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ममता सरकार पर फूटा Anurag Singh Thakur का गुस्सा, राज्य में पत्रकारों को बताया जान माल का खतरा

04:29 PM Dec 21, 2023 IST | Yogita Tyagi
Anurag Singh Thakur

सूचना प्रसारण एवं खेल मंत्री Anurag Singh Thakur ने पश्चिम बंगाल में पत्रकारों के ऊपर लगातार होने वाले हमलों को लेकर राज्य की ममता बनर्जी सरकार की गुरुवार को तीखी आलोचना की और राज्य सरकारों से अपील की कि वे पत्रकारों को भय मुक्त वातावरण सुनिश्चित कराएं। अनुराग सिंह ठाकुर ने राज्यसभा में प्रश्नकाल के दौरान कहा, 'पश्चिम बंगाल से लगातार पत्रकारों पर जानलेवा हमले और हिंसक घटनाओं की खबरें आतीं हैं। पश्चिम बंगाल की राज्य सरकार को पत्रकारों को एक सुरक्षित वातावरण प्रदान करने के लिए कार्य करना चाहिए।' उन्होंने कहा कि आज पूरे देश में विकसित भारत संकल्प यात्रा चल रही है पर पश्चिम बंगाल एक मात्र ऐसा राज्य है जहां विकसित भारत संकल्प यात्रा की गाड़ियों को तोड़ा गया है। यह साफ तौर पर पश्चिम बंगाल के गरीबों और जरूरतमंदों को विकास से वंचित रखने का षड़यंत्र है। और जब पत्रकार इसे दिखाने जाते हैं तो उन्हें भी जान माल का खतरा रहता है।

पत्रकारों पर हुए हमलों की पढ़ी सूची

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अनुराग सिंह ठाकुर ने पश्चिम बंगाल में पत्रकारों पर हुए हमलों की घटनाओं की सिलसिलेवार सूची पढ़ते हुए कहा, 'अक्टूबर, 2015 में पश्चिम बंगाल निकाय चुनावों के दिन साल्ट लेक इलाके में 20 पत्रकारों को पीटा गया और उनके माइक और कैमरे तोड़ दिए गए। फरवरी, 2022 में उत्तरी दमदम और पूर्वी मिदनापुर में निकाय चुनाव में चार पत्रकारों को पीटा गया। वर्ष 2023 के पंचायत चुनाव में नामांकन दाखिल करने की प्रक्रिया के दौरान कोलकाता और विभिन्न जिलों में 10 पत्रकारों को पीटा गया। जून, 2013 में तृणमूल कांग्रेस के गुटीय झगड़े को कवर करने के दौरान उत्तर 24 परगना के बैरकपुर में तीन फोटो पत्रकारों को इतना पीटा गया कि उन्हें अस्पताल में भर्ती कराना पड़।'

पत्रकारों को भय मुक्त वातावरण उपलब्ध कराने का अनुरोध

अनुराग सिंह ठाकुर ने कहा कि उनके पास हमलों की पूरी सूची है जिनमें कई बड़े पत्रकारों के नाम हैं पर वह सदन में यह सब नहीं रखना चाहते। उन्होंने उक्त टिप्पणियां तृणमूल कांग्रेस सांसद डोला सेन के तारांकित प्रश्न के जवाब में कीं। हालांकि सुश्री सेन जवाब के समय सदन में उपस्थित नहीं थीं। ठाकुर ने प्रश्न का जवाब देने के पहले कहा, 'केंद्र सरकार भारत के प्रत्येक नागरिक की सुरक्षा करने के लिए प्रतिबद्ध है। जहां तक पत्रकारों की सुरक्षा की बात है तो कानून- व्यवस्था राज्य सरकार के अधिकार क्षेत्र में आता है। प्रधानमंत्री नरेंद, मोदी जी के नेतृत्व में वर्ष 2017 में ही गृह मंत्रालय ने परामर्श जारी करके पत्रकारों की सुरक्षा के व्यापक इंतजाम करने के निर्देश दिए थे। पूरे देश में कहीं भी पत्रकारों के ऊपर हिंसा होने पर प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया को ऐसे मामलों को संज्ञान में लेने का अधिकार है और वह लेते भी हैं। मेरा सभी राज्य सरकारों से अनुरोध है कि वे अपने-अपने राज्यों में पत्रकारों को भय मुक्त वातावरण उपलब्ध कराएं।'

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