अन्ना हजारे ने फिर किया आंदोलन का ऐलान
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फरीदाबाद : आगामी 23 मार्च से दिल्ली में शुरू हो रहे आंदोलन से पहले समाजसेवी अन्ना हजारे आज फरीदाबाद में हुंकार भरी है। यहां आईएमटी चंदावली में धरनावत किसानों के आंदोलन में शिरकत करने के दौरान उन्होंने कहा कि हम अगले 23 मार्च से फिर से रामलीला मैदान में धरने पर बैठेंगे। हमारा आंदोलन किसानों के साथ हो रहे अन्याय के खिलाफ होगा। अन्ना हजारे ने कहा कि सरकार हमें जेल में डालना चाहे तो डाल दे हम जेल जाने से डरने वाले नहीं और जेल जाने के बाद सरकार का पतन निश्चित है। उन्होंने कहा कि सरकार जब उद्योगपतियों का कर्ज माफ कर सकती है, तो फिर देश की माटी की सेवा करने वाले और देश के लिए अन्न उगाने वाले खून पसीना बहाने वाले किसानों का कर्जा माफ करने में उन्हें क्या परेशानी है? अन्ना हजारे ने सरकार से मांग करते हुए कहा कि जो किसान 60 साल की उम्र पार कर चुका है और उसके घर में रोजगार के कोई साधन नहीं है तो उसे सरकार 5000 प्रतिमाह की पेंशन दे और 23 मार्च तक इस शर्त को सरकार ने मान लिया है तो ठीक है नहीं तो भी आंदोलन होगा।
वहीं उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर चुटकी लेते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मन की बात की जगह दिल की बात करें और दिल की बात यह है कि जनता की पुन: सेवा करें। उन्होंने कहा कि केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी उनके मित्र हैं और एक्सप्रेस वे से जुड़े किसानों की मांगों को उनके समक्ष रखेंगे अगर मित्र होने के नाते बात को मान जाते हैं तो ठीक नहीं तो हम शत्रु बनकर लड़ाई लड़ेंगे। उन्होंने कहा कि शत्रु की परिभाषा यह नहीं है कि हम तलवार चलाएंगे या गोलियां जाएंगे बल्कि अहिंसात्मक तरीके से लड़ाई लड़ेंगे। उन्होंने किसानों से एकजुट होने का आह्वान किया कि वह शांतिपूर्वक ढंग से आंदोलन करके सरकार के समक्ष अपनी बात रखेंगे और उन्हें विश्वास है कि अन्नदाता की मांगों को सरकार को पूरा करना ही होगा।
गौरतलब है कि समाजसेवी अन्ना हजारे रविवार को दोपहर 12.30 बजे फरीदाबाद के आईएमटी चंदावली में पहुंचे। यहां पर उन्होंने किसानों के आंदोलन में हिस्सा लिया। इस दौरान किसान संघर्ष समिति के पदाधिकारियों व अन्य किसानों ने अन्ना हजारे का यहां आगमरन पर जोरदार स्वागत किया। किसानों की मांग है कि हरियाणा सरकार उनके करीब 600 करोड़ रुपये का मुआवजा नहीं दे रही है, जबकि आईएमटी में करीब पांच गांव की 1852 एकड़ जमीन ली गई है। ज्ञातव्य हो कि किसान अपनी मांगों को लेकर पिछले 1 महीने से आंदोलन कर रहे हैं। किसानों के मुताबिक हरियाणा सरकार ने उनके एक सदस्य को नौकरी और एक प्लाट देने का वादा किया था जो पूरा नहीं हुआ है।
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– राकेश देव, सुरेश बंसल