अरुणाचल प्रदेश : पासीघाट निकाय चुनाव में BJP की जीत, ईटानगर नगर निगम में जद (यू) को 9 सीटें
अरुणाचल प्रदेश के पासीघाट नगर परिषद (पीएमसी) की आठ में से छह सीटें जीत कर भाजपा ने स्थानीय निकाय का शासन कांग्रेस से छीन लिया है। वहीं ईटानगर में हुए नगर निगम चुनाव (आईएमसी) में पहली बार हिस्सा लेने वाली पार्टी जद (यू) को नौ सीटें मिली हैं।
11:57 PM Dec 26, 2020 IST | Shera Rajput
अरुणाचल प्रदेश के पासीघाट नगर परिषद (पीएमसी) की आठ में से छह सीटें जीत कर भाजपा ने स्थानीय निकाय का शासन कांग्रेस से छीन लिया है। वहीं ईटानगर में हुए नगर निगम चुनाव (आईएमसी) में पहली बार हिस्सा लेने वाली पार्टी जद (यू) को नौ सीटें मिली हैं।
राज्य में सत्तारूढ़ भाजपा को 20 सीटों वाले ईटानगर नगर निगम के चुनाव में 10 सीटें मिली हैं जबकि जदयू को नौ और एनपीपी के हिस्से में एक सीट आयी है। भाजपा को बहुमत से एक सीट कम मिली है।
राज्य निर्वाचन आयोग की सचिव न्याली एते ने बताया कि आईएमसी में भाजपा को मिली 10 सीटों में से पांच पर उसके उम्मीदवार निर्विरोध जीते हैं।
उन्होंने बताया कि राज्य में जिला परिषद की 142 सीटों में से अब तक सामने आए 137 सीटों के नतीजों में भाजपा ने 121 पर विजय प्राप्त की है जबकि कुल 8215 ग्राम पंचायत सदस्यों में से भाजपा ने 2,688 सीटों पर जीत दर्ज की है।
पीएमसी चुनाव 2013 में सात सीटें जीतने वाली कांग्रेस को इस बार सिर्फ दो सीटें मिली हैं। वहीं आईएमसी चुनाव में कांग्रेस का खाता नहीं खुल सका।
स्थानीय निकाय चुनाव में जनता दल (यूनाइटेड) का प्रदर्शन काफी मायने रखता है क्योंकि अरुणाचल प्रदेश में उसके सात में से छह विधायक एक दिन पहले ही भाजपा का दामन थाम चुके हैं।
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली जद (यू) ने 2019 में अरुणाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव में 15 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे थे और सात सीटों पर उसे जीत मिली थी। भाजपा (41 सीटें) के बाद वह राज्य में दूसरी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी।
वर्ष 2013 में पीएमसी में 12 और आईएमसी में 30 सीटें थीं। लेकिन वार्डों के परिसीमन के बाद दोनों निकायों में सीटें घट गईं।
पिछले चुनाव में पीएमसी में कांग्रेस को सात सीटें मिली थीं, भाजपा को दो और निर्दलीय उम्मीदवारों को तीन सीटें मिली थीं।
आईएमसी चुनाव 2013 में कांग्रेस को 21 सीटें मिली थीं। वहीं राकांपा को चार, भाजपा को तीन, पीपुल्स पार्टी ऑफ अरुणाचल और निर्दलीय को एक-एक सीट मिली थी।
अरुणाचल प्रदेश में विभिन्न कारणों से स्थानीय निकाय चुनाव दो साल से भी ज्यादा देरी से हुए हैं।
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