Amla Navami Katha in Hindi: जब एक पेड़ बना वरदान का द्वार! आंवला नवमी पर जरूर पढ़ें ये कथा, घर से दूर होगी दरिद्रता
Amla Navami Katha in Hindi:आंवला नवमी, जिसे अक्षय नवमी के नाम से भी जाना जाता है। हिन्दू धर्म में यह दिन बहुत ही शुभ और पुण्यदायी माना जाता है। यह पर्व कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की नवमी को मनाया जाता है। मान्यता है कि इस दिन किए गए दान, पूजन और शुभ कार्यों का फल कभी नष्ट नहीं होता, इसलिए इसे ‘अक्षय’ कहा गया है।
इस दिन आंवला खाने, उसके पेड़ के नीचे भोजन करने और आंवले का दान करने से रोगों से मुक्ति और उत्तम स्वास्थ्य की प्राप्ति होती है। मान्यता है कि इस दिन भगवान विष्णु ने आंवले के वृक्ष में निवास किया था। इसलिए इस पर्व पर आंवले का बहुत महत्व है। इस दिन व्रती महिलाएं भगवान विष्णु और आंवले के वृक्ष की पूजा कर अपने परिवार के लिए सुख-समृद्धि की कामना करती हैं। आइए जानते हैं आंवला नवमी से जुड़ी पौराणिक कथा-
Amla Navami Katha in Hindi: इस कथा का पाठ जरूर करें
पौराणिक कथा के अनुसार, एक बार माता लक्ष्मी पृथ्वी पर भ्रमण कर रही थी। भ्रमण करते हुए उनके मन में भगवान विष्णु और शिव जी की एक साथ पूजा करने की इच्छा प्रकट हुई। फिर वह सोचने लगी कि दोनों देवताओं की पूजा एक साथ कैसे कर सकते हैं। तभी उन्हें रास्ते में आंवले का पेड़ दिखाई दिया। तब उन्होंने महसूस किया कि भगवान विष्णु को तुलसी और भगवान शिव को बेल प्रिय है दोनों के गुण इस एक पेड़ में समाए हुए हैं।
तब लक्ष्मी माता ने आंवले के पेड़ को भगवान विष्णु और शिव का प्रतिक मानकर विधि-विधान से पूजा-अर्चना की। माता लक्ष्मी की पूजा से प्रसन्न होकर भगवान विष्णु और शिव प्रकट हुए। तीनों लोकों के देवों को एक साथ देखकर माता लक्ष्मी भाव-विभोर हो गई। तब माता लक्ष्मी ने आंवले के पेड़ के नीचे बैठकर भोजन तैयार किया। सबसे पहले उन्होंने भगवान विष्णु और शिव को भोजन परोसा, उसके बाद खुद उसे प्रसाद के रूप में ग्रहण किया।
कहते हैं कि ये घटना कार्तिक शुक्ल नवमी के दिन हुई थी। तभी से इस तिथि पर आंवले के पेड़ की पूजा और उसके नीचे भोजन पकाकर खाने की परंपरा शुरू हुई। कहते हैं कि जो भी इस दिन आंवले के पेड़ की पूजा करते हैं, उन्हें अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है और माता लक्ष्मी का आशीर्वाद उनपर बना रहता है।
Akshay Navami ke Din Kya Kare: अक्षय नवमी पर करें ये 6 काम
- अक्षय नवमी के दिन आंवले के पेड़ की जड़ में दूध और शुद्ध जल अर्पित करें।
- इसके बाद आंवले के पेड़ को रोली, अक्षत, दीप-धूप, पुष्प और फल अर्पित करें।
- आंवले के पेड़ के पेड़ की सात बार परिक्रमा अवश्य करें।
- अक्षय नवमी के दिन आंवले के पेड़ के नीचे बैठकर भोजन पकाने और उसका सेवन करने से अच्छे स्वास्थ्य की प्राप्ति होती है।
- इस दिन सात प्रकार के अनाज जैसे- गेहूं, चावल, मक्का, जौ, तिल, चना और बाजरा दान करना शुभ होता है।
- जरूरतमंदों को अन्न, वस्त्र और धन का दान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है। घर में कभी अन्न की कमी नहीं होती।
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