नागा मुद्दे पर चर्चा के लिए मणिपुर का दौरा कर सकते हैं अमित शाह
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह विभिन्न हितधारकों के साथ राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण नागा मुद्दे पर चर्चा करने के लिए इस महीने मणिपुर का दौरा कर सकते हैं।
02:22 AM Nov 14, 2020 IST | Shera Rajput
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह विभिन्न हितधारकों के साथ राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण नागा मुद्दे पर चर्चा करने के लिए इस महीने मणिपुर का दौरा कर सकते हैं।
अधिकारियों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।
नागालैंड के मुख्यमंत्री नीफिउ रियो के नेतृत्व वाली सरकार के एक अधिकारी ने कहा कि शाह की मणिपुर यात्रा की भूमिका के तौर पर असम के वित्त और स्वास्थ्य मंत्री हेमंत बिसवा सरमा ने दो दिन पहले कोहिमा का दौरा किया और मुख्यमंत्री के साथ एक मैराथन बैठक की।
हालांकि सरमा ने नागालैंड के मुख्यमंत्री के साथ अपनी चर्चा के किसी भी बिंदु का खुलासा करने से इनकार कर दिया, लेकिन भाजपा नेता के करीबी सूत्रों ने कहा है कि उन्हें शाह द्वारा नागालैंड में नागा मुद्दे के संदर्भ में राजनीतिक स्थिति का अध्ययन करने का काम सौंपा गया है। इसके अलावा उन्हें नागरिक समाज समूहों सहित विभिन्न व्यक्तित्व, राजनीतिक दल और समूहों के साथ चर्चा आयोजित करने का काम भी दिया गया है।
सरमा भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाले नॉर्थ ईस्ट डेमोक्रेटिक अलायंस (एनईडीए) के संयोजक हैं, जो पूर्वोत्तर राज्यों के विभिन्न क्षेत्रीय और राष्ट्रीय राजनीतिक दलों का समूह है।
नागालैंड का दौरा करने से पहले, सरमा ने गुवाहाटी में मीडिया से कहा कि केंद्र नागा मुद्दे के अंतिम समाधान की दिशा में काम कर रहा है, जो नागा समाज के अद्वितीय इतिहास और परंपराओं के साथ चलता है।
उन्होंने कहा, मैं ²ढ़ता से महसूस करता हूं कि अगर नागा नेतृत्व समझौते पर हस्ताक्षर करना चाहता है, तो यह सही समय है। मैं एक बार फिर उनसे अपील करता हूं कि वे समझौते पर हस्ताक्षर करें और नागालैंड को एक टिकाऊ समाधान का नेतृत्व करें। पूरा पूर्वोत्तर इसके लिए तत्पर है।
असम के मंत्री ने कहा, नागा मुद्दे पर सहजता होनी चाहिए। भारत सरकार ने इस मुद्दे पर सभी संबंधित पूर्वोत्तर राज्यों को विश्वास में लिया है।
इंफाल में केंद्रीय गृह मंत्री की मणिपुर की यात्रा की पुष्टि करते हुए, मुख्यमंत्री एन. बिरेन सिंह ने मीडिया से कहा कि शाह ने मणिपुर में नागा मुद्दे पर चर्चा करने के लिए सभी चुने हुए प्रतिनिधियों और अन्य हितधारकों से मिलने की इच्छा व्यक्त की थी, जिनमें नागरिक समाज (सिविल सोसायटी) संगठनों के सदस्य भी शामिल हैं।
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