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अरुणाचल प्रदेश सीएम और किरेन रिजिजू ने युवाओं की रिहाई के लिए रक्षामंत्री और भारतीय सेना को दिया धन्यवाद

अरुणाचल प्रदेश से 2 सितंबर को लापता हुए और बाद में चीनी क्षेत्र में पाए गए पांच युवकों को चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) ने शनिवार को भारत को सौंप दिया है। यह घटनाक्रम ऐसे समय सामने आया है, जब दोनों देशों के बीच एलएसी के पास तनाव की स्थिति बनी हुई है।

11:17 PM Sep 12, 2020 IST | Shera Rajput

अरुणाचल प्रदेश से 2 सितंबर को लापता हुए और बाद में चीनी क्षेत्र में पाए गए पांच युवकों को चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) ने शनिवार को भारत को सौंप दिया है। यह घटनाक्रम ऐसे समय सामने आया है, जब दोनों देशों के बीच एलएसी के पास तनाव की स्थिति बनी हुई है।

अरुणाचल प्रदेश सीएम और किरेन रिजिजू ने युवाओं की रिहाई के लिए रक्षामंत्री और भारतीय सेना को दिया धन्यवाद
अरुणाचल प्रदेश से दो सितंबर को लापता हुए और बाद में चीनी क्षेत्र में पाए गए पांच युवकों को चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) ने शनिवार को भारत को सौंप दिया है। यह घटनाक्रम ऐसे समय सामने आया है, जब दोनों देशों के बीच एलएसी के पास तनाव की स्थिति बनी हुई है। 
रक्षा सूत्रों ने कहा है कि लापता हुए इन पांचों युवाओं को करीब 10 दिन बाद भारत लाया गया है। बताया गया था कि इनका अपहरण कर लिया गया है। 
पूर्वी अरुणाचल प्रदेश के अंजाव जिले के किबिथू के पास दमाई में इन पांचों लोगों को भारतीय अधिकारियों को सौंपा गया। अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू और केंद्रीय युवा मामले और खेल मंत्री किरेन रिजिजू ने युवाओं की रिहाई के लिए रक्षामंत्री राजनाथ सिंह और भारतीय सेना को धन्यवाद दिया। 
रक्षा विभाग के जनसंपर्क अधिकारी लेफ्टिनेंट कर्नल हर्षवर्धन पांडे ने एक बयान में कहा, Òशनिवार को किबिथू में सभी औपचारिकताओं को पूरा करने के बाद चीनी सेना ने भारतीय सेना को पांचों युवकों को सौंप दिया है। कोविड-19 प्रोटोकॉल के तहत इन लोगों को 14 दिन क्वारंटीन में रखा जाएगा, फिर इन्हें इनके परिवारों को सौंपा जाएगा।Ó 
शुक्रवार को केंद्रीय मंत्री रिजिजू ने सूचना दी थी कि चीन की सेना ने अरुणाचल प्रदेश के युवाओं को वापस लौटाने की पुष्टि की है। चीन की सेना ने एक पूर्व निर्धारित स्थान पर उन युवकों को भारतीय सेना को सौंपने की बात कही थी। 
किबिथू (अरुणाचल) और दमाई (चीन) क्षेत्र एक ऐसी जगह है, जहां भारतीय और चीनी सेना सीमा बैठकें करती हैं। लापता युवकों की पहचान टोच सिंगकम, प्रसात रिंगलिंग, डोंगटू एबिया, तनु बाकेर और गारू डिरी के रूप में हुई थी। 
स्थानीय मीडिया ने बताया था कि ये सभी टैगिन समुदाय से संबंधित हैं और जब ये शिकार के लिए जंगल गए थे, उसी दौरान उन्हें ऊपरी सुबनसिरी जिले में नाचो के पास कथित तौर पर अपहरण कर लिया गया था। पीएलए ने मंगलवार को भारतीय सेना को अवगत कराया था कि ऊपरी सुबनसिरी जिले में चीन-भारतीय सीमा पर लापता हुए पांचों युवक उनके इलाके में पाए गए थे। 
चीनी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) ने मंगलवार को भारतीय सेना को जानकारी दी थी कि सुबनसिरी जिले में चीन-भारतीय सीमा से दो सितंबर को लापता हुए पांचों युवक उनके इलाके में मिले थे। 
रक्षा सूत्रों ने कहा था कि भारतीय सेना के लगातार प्रयासों से ये लोग वापस मिले हैं। इन लोगों ने 2 सितंबर को अनजाने में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) को पार कर लिया था। 
स्थानीय मीडिया के अनुसार, इस घटना के बारे में तब जानकारी मिली, जब समूह के दो सदस्य जंगल से घर लौट आए और उन्होंने ग्रामीणों को पांच लोगों के अपहरण की जानकारी दी। इन लोगों का सेरा 7 से अपहरण किया गया था, जो भारतीय सेना के गश्ती क्षेत्र से लगभग 12 किमी दूर नाचो के उत्तर में स्थित है। 
नाचो मैकमोहन लाइन के करीब अंतिम प्रशासनिक सर्किल है। यह ऊपरी सुबनसिरी जिला मुख्यालय दार्पोजियों से करीब 120 किमी दूर है, जो कि राज्य की राजधानी ईटानगर से 280 किमी दूर है। 
बता दें कि अरुणाचल प्रदेश में भारत-चीन की 1,080 किलोमीटर लंबी सीमा है। 
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Shera Rajput

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