अरुणाचल : सेना के जेसीओ का 72 घंटे बाद भी कोई सुराग नहीं , पत्नी ने तलाशी अभियान बंद न किये जाने की PM मोदी और रक्षा मंत्री से अपील की
अरुणाचल प्रदेश में करीब 72 घंटे पहले फिसल कर एक नदी में गिरे नायब सूबेदार अमरेंद्र कुमार का अभी तक कुछ पता नहीं चल पाया है।
11:25 PM Jun 29, 2022 IST | Shera Rajput
अरुणाचल प्रदेश में करीब 72 घंटे पहले फिसल कर एक नदी में गिरे नायब सूबेदार अमरेंद्र कुमार का अभी तक कुछ पता नहीं चल पाया है।
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पत्नी रेखा कुमारी ने PM मोदी और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से अपील की – तलाशी अभियान बंद न किया जाए
सेना की पूर्वी कमान के मुताबिक, लगातार बारिश और ऊबड़-खाबड़ इलाकों में खराब ²श्यता के कारण तलाशी अभियान प्रभावित हो रहा है। इस बीच जेसीओ की पत्नी रेखा कुमारी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से अपील की है कि तलाशी अभियान बंद न किया जाए। नायब सूबेदार कुमार झारखंड के बोकारो के रहने वाले हैं।
रेड शील्ड डिवीजन (57 माउंटेन डिवीजन) में तैनात था नायब सूबेदार अमरेंद्र कुमार
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एक अधिकारी ने कहा, ‘वह रेड शील्ड डिवीजन (57 माउंटेन डिवीजन) में तैनात था और रविवार दोपहर करीब 2 बजे अरुणाचल प्रदेश के निचले सुबनसिरी जिले में एक ऑपरेशनल गश्त पर था। उसी समय वह फिसल गया और तेजी से बहने वाली पहाड़ी धारा में गिर गया। पानी की धारा के साथ तुरंत एक खोज शुरू की गई, लेकिन सैनिक का पता नहीं लगाया जा सका। ग्रामीणों और नागरिक प्रशासन की मदद से नीचे की ओर तलाश जारी है। हमें अभी भी उम्मीद है कि वह जीवित पाया जाएगा।’
यूनिट के वरिष्ठ अधिकारी परिवार से नियमित संपर्क बनाए हुए
परिजनों के मुताबिक नायब सूबेदार कुमार की यूनिट के वरिष्ठ अधिकारी परिवार से नियमित संपर्क बनाए हुए हैं।
जेसीओ के एक रिश्तेदार ने कहा, ‘हमें इलाके और वहां शामिल जोखिमों का अंदाजा है। हालांकि, वह जीवित रहने के कौशल के साथ एक कठोर सैनिक हैं। हमने उम्मीद नहीं छोड़ी है। हमें शुभचिंतकों से संदेश मिल रहे हैं और वे बहुत सहायता प्रदान कर रहे हैं। हम बस भगवान से प्रार्थना करते हैं कि वहां मौसम में सुधार हो ताकि तलाशी दल उसे ढूंढ सकें।’
जिले में बड़ी संख्या में सेना की मौजूदगी
जिले में बड़ी संख्या में सेना की मौजूदगी है। जिला मुख्यालय जीरो में एक उन्नत लैंडिंग ग्राउंड (एएलजी) भी है। एक अन्य अधिकारी के अनुसार, ²श्यता में सुधार होते ही विमान और हेलीकॉप्टर आदि को भी सेवा में लगाया जा सकता है। बुधवार को भी मौसम में बादल छाए रहे और क्षेत्र में छिटपुट बारिश हुई।
उन्होंने कहा, ‘हम अपने सैनिकों को पीछे नहीं छोड़ते हैं। हम उसका पता लगाएंगे। हमारी एकमात्र चिंता यह है कि वह घायल हो सकता है और उसे चिकित्सा सहायता की आवश्यकता हो सकती है।’
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