Top NewsIndiaWorldOther StatesBusiness
Sports | CricketOther Games
Bollywood KesariHoroscopeHealth & LifestyleViral NewsTech & AutoGadgetsvastu-tipsExplainer
Advertisement

जेपी की जन्मस्थली से CM नीतीश पर भड़के शाह, पूछा-क्या यही है जय प्रकाश नारायण के सिद्धांतों की राजनीति?

अमित शाह ने कहा कि जेपी आंदोलन से ऊंचाईयां हासिल करने वाले नेता आज सिर्फ सत्ता के लिए कांग्रेस की गोद में उनका नाम लेकर बैठे हैं।

03:00 PM Oct 11, 2022 IST | Desk Team

अमित शाह ने कहा कि जेपी आंदोलन से ऊंचाईयां हासिल करने वाले नेता आज सिर्फ सत्ता के लिए कांग्रेस की गोद में उनका नाम लेकर बैठे हैं।

केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह लोकनायक जयप्रकाश नारायण (Jayprakash Narayan) की जयंती पर उनकी जन्मस्थली सिताब दियारा पहुंचे है। उनके साथ उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी मौजूद रहे। बिहार व उत्‍तर प्रदेश के सीमावर्ती क्षेत्र से अमित शाह ने नई महागठबंधन सरकार और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर ज़ोरदार हमला बोला।
Advertisement
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर हमलावर हुए अमित शाह ने कहा कि मैं आज बिहार की जनता से पूछना चाहता हूं कि जेपी आंदोलन से ऊंचाईयां हासिल करने वाले नेता आज सिर्फ सत्ता के लिए कांग्रेस की गोद में उनका नाम लेकर बैठे हैं-क्या आप उनके साथ हैं? क्या यही है जय प्रकाश नारायण के सिद्धांतों की राजनीति? 
उन्होंने कहा कि यह उनके (जय प्रकाश नारायण) द्वारा दिखाया गया मार्ग नहीं है। उन्होंने सत्ता के लिए कभी कुछ नहीं किया और जीवन भर सिद्धांतों के लिए काम किया। लेकिन आज सत्ता के लिए बिहार के सीएम ने 5 बार पाला बदला। बिहार की जनता को तय करना है कि जेपी की राह पर चलने वाली नरेंद्र मोदी की सरकार चाहिए या उनके सिद्धांतों से भटक चुके लाेगाें की।
जेपी के आंदोलन से परशान हो गईं इंदिरा 
गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि लोकनायक जयप्रकाश नारायण जी ने अपना पूरा जीवन भूमिहीनों के लिए, गरीबों, दलितों और पिछड़ों के लिए गुजारा है। उन्होंने समाजवाद की विचारधारा और जाति विहीन समाज की रचना की कल्पना लेकर अनेकों परिकल्पनाएं कीं। 
उन्होंने कहा कि जब 70 के दशक में भ्रष्टाचार और सत्ता में चूर शासन के अधिकारियो ने देश में इमरजेंसी डालने का काम किया, तब जयप्रकाश जी ने उसके खिलाफ बहुत बड़ा आंदोलन किया। आंदोलन को देखकर बिहार के गांधी मैदान में रैली करने वाली इंदिरा गांधी परेशान हो गईं। देश के पीएम को देश में आपातकाल लगाने और जयप्रकाश नारायण को जेल में डालने के लिए मजबूर किया गया।
…नहीं रोक पाईं इंदिरा की यातना 
जय प्रकाश नारायण का सबसे बड़ा योगदान तब था जब उन्होंने भ्रष्टाचार के खिलाफ और सत्ता में नशे में धुत एक सरकार के खिलाफ बड़े पैमाने पर आंदोलन शुरू किया, जिसने 70 के दशक में आपातकाल लगाया था। 1942 के ‘भारत छोड़ो आंदोलन’ में हजारीबाग की जेल जिस​को न रोक सकी। उस जयप्रकाश को इंदिरा जी की यातना न रोक पाई। जब इमरजेंसी उठी तो जेपी जी ने पूरे विपक्ष को एक किया और देश में पहली गैर कांग्रेसी सरकार बनाने का काम जयप्रकाश नारायण जी ने किया। 
अमित शाह ने कहा, 1973 में, इंदिरा जी के नेतृत्व में, गुजरात में कांग्रेस की सरकार थी, जिसमें चिमन पटेल मुख्यमंत्री थे। इंदिरा जी ने सार्वजनिक रूप से सरकारों को पैसा इकट्ठा करने का काम दिया, भ्रष्टाचार शुरू हुआ। गुजरात में छात्रों ने विरोध किया और इस आंदोलन का नेतृत्व जय प्रकाश नारायण ने किया और गुजरात में सरकार बदल दी।
Advertisement
Next Article