Top NewsIndiaWorldOther StatesBusiness
Sports | CricketOther Games
Bollywood KesariHoroscopeHealth & LifestyleViral NewsTech & AutoGadgetsvastu-tipsExplainer
Advertisement

‘जब तक इस्लाम है, आतंकवाद ..’, पहलगाम हमले पर भड़की तस्लीमा नसरीन

इस्लाम और आतंकवाद पर तस्लीमा नसरीन की तीखी प्रतिक्रिया

03:38 AM May 05, 2025 IST | Neha Singh

इस्लाम और आतंकवाद पर तस्लीमा नसरीन की तीखी प्रतिक्रिया

निर्वासित बांग्लादेशी लेखिका तस्लीमा नसरीन ने पहलगाम आतंकी हमले पर कहा कि ‘जब तक इस्लाम है, आतंकवाद रहेगा।’ उन्होंने 2016 के ढाका हमले के साथ समानताएं बताते हुए कहा कि आस्था तर्क और मानवता पर हावी होती है। नसरीन का मानना है कि मस्जिदों का निर्माण जिहादियों को जन्म देता है और बच्चों को सभी किताबें पढ़नी चाहिए।

पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत को पूरी दुनिया को साथ मिल रहा है। सभी आतंकवाद के भारत की लड़ाई में साथ हैं। कुछ बांग्लादेशी भी इस कट्टरता के खिलाफ आवाज उठा रहे हैं। निर्वासित बांग्लादेशी लेखिका तस्लीमा नसरीन ने रविवार को बड़ा बयान देते हुए कहा कि “जब तक इस्लाम है, आतंकवाद रहेगा”, उन्होंने पहलगाम आतंकी हमले और 2016 के ढाका आतंकी हमले के बीच समानताएं बताईं। दिल्ली साहित्य महोत्सव के एक सत्र में बोलते हुए लेखिका तस्लीमा नसरीन ने यह भी कहा कि “इस्लाम 1,400 वर्षों में विकसित नहीं हुआ है, जब तक यह अस्तित्व में है, यह आतंकवादियों को जन्म देता रहेगा।”

लेखिका ने गिनाई आतंकवाद की घटनाएं

उन्होंने बाताया कि 2016 के ढाका हमले में, मुसलमानों को इसलिए मार दिया गया क्योंकि वे कलमा नहीं पढ़ सकते थे। ऐसा तब होता है जब आस्था को तर्क और मानवता पर हावी होने दिया जाता है,” उन्होंने कहा। 22 अप्रैल को, आतंकवादियों ने जम्मू और कश्मीर के पहलगाम में एक पर्यटक स्थल पर 26 लोगों की गोली मारकर हत्या कर दी, जिनमें से ज़्यादातर पर्यटक थे। 1 जुलाई, 2016 को, आतंकवादियों के एक समूह ने ढाका के होली आर्टिसन बेकरी में गोलीबारी की, जिसमें 29 लोग मारे गए।

तस्लीमा नसरीन ने दिया ये बड़ा बयान

पहलगाम हमले के कुछ जीवित बचे लोगों और चश्मदीदों ने दावा किया है कि हमलावरों ने लोगों से “कलमा” पढ़ने को कहा और ऐसा न करने वालों को गोली मार दी। तस्लीमा नसरीन ने कहा, “जब तक इस्लाम रहेगा, आतंकवाद रहेगा।” तस्लीमा नसरीन ने कहा, “यूरोप में चर्च संग्रहालयों में बदल गए हैं, लेकिन मुसलमान हर जगह मस्जिद बनाने में व्यस्त हैं। हज़ारों मस्जिदें हैं और वे और मस्जिदें बनाना चाहते हैं। वे जिहादी पैदा करते हैं। मदरसे नहीं होने चाहिए। बच्चों को सिर्फ़ एक नहीं, सभी किताबें पढ़नी चाहिए।” बता दें ईशनिंदा के आरोपों के बाद नसरीन 1994 से स्वीडन, अमेरिका और भारत में निर्वासन में रह रही हैं।

“मुझे भारत घर जैसा लगता है”

उन्होंने कहा, “मैं अमेरिका की स्थायी निवासी हूं और 10 साल से वहां रह रही हूं, लेकिन मुझे हमेशा एक बाहरी व्यक्ति जैसा महसूस हुआ। कोलकाता आने के बाद ही मुझे घर जैसा महसूस हुआ। पश्चिम बंगाल से निकाले जाने के बाद मुझे लगा कि दिल्ली मेरा दूसरा घर है। इस देश ने मुझे वो गर्मजोशी दी है जो मेरा अपना देश मुझे नहीं दे सका।” तस्लीमा नसरीन ने कहा, “मुझे भारत से प्यार है। यह घर जैसा लगता है।”

‘महिला सुधार निकाय भंग नहीं हुआ तो बांग्लादेश में आग लगा देंगे’, इस्लामी समूह की चेतावनी

Advertisement
Advertisement
Next Article