वंश वृद्धि और अक्षय पुण्य के लिए आंवला नवमी पर ऐसे करें व्रत और पूजन
11:43 AM Oct 30, 2025 IST | Khushi Srivastava
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Amla Navami 2025 Vrat ke Fayde: पंचांग के अनुसार, कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की नवमी को अक्षय नवमी मनाई जाती है, जिसे आंवला नवमी के नाम से भी जानते हैं। इस दिन को इच्छा नवमी, कूष्मांड नवमी, आरोग्य नवमी, धातृ नवमी आदि नामों से भी जाना जाता है। इस साल आंवला नवमी शुक्रवार 31 अक्टूबर 2025 को मनाया जाएगा।
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हिन्दू धर्म में इस तिथि को अत्यंत शुभ और फलदायी माना गया है। माना जाता है कि इस दिन किए गए दान, पूजन और शुभ कार्यों का फल कभी नष्ट नहीं होता, इसलिए इसे ‘अक्षय’ कहा गया है। आयुर्वेद में आंवले को अमृत के समान माना गया है।
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आंवला नवमी के दिन आंवला खाने, उसके पेड़ के नीचे भोजन करने और आंवले का दान करने से रोगों से मुक्ति और उत्तम स्वास्थ्य की प्राप्ति होती है। यह भी कहा जाता है कि इसी दिन सतयुग का आरंभ हुआ था, जिससे इस तिथि का महत्व और बढ़ जाता है।
Amla Navami 2025 Vrat ke Fayde: आंवला नवमी पर व्रत का महत्व

आंवला नवमी पर व्रत रखने का खास महत्व होता है। इस दिन व्रत और पूजा करने से परिवार में सुख और समृद्धि आती है अथवा वंश वृद्धि का आशीर्वाद मिलता है। आंवला नवमी के दिन भगवान विष्णु और आंवले के पेड़ की पूजा की जाती है।
मान्यताएं है कि आंवला के पेड़ में खुद भगवान विष्णु का वास होता है। इसलिए आंवला नवमी के दिन भक्त आंवले के वृक्ष के नीचे दीप जलाते हैं, जल अर्पित करते हैं और विधि-विधान से पूजा-अर्चना करते हैं।
माना जाता है कि इस दिन जो भक्त आंवले के वृक्ष के नीचे बैठकर भोजन करते हैं, उन्हें अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है। इस दिन आंवले का सेवन अमृत के समान माना गया है। आंवला नवमी का व्रत रखकर वैवाहिक सुख, संतान की तरक्की और लंबी उम्र की कामना से भी किया जाता है।
Amla Navami 2025 Vrat Vidhi: अक्षय नवमी पर ऐसे करें व्रत

अक्षय नवमी के दिन आंवले के वृक्ष की विशेष पूजा की जाती है। धार्मिक मान्यता है कि सूर्योदय से पहले स्नान और ध्यान कर लेना चाहिए। इसके बाद आंवले के पेड़ की जड़ में दूध और शुद्ध जल अर्पित करें। फिर रोली, चंदन, अक्षत, धूप, दीप, फूल और फल चढ़ाकर पूरे विधि-विधान से पूजा करें। आंवले के पेड़ की पूजा करने के बाद उसकी सात परिक्रमा अवश्य करनी चाहिए।
मान्यता है कि ऐसा करने से भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त होती है, जिससे जीवन में सुख-समृद्धि बनी रहती है। साथ ही, इस दिन आंवले को प्रसाद के रूप में ग्रहण करने से अच्छे स्वास्थ्य और आरोग्य का आशीर्वाद मिलता है।
Amla Navami 2025 Shubh Muharat: पूजा का शुभ मुहूर्त

आंवला नवमी पर पूजा करने का सबसे शुभ समय पूर्वाह्न (सुबह का समय) माना जाता है। इस दिन पूजा के लिए उत्तम समय 31 अक्टूबर 2025, शुक्रवार को सुबह 6:32 बजे से 10:03 बजे तक रहेगा। नवमी तिथि 30 अक्टूबर सुबह 10:06 बजे से शुरू होकर 31 अक्टूबर सुबह 10:03 बजे तक रहेगी। इस समय के भीतर की गई पूजा विशेष फलदायी मानी जाती है।
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