चुनाव नहीं लड़ पाएंगे अनंत सिंह? दुलारचंद यादव मर्डर केस में हुई गिरफ्तारी, जाति को लेकर भी मची हलचल!
Anant Singh Bihar Election: बिहार में चुनावी माहौल गर्म होता जा रहा है। सभी राजनीतिक दल अपनी तैयारियों में जुटे हैं। इसी बीच जेडीयू (जनता दल यूनाइटेड) के उम्मीदवार और पूर्व विधायक अनंत सिंह को पुलिस ने हत्या के एक मामले में गिरफ्तार कर लिया है। यह मामला जन सुराज पार्टी के समर्थक दुलारचंद यादव की हत्या से जुड़ा हुआ है। इस बीच यह भी चर्चा देखने को मिल रही है अगर अनंत सिंह पर कोई भी कानूनी एक्शन होता है, तो क्या वह चुनाव नहीं लड़ पाएंगे।
Anant Singh Bihar Election: गिरफ्तारी पर क्या बोले अनंत सिंह?
इस बीच गिरफ्तारी के बाद अनंत सिंह ने सोशल मीडिया पर अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने फेसबुक पर पोस्ट करते हुए लिखा, “सत्यमेव जयते! मुझे मोकामा की जनता पर पूरा भरोसा है, इसलिए अब चुनाव जनता ही लड़ेगी।” उनका यह बयान सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया और लोगों में चर्चा का विषय बना हुआ है।

मृतक के परिजनों ने प्रशासन पर लगाया ये आरोप
दुलारचंद यादव के पोते ने पुलिस कार्रवाई पर नाराजगी जताते हुए कहा कि “प्रशासन एकतरफा कार्रवाई कर रहा है।” उन्होंने बताया कि उन्होंने 24 घंटे का अल्टीमेटम इसलिए दिया क्योंकि पुलिस मामले को गंभीरता से नहीं ले रही थी। उन्होंने आरोप लगाया कि अनंत सिंह खुलेआम प्रचार कर रहे थे, जबकि उनके खिलाफ मामला दर्ज था। दुलारचंद के परिजनों का कहना है कि अगर चुनाव न होते, तो यह हिंसा भी नहीं होती। उन्होंने चुनाव आयोग और पटना एसएसपी दोनों को ज़िम्मेदार ठहराया और पूछा कि जब इलाके में “बाहुबली नेताओं” की मौजूदगी पहले से थी, तो पर्याप्त पुलिस बल क्यों नहीं लगाया गया?
Dularchand Yadav Murder Case: मोकामा गोलीकांड में हुई थी हत्या
यह पूरा मामला 30 अक्टूबर को हुए मोकामा गोलीकांड से जुड़ा है। चुनाव प्रचार के दौरान दो गुटों में झड़प और गोलीबारी हुई थी, जिसमें जन सुराज पार्टी के समर्थक दुलारचंद यादव की मौत हो गई थी। जेडीयू ने इस सीट से अनंत सिंह को उम्मीदवार बनाया था। घटना के बाद पुलिस ने जांच शुरू की और कई लोगों से पूछताछ की।

पटना पुलिस की कार्रवाई और SSP का बयान
पटना एसएसपी कार्तिकेय के शर्मा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि घटना के दौरान दोनों पक्षों में पथराव और हिंसा हुई, जिससे कई लोग घायल हुए। बाद में एक शव बरामद हुआ जिसकी पहचान दुलारचंद यादव के रूप में की गई। उन्होंने कहा कि जांच में यह साफ हुआ कि आचार संहिता का उल्लंघन हुआ और अनंत सिंह की मौजूदगी में यह हिंसा हुई। इसी आधार पर उन्हें गिरफ्तार किया गया। पुलिस ने अनंत सिंह के साथ उनके सहयोगी मणिकांत ठाकुर और रंजीत राम को भी हिरासत में लिया है।
Anant Singh Arrest: सीआईडी ने संभाली जांच
एसएसपी ने बताया कि मामले की जांच अब सीआईडी को सौंप दी गई है। पुलिस ने हत्या, हिंसा और कानून-व्यवस्था भंग करने के कई आरोपों में केस दर्ज किया है। उन्होंने कहा कि आगे और गिरफ्तारियां भी होंगी और जल्द ही अदालत से अनंत सिंह की रिमांड लेकर पूछताछ की जाएगी।

बिहार की राजनीति में बढ़ी हलचल
अनंत सिंह की गिरफ्तारी के बाद बिहार की राजनीति में हलचल मच गई है। विपक्ष (आरजेडी-कांग्रेस) ने इसे “चुनावी स्टंट” बताया, जबकि जन सुराज पार्टी ने “जंगलराज की वापसी” कहा। वहीं जेडीयू का कहना है कि पुलिस ने सिर्फ कानून के अनुसार कार्रवाई की है। लोगों में अनंत सिंह की गिरफ्तारी और उनके बयानों को लेकर खूब चर्चा है।
Anant Singh ki Caste kya Hai: अनंत सिंह की जाति?
मोकामा सीट पर जनसुराज पार्टी के कार्यकर्ता दुलालचंद की हत्या के बाद बिहार की राजनीति में हलचल मच गई है। इस घटना ने न सिर्फ मोकामा, बल्कि पूरे बिहार में सियासी माहौल गरमा दिया है। रविवार देर रात जदयू के वरिष्ठ नेता अनंत सिंह की गिरफ्तारी के बाद राजनीतिक सरगर्मियां और तेज हो गईं। यह गिरफ्तारी दुलालचंद यादव की हत्या के बाद हुई, जिससे बिहार की राजनीति में भूचाल आ गया है।
बिहार विधानसभा चुनाव की घोषणा के बाद से ही अनंत सिंह लगातार मीडिया और सोशल मीडिया में चर्चा का विषय बने हुए थे। उनके बयानों और राजनीतिक गतिविधियों पर सबकी नजरें थीं। अनंत सिंह की गिरफ्तारी के बाद लोगों में उनके बारे में जानने की उत्सुकता बढ़ गई है। सोशल मीडिया पर लोग खासतौर पर यह पूछ रहे हैं कि अनंत सिंह की जाति क्या है? वे किस समाज से आते हैं?
कौन हैं अनंत सिंह?
अनंत कुमार सिंह, जिन्हें लोग “छोटे सरकार” के नाम से जानते हैं, बिहार के मोकामा से 5 बार विधायक रह चुके हैं। वे भूमिहार (राजपूत) जाति से ताल्लुक रखते हैं। उनका जन्म 1967 में पटना जिले के नदवां गांव में हुआ था। उनके बड़े भाई दिलीप सिंह के अपराध जगत में कदम रखने के बाद अनंत सिंह ने भी राजनीति और प्रभाव का रास्ता चुना। उन्होंने 2005 में पहली बार जेडीयू के टिकट पर जीत हासिल की, फिर 2010, 2015 और 2020 में लगातार चुनाव जीते। हालांकि, उन पर 70 से अधिक आपराधिक मामले दर्ज हैं, जिनमें हत्या, अपहरण और हथियार रखने जैसे गंभीर आरोप शामिल हैं।
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