हरिद्वार के संतों में दुमका की घटना से रोष
दुमका झारखंड की हिन्दू बेटी की दुर्दांत हत्या को सम्पूर्ण मानवता पर कलंक मानते हुए हरिद्वार स्थित श्री परशुराम घाट पर लव जिहाद की विभीषिका पर एक दिवसीय उपवास पर शिवशक्ति धाम डासना के पीठाधीश्वर महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी महाराज ने कहा।
04:19 PM Aug 30, 2022 IST | Desk Team
हरिद्वार, संजय चौहान (पंजाब केसरी)ः दुमका झारखंड की हिन्दू बेटी की दुर्दांत हत्या को सम्पूर्ण मानवता पर कलंक मानते हुए हरिद्वार स्थित श्री परशुराम घाट पर लव जिहाद की विभीषिका पर एक दिवसीय उपवास पर शिवशक्ति धाम डासना के पीठाधीश्वर महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी महाराज ने कहा कि झूठे और धोखेबाज नेताओं व कायर धर्मगुरुओं के कारण आज हमारी बेटियां जिहादियों का शिकार बन चुकी हैं। अगर वो जिहादियों को मना करती हैं, तो अंकिता तोमर और निकिता की तरह मार दी जाती है। अगर जिहादियों की बात मान लेती हैं, तो उनकी लाश टुकड़े में या सूटकेस में मिलती है।
Advertisement
उन्होंने कहाकि जो हालात हैं उनको देखकर लगता है कि अब फिर वो ही समय आने वाला है जब हिन्दुओं को मुस्लमान लुटेरों के डर से बेटी को पैदा होते ही उसे मार कर जमीन में गाड़ना पड़ता था।। क्योंकि जिहादी किसी भी जवान हिन्दू लड़की को बर्बाद किये बिना नहीं छोड़ते थे।उपवास पर श्री परशुराम अखाड़ा के अध्यक्ष पण्डित अधीर कौशिक ने कहा कि दुमका में लव जिहाद के नाम पर जो हुआ वो सारी मानवता के लिये कलंक है। इसमें भी सबसे बुरी बात उस अपराधी की अकड़ है। पुलिस हिरासत में जैसे वो अपराधी हंस रहा था वो सारे हिन्दुओ के मुंह पर एक तमाचा है। वो अपराधी जानता है कि उसके इस कार्य के लिये उसकी कौम उसे हीरो के रूप में देखेगी और उसका हर तरह से साथ देगी।
जमीयते उलेमा ए हिन्द उसका मुकदमा लड़ेगी और किसी हिन्दू को उसके विरुद्ध गवाही नहीं देने दिया जाएगा। उन्होंने कहाकि उसको भी उसी तरह जलाकर मारे जाने की सजा न्यायालय के द्वारा दी जानी चाहिये। इसके लिये संविधान में जो भी उचित संशोधन हो, वो किया जाना चाहिये। उपवास में डा. उदिता त्यागी,आचार्य पवनकृष्ण शास्त्री, अवनीश त्यागी, मोहित चौहान तथा अन्य उपस्थित थे।
————————-
Advertisement
दुमका झारखंड की हिन्दू बेटी की दुर्दांत हत्या को सम्पूर्ण मानवता पर कलंक मानते हुए हरिद्वार स्थित श्री परशुराम घाट पर लव जिहाद की विभीषिका पर एक दिवसीय उपवास पर बैठे हुए संतगण। (छायाः पंजाब केसरी)
Advertisement