीन, ओमान और अमेरिका शामिल हैं।
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