टॉप न्यूज़भारतविश्वराज्यबिजनस
खेल | क्रिकेटअन्य खेल
बॉलीवुड केसरीराशिफलSarkari Yojanaहेल्थ & लाइफस्टाइलtravelवाइरल न्यूजटेक & ऑटोगैजेटवास्तु शस्त्रएक्सपलाइनेर
Advertisement

एफडीआई में 23 प्रतिशत की वृद्धि

एफडीआई अप्रैल-जून अवधि में 23% बढ़कर 12.75 अरब डालर रहा। डीआईपीपी के आंकड़े के अनुसार अप्रैल-जून के दौरान विदेशी पूंजी प्रवाह 10.4 अरब डालर था।

11:29 AM Aug 28, 2018 IST | Desk Team

एफडीआई अप्रैल-जून अवधि में 23% बढ़कर 12.75 अरब डालर रहा। डीआईपीपी के आंकड़े के अनुसार अप्रैल-जून के दौरान विदेशी पूंजी प्रवाह 10.4 अरब डालर था।

नई दिल्ली : देश में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) वित्त वर्ष 2018-19 की अप्रैल-जून अवधि में 23 प्रतिशत बढ़कर 12.75 अरब डालर रहा। औद्योगिक नीति एवं संवर्द्धन विभाग (डीआईपीपी) के आंकड़े के अनुसार वित्त वर्ष 2017-18 के अप्रैल-जून के दौरान विदेशी पूंजी प्रवाह 10.4 अरब डालर था। चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में जिन प्रमुख क्षेत्रों में विदेशी निवेश आया उसमें सेवा (2.43 अरब डालर), व्यापार (1.62 अरब डालर), दूरसंचार (1.59 अरब डालर), कंप्यूटर साफ्टवेयर और हार्डवेयर (1.4 अरब डालर) तथा बिजली (96.9 करोड़ डालर) शामिल हैं।

एफडीआई के खिलाफ प्रस्ताव पास

आंकड़े के अनुसार आलोच्य तिमाही में एफडीआई का सबसे बड़ा स्रोत सिंगापुर रहा। वहां से 6.52 अरब डालर का निवेश आया। उसके बाद क्रमश: मारीशस (1.5 अरब डालर), जापान (87.4 करोड़ डालर), नीदरलैंड (83.6 करोड़ डालर), ब्रिटेन (64.8 करोड़ डालर) तथा अमेरिका (34.8 करोड़ डालर) का स्थान रहा। चालू खाते का बढ़ते घाटे को देखते हुए विदेशी निवेश में वृद्धि महत्वपूर्ण है। एसबीआई रिसर्च के अनुमान के अनुसार कच्चे तेल के दाम में वृद्धि के कारण देश का चालू खाते का घाटा 2018-19 में 2.8 प्रतिशत पहुंच सकता है। वित्त वर्ष 2017-18 में एफडीआई महज 3 प्रतिशत बढ़कर 44.85 अरब डालर रहा।

Advertisement
Advertisement
Next Article