जम्मू-कश्मीर में विकास परियोजनाओं पर अमित शाह की समीक्षा बैठक
जम्मू-कश्मीर में विकास और सुरक्षा पर अमित शाह की दो महत्वपूर्ण बैठकें…
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह जम्मू-कश्मीर के दौरे पर हैं। उन्होंने जम्मू-कश्मीर में जारी विकास परियोजनाओं और वर्तमान सुरक्षा स्थिति की समीक्षा करने के लिए मंगलवार को दो बैठकों की अध्यक्षता की। अमित शाह ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में कहा, आज (मंगलवार को) जम्मू-कश्मीर में विकास परियोजनाओं की समीक्षा की। मोदी सरकार एक विकसित जम्मू-कश्मीर के निर्माण के लिए दृढ़ संकल्प के साथ काम कर रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अथक प्रयासों से विकास और कल्याणकारी पहलों के माध्यम से हर नागरिक के लिए समृद्धि के एक नए युग की शुरुआत हो रही है। जम्मू-कश्मीर हर क्षेत्र में विकास के पथ पर तेजी से आगे बढ़ रहा है।
शाह ने सुरक्षा को लेकर की समीक्षा बैठक
शाह ने एक और पोस्ट में कहा, उपराज्यपाल मनोज सिन्हा और वरिष्ठ अधिकारियों के साथ जम्मू-कश्मीर के लिए सुरक्षा समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की। मोदी सरकार के बहुआयामी सुरक्षा दृष्टिकोण के माध्यम से एजेंसियों ने जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद को पंगु बना दिया है। आतंकवाद को हमेशा के लिए जड़ से उखाड़ फेंकने के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए उन्नत सतर्कता और निर्बाध आपसी समन्वय द्वारा आतंकवाद विरोधी हमलों को और तेज करने का निर्देश दिया गया है। मोदी सरकार सुरक्षित और समृद्ध जम्मू-कश्मीर के निर्माण के लिए प्रतिबद्ध है। अधिकारियों के अनुसार, राजभवन में आयोजित विकास समीक्षा बैठक में उपराज्यपाल मनोज और सीएम उमर अब्दुल्ला के अलावा केंद्रीय गृह मंत्रालय एवं जम्मू-कश्मीर सरकार के शीर्ष अधिकारियों ने हिस्सा लिया।
विकास परियोजनाओं को लेकर हुई बैठक
विकास परियोजनाओं और कार्यों की समीक्षा बैठक लगभग दो घंटे चली। इसके बाद जम्मू-कश्मीर की सुरक्षा स्थिति का जायजा लेने के लिए अमित शाह की दूसरी समीक्षा बैठक हुई, जो लगभग ढाई घंटे तक चली। बता दें कि जम्मू-कश्मीर में अलगाववादी संगठन हुर्रियत को मंगलवार को झटका लगा। तीन बड़े संगठनों ने हुर्रियत कॉन्फ्रेंस से नाता तोड़ लिया है। इसकी जानकारी खुद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के जरिए दी थी। अमित शाह ने एक्स पर लिखा था, जम्मू-कश्मीर इस्लामिक पॉलिटिकल पार्टी, जम्मू-कश्मीर मुस्लिम डेमोक्रेटिक लीग और कश्मीर फ्रीडम फ्रंट जैसे तीन और संगठनों ने हुर्रियत से खुद को अलग कर लिया है। यह घाटी के लोगों में भारत के संविधान के प्रति विश्वास का एक प्रमुख प्रदर्शन है।