AR Rahman Latest News: AR Rahman को मिली दिल्ली हाई कोर्ट से मिली राहत, 'पोन्नियिन सेलवन 2' के गाने से जुड़ा था विवाद
AR Rahman Latest News: दिल्ली हाईकोर्ट ने बुधवार को साल 2023 की तमिल फिल्म पोन्नियिन सेलवन 2 (पीएस2) में शामिल गाने ‘वीरा राजा वीरा’ की रचना को लेकर दायर कॉपीराइट उल्लंघन के मुकदमे को रद्द कर दिया है। दिल्ली हाईकोर्ट ने बुधवार को म्यूजिशियन एआर रहमान की अपील स्वीकार करते हुए वह आदेश रद्द कर दिया, जिसमें उनकी फिल्म पोन्नियिन सेलवन 2 के गाने को दगर बंधुओं की रचना ‘शिव स्तुति’ की तरह बताया गया था।
जस्टिस सी हरिशंकर और जस्टिस ओम प्रकाश शुक्ला की डिवीजन बेंच ने रहमान की अपील पर आदेश पारित किया। कोर्ट ने कहा कि अपील स्वीकार की जाती है और सिंगल जज का आदेश सिद्धांत रूप में रद्द किया जाता है। हाईकोर्ट ने स्पष्ट किया कि उसने कॉपीराइट उल्लंघन के पहलू पर कोई राय नहीं दी। न्यायालय ने कहा, “हमने अपील स्वीकार कर ली है। हमने समवर्ती राय तैयार की है. हमने सिंगल जज के आदेश को सिद्धांततः रद्द कर दिया है.”
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'पोन्नियिन सेलवन 2' के गाने से जुड़ा था विवाद
इस मामले में पद्मश्री सम्मानित शास्त्रीय गायक उस्ताद फैयाज वासिफुद्दीन डागर ने आरोप लगाया था कि फिल्म के इस गीत की धुन उनके परिवार की प्राचीन रचना की हूबहू नकल है, जबकि ए.आर. रहमान और निर्माताओं ने इसे पूरी तरह मौलिक और स्वतंत्र कृति बताया था। इससे पहले, एकल न्यायाधीश ने ए.आर. रहमान और फिल्म निर्माता मद्रास टॉकीज और लाइका प्रोडक्शंस को निर्देश दिया था कि वे विवादित गाने के संबंध में दो करोड़ रुपए कोर्ट में जमा करें और गाने के क्रेडिट में जूनियर डागर ब्रदर्स के दिवंगत उस्ताद नासिर फैयाजुद्दीन डागर और उस्ताद नासिर जहीरुद्दीन डागर को उचित श्रेय दें।
इसके बाद ए.आर. रहमान ने इस फैसले के खिलाफ अपील दायर की थी। अब दिल्ली हाई कोर्ट की दो जजों की बेंच ने इस एकल जज के आदेश को सैद्धांतिक तौर पर रद्द कर दिया है।कोर्ट ने कहा कि उन्होंने मामले की समान राय विकसित की है और विवादित आदेश को अब आगे नहीं मानेंगे। अदालत ने फिलहाल ए.आर. रहमान और निर्माताओं को राहत देते हुए उन्हें यह स्पष्ट किया कि वे दो करोड़ रुपए जमा करने के आदेश के तहत अभी बाध्य नहीं हैं।
दरअसल, उस्ताद फैयाज वासिफुद्दीन डागर ने दावा किया था कि 'वीरा राजा वीरा' गाना उनकी पारिवारिक शास्त्रीय रचना 'शिव स्तुति' की कॉपी है। यह रचना जूनियर डागर ब्रदर्स द्वारा 1970 के दशक में बनाई गई थी और उनके निधन के बाद इसका कॉपीराइट परिवार को मिला है। डागर परिवार का कहना था कि गाने के संगीत में उनके पूर्वजों की रचना का बिना अनुमति उपयोग किया गया और इसका श्रेय भी नहीं दिया गया।
वहीं, ए.आर. रहमान और निर्माताओं की ओर से कहा गया था कि यह गाना 13वीं सदी के नारायण पंडित आचार्य की रचना से प्रेरित है और इसकी रचना स्वतंत्र है। उन्होंने तर्क दिया कि गीत के निर्माण में कई आधुनिक संगीत तत्वों और लेयर्स का उपयोग किया गया है, जिससे यह एक मौलिक कृति बनती है।