अरविंद शर्मा मध्य प्रदेश के नए प्रमुख सचिव नियुक्त, एपी सिंह हुए रिटायर
अरविंद शर्मा को मंगलवार को मध्य प्रदेश का नया प्रमुख सचिव नियुक्त किया गया है। इसके साथ ही ए.पी. सिंह का एक दशक लंबा कार्यकाल समाप्त हो गया है। मध्य प्रदेश विधानसभा सचिवालय में नए प्रधान सचिव के रूप में अरविंद शर्मा की नियुक्ति को विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर ने मंजूरी दे दी है। यह कदम सचिवालय के कामकाज में नया अध्याय शुरू करने का संकेत देता है और इसने राजनीतिक बहस को भी जन्म दिया है। अरविंद शर्मा, जो पहले लोकसभा में निदेशक थे, अध्यक्ष तोमर के पद संभालने के बाद विधानसभा सचिवालय में शामिल किया गया। उनकी इस शीर्ष प्रशासनिक पद पर नियुक्ति को सचिवालय में नई ऊर्जा और संसदीय अनुभव लाने की रणनीति के रूप में देखा जा रहा है।
ए.पी. सिंह का एक दशक लंबा कार्यकाल
शर्मा ने ए.पी. सिंह का स्थान लिया है, जो 2016 से राज्य के प्रधान सचिव थे और मंगलवार को सेवानिवृत्त हुए। सिंह का कार्यकाल, जो रिटायरमेंट के बाद दो बार बढ़ाया गया, विधानसभा के इतिहास में अभूतपूर्व माना जाता है। 10 साल तक लगातार इस पद पर रहकर सिंह ने प्रशासनिक निरंतरता का रिकॉर्ड बनाया। हालांकि, सिंह की रिटायरमेंट के बाद मध्य प्रदेश मानवाधिकार आयोग में प्रशासनिक सदस्य के रूप में नियुक्ति ने विवाद खड़ा कर दिया है। चयन समिति की बैठक में नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने प्रक्रिया में अनियमितता का आरोप लगाया और कांग्रेस ने इस नियुक्ति को हाई कोर्ट में चुनौती देने की बात कही।
गर्मजोशी के साथ ए.पी. सिंह की विहाई
इस राजनीतिक विवाद के बावजूद, सिंह का विदाई समारोह गर्मजोशी और सम्मान के साथ संपन्न हुआ। मंगलवार को विधानसभा सचिवालय में एक समारोह आयोजित हुआ, जिसमें स्पीकर तोमर और वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए। सोमवार को पूर्व विधानसभा ने भी सिंह को सम्मानित किया, जहां उन्होंने अपने कार्यकाल को याद करते हुए इसे गर्व की बात बताया। राज्य सरकार जल्द ही सिंह की मानव अधिकार आयोग में नई भूमिका के लिए आधिकारिक आदेश जारी करेगी। अरविंद शर्मा के नेतृत्व में अब नई प्रशासनिक दिशा की उम्मीदें हैं। उनका संसदीय मामलों का अनुभव और लोकसभा में पूर्व कार्यकाल सचिवालय के भविष्य को आकार देगा, खासकर 2028 के विधानसभा चुनावों की तैयारी में।