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हथियार कारोबारी संजय भंडारी ने काले धन के मामले में भगोड़ा घोषित करने का विरोध किया

संजय भंडारी ने ब्रिटेन में वैध रहने का दावा किया

04:10 AM Apr 21, 2025 IST | Himanshu Negi

संजय भंडारी ने ब्रिटेन में वैध रहने का दावा किया

हथियार कारोबारी संजय भंडारी ने काले धन मामले में भगोड़ा घोषित करने के प्रवर्तन निदेशालय के आवेदन का विरोध किया। भंडारी ने दावा किया कि लंदन उच्च न्यायालय ने उसे भारत प्रत्यर्पित करने से इनकार कर दिया है, इसलिए उसका ब्रिटेन में रहना वैध है।

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चर्चिंत हथियार कारोबारी संजय भंडारी ने प्रवर्तंन निदेशालय द्वारा उसे काले धन के मामले में भगोड़ा घोषित करने के लिए दिल्ली की एक अदालत के समक्ष दाखिल की गई अर्जी का विरोध करते हुए दावा किया कि ब्रिटेन में उसका रहना वैध है, क्योंकि लंदन उच्च न्यायालय ने उसे भारत प्रत्यर्पित करने से मना कर दिया है। भंडारी के मामले में लंदन उच्च न्यायालय के आदेश का हवाला देते हुए इंग्लैंड की एक अदालत ने 11 अप्रैल को कथित करोड़ों रुपये के चावल खरीद घोटाले में एक अन्य आरोपी को प्रत्यर्पित करने के भारत सरकार के अनुरोध को खारिज कर दिया था।

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मेहुल चोकसी ने भी दिया लंदन उच्च न्यायालय का हवाला

खबरों के मुताबिक हाल ही में बेल्जियम में गिरफ्तार किए गए भगोड़े भारतीय हीरा व्यापारी मेहुल चोकसी ने भी भारत प्रत्यर्पित करने का विरोध करते हुए लंदन उच्च न्यायालय का हवाला दिया था। जिसमें उसने कथित कर चोरी और धन शोधन के आरोपों का सामना करने के लिए भारत प्रत्यर्पित करने को चुनौती दी थी। अदालत ने कहा था कि तिहाड़ जेल में उसे जबरन वसूली का वास्तविक खतरा होगा, साथ ही अन्य कैदियों और जेल अधिकारियों की ओर से धमकी या हिंसा’ भी हो सकती है। इस महीने की शुरुआत में ब्रिटेन के उच्च न्यायालय ने भी भारत सरकार द्वारा कार्य याचिका को खारिज कर दिया था, जिसमें उसके आदेश के खिलाफ त्रिटेन के सर्वोच्च न्यायालय में अपील करने की अनुमति मांगी गई थी।

संजय भंडारी के वकील का दावा

भंडारी ने 19 अप्रैल को अपने वकील के माध्यम से न्यायाधीश संजीव अग्रवाल के समक्ष दिए गए फैसलों का हवाला देते हुए ये दलीलें दीं। वकील ने दावा किया कि उनके मुवक्किल के ब्रिटेन में रहने को अवैध नहीं कहा जा सकता, क्योंकि उसे ब्रिटेन में रहने कानूनी अधिकार है और भारत सरकार का ब्रिटेन की अदालत के फैसले से बंधी हुई है. भंडारी कानूनी रूप से वहां रह रहा है और ऐसी स्थिति में उसे ‘भगोडा’ घोषित करना कानूनी रूप से गलत है। भंडारी के वकील वरिष्ठ अधिवक्ता मनिंदर सिंह ने दावा किया कि ईडी का आवेदन अस्पष्ट, गलत और अधिकार क्षेत्र से बाहर है क्योंकि यह भगोड़ा अपराधी अधिनियम को शर्तों को पूरा नही करता।

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