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महाकुंभ में ज्ञानवापी मंदिर के स्वरूप की लगाई जाएगी प्रदर्शनी, श्रद्धालु होंगे जागरूक

महाकुंभ के दौरान श्रद्धालुओं को ज्ञानवापी का मॉडल देखने का सुनहरा मौका मिलेगा।

08:03 AM Jan 07, 2025 IST | Rahul Kumar Rawat

महाकुंभ के दौरान श्रद्धालुओं को ज्ञानवापी का मॉडल देखने का सुनहरा मौका मिलेगा।

महाकुंभ में ज्ञानवापी मंदिर के स्वरूप की लगाई जाएगी प्रदर्शनी  श्रद्धालु होंगे जागरूक

महाकुंभ के दौरान श्रद्धालुओं को ज्ञानवापी का मॉडल देखने का सुनहरा मौका मिलेगा , जो न केवल मंदिर के स्वरूप को दर्शाएगा, बल्कि 1669 में मंदिर की स्थिति के बारे में भी जानकारी प्रदान करेगा। इस प्रदर्शनी को श्री आदि महादेव काशी धर्मालय मुक्त न्यास संस्था द्वारा आयोजित किया जा रहा है। प्रदर्शनी में मुख्य रूप से ज्ञानवापी के वास्तविक स्वरूप को छायाचित्रों और मॉडलों के माध्यम से दर्शाया जाएगा। इसके साथ ही 1669 में ज्ञानवापी की स्थिति, एएसआई द्वारा की गई खुदाई के परिणाम और 350 साल पहले का मंदिर का रूप प्रदर्शित किया जाएगा। इस प्रदर्शनी के माध्यम से लोगों को यह बताना है कि ज्ञानवापी मंदिर 1669 से पहले किस स्‍वरूप में था और उस पर कितना अत्याचार हुआ था।

ज्ञानवापी मंदिर के 1669 स्वरूप को प्रदर्शित किया जाएगा

इस प्रदर्शनी को लगाने का काम श्री आदि महादेव काशी धर्मालय मुक्त न्यास संस्था की ओर से किया जा रहा है। श्री आदि महादेव काशी धर्मालय मुक्ति न्यास के ट्रस्टी डॉ. राम प्रसाद सिंह ने मीडिया को बताया कि हम पूरी तैयारी में हैं। प्रदर्शनी श्री पूज्य संत नरेंद्रानंद सरस्वती जी महाराज के कैंपस में लगाई जाएगी। हम 1669 में हमारे मंदिर को तोड़े जाने के बाद उस समय का एक प्रारूप तैयार कर रहे हैं, जिसे हम प्रदर्शनी में दिखाएंगे। हमने बड़े पैनल तैयार किए हैं, जिनमें 22 फोटोग्राफ हैं, जो सबूतों और साक्ष्यों के आधार पर तैयार किए गए हैं।

श्रद्धालुओं को मिलेगी विशेष जानकारियां

प्रदर्शनी के माध्यम से हम दिखाएंगे कि हमारा मंदिर कैसा था, कितना तोड़ा गया, क्या बचा और मंदिर में स्थित गर्भगृह, गुंबद कहां थे। इस दौरान हम पत्र भी वितरित करेंगे, जिसमें प्रदर्शनी और मंदिर की पूरी जानकारी होगी। उन्होंने बताया कि इस प्रदर्शनी में 1669 में ज्ञानवापी मंदिर का वास्तविक रूप, उसमें स्थित नौ मंडप, संस्कृत शिक्षा देने वाला 125 फीट लंबा और 35 फीट चौड़ा हाल और उस समय के अन्य महत्वपूर्ण तत्वों को प्रदर्शित किया जाएगा। यह प्रदर्शनी श्रद्धालुओं को उस समय के मंदिर की वास्तविक स्थिति और इसके साथ हुए अत्याचारों को दिखाने का एक प्रयास है।

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