अमृतसर रेल हादसा : मजिस्ट्रेट जांच अधिकारी को डॉ. नवजोत कौर सिद्धू ने अपने बयान दर्ज करवाएं
अमृतसर जोड़ा फाटक पर दशहरा के दिन रावण दहन के वक्त हुए रेल हादसे में चल रही मजिस्ट्रेट जांच के दौरान अपने बयान दर्ज करवाने के लिए डॉ. नवजोत कौर सिद्धू
लुधियाना-अमृतसर : अमृतसर जोड़ा फाटक पर दशहरा के दिन रावण दहन के वक्त हुए रेल हादसे में चल रही मजिस्ट्रेट जांच के दौरान अपने बयान दर्ज करवाने के लिए डॉ. नवजोत कौर सिद्धू पहुंची। करीब 15 मिनट जालंधर डिवीजन के कमिश्नर बी पुरुषार्थ को अपने बयान कलमबद्ध करवाने उपरांत मीडिया से रूबरू बातचीत करते हुए डॉ नवजोत कौर सिद्धू ने कहा कि जांच अधिकारी ने जो भी उनसे पूछा गया, उसके जवाब दे दिए गए है और इस जांच में उनके पति नवजोत सिंह सिद्धू को भी बुलाया गया था, जिन्होंने सरकारी व्यस्तताओं के कारण अपने बयान लिखित रूप में भेज दिए है।
मजिस्ट्रेट जांच के लिए दोनों पति-पत्नी को सम्मन जारी करके जांच अधिकारी ने 31 अक्तूबर के दिन घटित हादसे की जांच में शामिल होने के लिए बुलाया था। जोड़ा फाटक के निकट मनाए जा रहे दशहरा पर्व में मुख्य मेहमान के तौर पर डॉ. नवजोत कौर सिद्धू पहुंची थी। दोनों को 2 नवंबर 2018 को रेल हादसे में अपने बयान कलमबद्ध करवाने को कहा था। इसके बावजूद कैबिनेट मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू ने जांच अधिकारी के समक्ष पेश होने के बजाय बंद लिफाफे में अपने बयान भेजे हैं।
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डॉ. सिद्धू अपना बयान दर्ज करवाने के लिए निर्धारित समय सुबह 11 बजे से 7-8 मिनट पहले ही जांच अधिकारी के पास इंप्रूवमेंट ट्रस्ट कार्यालय पहुंच गई। डॉ. सिद्धू ने 10.55 पर जांच अधिकारी के आफिस में प्रवेश किया और सुबह 11.17 बजे अपने बयान कलमबद्ध करवाने के बाद बाहर निकल आईं। जब उन्हें कैबिनेट मंत्री सिद्धू के जांच में शामिल नहीं होने के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि कैबिनेट मंत्री हादसे के दिन राज्य से बाहर थे और आज उन्होंने चेक बांटने हैं, जिसके चलते वे व्यस्त हैं।
सवाल-जवाब के बारे में कुछ भी बताने से किया इन्कार
डॉ. सिद्धू ने बताया कि नवजोत सिंह सिद्धू ने अपने बयान लिख कर भेजे हैं, जिसकी कापी जांच अधिकारी बी पुरुषार्थ को दे दी गई है। जांच में कौन से सवाल पूछे गए और उन्होंने (डॉ. कौर) क्या जवाब दिए के बारे में कुछ भी बोलने से मना कर दिया। इसके बाद सुरक्षा गार्ड डॉ. सिद्धू को मीडिया से बचा कर वहां से ले गए।