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अमृतपाल सिंह की NSA के तहत हिरासत बढ़ाई गई,कट्टरपंथी विचारधारा पर उठते रहे हैं सवाल

सांसद अमृतपाल सिंह की NSA के तहत हिरासत में बढ़ोतरी

06:54 AM Apr 20, 2025 IST | Aishwarya Raj

सांसद अमृतपाल सिंह की NSA के तहत हिरासत में बढ़ोतरी

खडूर साहिब के सांसद अमृतपाल सिंह की NSA के तहत हिरासत बढ़ाए दी गई है। उनके परिजनों और वकील ने कड़ी निंदा की है। उनके पिता ने इसे लोकतंत्र की हत्या करार दिया और वकील ने इसे ग़ैरकानूनी बताया। वे इस फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट जाने की तैयारी कर रहे हैं।कई राजनीतिक और सामाजिक संगठन मानते हैं कि उनकी विचारधारा पंजाब की शांति और एकता के लिए खतरा बन सकती है।

खडूर साहिब के सांसद अमृतपाल सिंह की NSA के तहत हिरासत बढ़ाए दी गई है। अमृतपाल के पिता तरसेम सिंह ने इसे “लोकतंत्र की हत्या” करार दिया है। उनका कहना है कि एक लोकतांत्रिक तरीके से चुने गए सांसद को फिर से “बेबुनियाद आरोपों” पर हिरासत में लेना देश के कानून की समानता पर सवाल खड़ा करता है। उन्होंने कहा, “सरकार ने सभी संवैधानिक मर्यादाओं को दरकिनार कर दिया है।” “वारिस पंजाब दे” के प्रमुख अमृतपाल सिंह के वकील इमान सिंह खरा ने कहा कि वह पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट का रुख करेंगे और अगर ज़रूरत पड़ी तो सुप्रीम कोर्ट भी जाएंगे। उन्होंने NSA के तहत की गई हिरासत को “ग़ैरकानूनी” बताया और कहा कि यह लोकतांत्रिक प्रक्रिया का अपमान है।

NSA के तहत डिब्रूगढ़ जेल भेजे गए थे 10 लोग

फरवरी 2023 में अजनाला पुलिस स्टेशन पर हुए कथित हमले के मामले में NSA लागू करते हुए अमृतपाल सिंह और उनके नौ सहयोगियों को असम के डिब्रूगढ़ जेल भेजा गया था। अब जबकि सभी अन्य आरोपी बाहर आ चुके हैं, अमृतपाल की लगातार हिरासत को उनके समर्थक और परिजन ‘न्याय का मखौल’ बता रहे हैं।”वारिस पंजाब दे” के प्रमुख अमृतपाल सिंह के वकील इमान सिंह खरा ने कहा कि वह पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट का रुख करेंगे और अगर ज़रूरत पड़ी तो सुप्रीम कोर्ट भी जाएंगे। उन्होंने NSA के तहत की गई हिरासत को “ग़ैरकानूनी” बताया और कहा कि यह लोकतांत्रिक प्रक्रिया का अपमान है।

कट्टरपंथी विचारधारा पर उठते रहे हैं सवाल

अमृतपाल सिंह की कार्यशैली और बयानों को लेकर पहले भी विवाद होते रहे हैं। उन पर युवाओं को कट्टरपंथ की ओर उकसाने, धार्मिक भावनाएं भड़काने और सामाजिक विभाजन को बढ़ावा देने के आरोप लगते रहे हैं। कई राजनीतिक और सामाजिक संगठन मानते हैं कि उनकी विचारधारा पंजाब की शांति और एकता के लिए खतरा बन सकती है।

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