राजनीति छोड़ने के बाद ये काम करेंगे अमित शाह, खुद किया खुलासा
अहमदाबाद: देश के गृह और सहकारिता मंत्री अमित शाह ने बुधवार को एक कार्यक्रम में अपने रिटायरमेंट के बाद की योजनाओं को लेकर दिलचस्प और निजी बातें साझा कीं। अहमदाबाद में ‘सहकार संवाद’ कार्यक्रम के दौरान उन्होंने कहा कि राजनीति से अलग होने के बाद वह अपना समय वेद, उपनिषद और प्राकृतिक खेती को समर्पित करना चाहते हैं। अमित शाह ने कहा, "मैंने तय किया है कि रिटायरमेंट के बाद जीवन वेद, उपनिषद और प्राकृतिक खेती को दूंगा।"
रासायनिक खेती पर उठाए सवाल
अमित शाह ने रासायनिक खाद से होने वाले नुकसान पर चिंता जताई और कहा कि इससे कैंसर, बीपी, डायबिटीज और थायरॉइड जैसी बीमारियां बढ़ रही हैं। उन्होंने कहा कि यदि हम बिना रसायन वाले खाद्य पदार्थ खाएं तो दवाइयों की ज़रूरत ही नहीं पड़ेगी। उन्होंने यह भी बताया कि उन्होंने खुद अपने खेत में प्राकृतिक खेती अपनाई है और इससे उनकी उपज डेढ़ गुना बढ़ी है।
पर्यावरण को भी होता है फायदा
शाह ने बताया कि प्राकृतिक खेती से मिट्टी की नमी बनी रहती है और बारिश का पानी खेत में ही सोख लिया जाता है। जबकि रासायनिक खेती से पानी बहकर बाहर निकल जाता है, जिससे जल संरक्षण में बाधा आती है। उन्होंने कहा, "केचुए ही धरती के असली यूरिया, डीएपी और एमपीके बनाने वाले हैं। लेकिन रासायनिक खाद ने इन्हें खत्म कर दिया है।"
सहकारिता मंत्रालय को बताया खास
कार्यक्रम में अमित शाह ने यह भी कहा कि उन्हें जब गृह मंत्री बनाया गया तो सभी ने इसे बहुत बड़ी जिम्मेदारी बताया। लेकिन जब उन्हें सहकारिता मंत्री बनाया गया तो उन्हें लगा कि यह विभाग किसानों, गांवों और गरीबों के लिए कहीं अधिक महत्वपूर्ण है। कार्यक्रम में गुजरात, मध्य प्रदेश और राजस्थान की सहकारी संस्थाओं से जुड़ी महिलाओं ने भी अपने अनुभव साझा किए। शाह ने उनके कार्यों की सराहना की और कहा कि सहकारिता के ज़रिए देश में बड़ा सामाजिक परिवर्तन लाया जा सकता है।