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अभिनेता अशोक कुमार की 24वीं पुण्यतिथि पर यादें हुईं ताज़ा, सिनेमा के ‘दादा मुनि’ आज भी हैं दिलों में ज़िंदा

04:03 PM Dec 10, 2025 IST | Sneha Rai
ASHOK KUMAR 24TH DEATH ANNIVERSARY- Source : Social Media

ASHOK KUMAR 24TH DEATH ANNIVERSARY : भारतीय सिनेमा के इतिहास में अगर किसी कलाकार का नाम अभिनय की बारीकियों और सादगी से लिखा जाता है, तो वह हैं Ashok Kumar, जिन्हें प्यार से पूरा देश ‘दादा मुनि’ कहता था। आज उनकी 24वीं पुण्यतिथि पर बॉलीवुड से लेकर उनके फैंस तक हर कोई उन्हें श्रद्धांजलि दे रहा है। 10 दिसंबर 2001 को इस महान कलाकार ने दुनिया को अलविदा कहा था, लेकिन उनकी अदाकारी आज भी अमर है।

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शुरुआत एक अनजान चेहरा, लेकिन मंज़िल थी चमकदार

ASHOK KUMAR 24TH DEATH ANNIVERSARY- Source : Social Media

Ashok Kumar का जन्म 13 अक्टूबर 1911 को भागलपुर बिहार में हुआ था। उन्होंने कानून की पढ़ाई की थी, लेकिन किस्मत ने उन्हें फिल्मों की ओर मोड़ दिया। करियर की शुरुआत उन्होंने बॉम्बे टॉकीज़ में लैब असिस्टेंट के रूप में की, लेकिन जल्द ही उन्हें अभिनय का मौका मिला। उनकी पहली हिट फिल्म ‘अछूत कन्या’ 1936 थी, जिसने उन्हें रातों-रात स्टार बना दिया। उस दौर में जब हीरोस ग्लैमर और डायलॉग डिलीवरी के दम पर जाने जाते थे, अशोक कुमार ने अभिनय में सादगी, भावनाएं और नैचुरल एक्सप्रेशन को अहमियत दी।

हर किरदार में सादगी और आत्मा का मेल

ASHOK KUMAR 24TH DEATH ANNIVERSARY- Source : Social Media

Ashok Kumar उन चुनिंदा अभिनेताओं में से थे जिन्होंने हर युग में खुद को प्रासंगिक बनाए रखा। चाहे ‘किस्मत’ (1943) का grey-shaded किरदार हो या ‘चालती का नाम गाड़ी’ (1958) का मस्तीभरा अंदाज़, उन्होंने हर भूमिका को यादगार बना दिया। उनका किरदार कभी भी स्क्रीन पर “over the top” नहीं लगता था। उन्होंने यह साबित किया कि एक कलाकार अपनी एक्टिंग की सादगी से भी दर्शकों का दिल जीत सकता है।

‘किस्मत’ से बनी इतिहास की दिशा

ASHOK KUMAR 24TH DEATH ANNIVERSARY- Source : Social Media

1943 में आई फिल्म ‘किस्मत’ भारतीय सिनेमा के इतिहास की पहली सुपरहिट फिल्मों में से एक मानी जाती है। इस फिल्म ने 1 करोड़ रुपये से अधिक की कमाई की थी, जो उस दौर में रिकॉर्ड थी। यह वही फिल्म थी जिसने अशोक कुमार को सुपरस्टार का दर्जा दिलाया। इसके बाद उन्होंने कई दशकों तक हिंदी सिनेमा को अपनी प्रतिभा से सजाया। ‘जिद्दी’, ‘बंदिनी’, ‘हावड़ा ब्रिज’, ‘आशिर्वाद’, ‘विक्टोरिया नंबर 203’, और ‘हमराही’ जैसी फिल्में आज भी दर्शकों की यादों में ताज़ा हैं।

Ashok Kumar Legacy : टीवी पर भी किया राज

ASHOK KUMAR 24TH DEATH ANNIVERSARY- Source : Social Media

सिनेमा के बाद जब टीवी का दौर शुरू हुआ, तब भी अशोक कुमार ने अपने अभिनय से दर्शकों को मंत्रमुग्ध किया। 1980 के दशक में प्रसारित होने वाला उनका शो ‘हम लोग’ भारतीय टेलीविजन के इतिहास में मील का पत्थर साबित हुआ। इस शो में वह ‘दादा मुनि’ के रूप में एपिसोड के अंत में अपनी सीख देते थे, जिसे दर्शक बहुत प्यार करते थे।

Ashok kumar films : पुरस्कार और सम्मान

ASHOK KUMAR 24TH DEATH ANNIVERSARY- Source : Social Media

Ashok Kumar को उनके योगदान के लिए कई प्रतिष्ठित पुरस्कारों से सम्मानित किया गया। 1969 में उन्हें पद्म भूषण से सम्मानित किया गया। 1988 में उन्हें दादा साहेब फाल्के अवॉर्ड मिला, जो भारतीय सिनेमा का सबसे बड़ा सम्मान है। इसके अलावा उन्हें फिल्मफेयर लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड और कई अन्य सम्मान भी प्राप्त हुए।

अमर विरासत छोड़ गए दादा मुनि

ASHOK KUMAR 24TH DEATH ANNIVERSARY- Source : Social Media

24 साल बीत चुके हैं, लेकिन Ashok Kumar  आज भी भारतीय सिनेमा के हर कोने में ज़िंदा हैं। उनके संवाद, उनका अभिनय और उनका व्यक्तित्व आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा बना हुआ है। उनकी पोती प्रेर्ना सोनी और परिवार के अन्य सदस्य आज भी सोशल मीडिया पर उनकी यादें साझा करते हैं। फैंस हर साल 10 दिसंबर को उन्हें श्रद्धांजलि देते हैं और उनके क्लासिक डायलॉग्स को याद करते है “जिंदगी लंबी नहीं, बड़ी होनी चाहिए।” अशोक कुमार सिर्फ एक अभिनेता नहीं, बल्कि भारतीय सिनेमा की आत्मा थे। उन्होंने उस दौर में अभिनय की वह नींव रखी जिस पर आज का बॉलीवुड खड़ा है। उनकी सादगी, समझदारी और संवेदनशीलता हमेशा सिनेमा प्रेमियों के दिलों में अमर रहेगी।

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