Gambhir ने रोकने की कोशिश की थी पर वही थे Ashwin की Retirement का कारण : Ashwin ने किया बड़ा खुलासा
Ashwin Retirement Truth: R Ashwin ने पहली बार खुलकर बताया कि 2012 में England के खिलाफ घरेलु टेस्ट सीरीज़ हारना उनके लिए सिर्फ एक खेल की हार नहीं थी। उस दौर की निराशा ने उन्हें अंदर तक हिला दिया था। उसी समय उन्होंने अपने मन में तय कर लिया था कि अगर कभी भी भारत दोबारा किसी घरेलु टेस्ट सीरीज़ में हारेगा, तो वे तुरंत क्रिकेट छोड़ देंगे।
सालों तक यह बात उन्होंने अपने अंदर ही रखी, मगर न्यूज़ीलैंड के खिलाफ मिली हार ने उनका मन तोड़ दिया। R Ashwin का कहना है कि उसी हार ने उन्हें यह एहसास करा दिया कि उनकी कस्म का समय आ चुका है। उन्होंने अपने YT चैनल पर साफ बताया कि न्यूज़ीलैंड की सीरीज़ हार ही असली वजह है कि आज वे खेल से दूर बैठे हैं, क्योंकि वह हार उन्हें झकझोर गई थी और वे अपने वादे से पीछे नहीं हट सकते थे।
Ashwin Retirement Truth: Ashwin ने अपने YT Channel पर लिखा
“I made myself a promise after the series loss against England in 2012 that if we ever lose another home series, I’ll retire. New Zealand series loss is eventually the reason why I am sitting at home today, it broke me,"
Ashwin Retirement Truth:ऑस्ट्रेलिया दौरे के बीच अचानक लिया गया फैसला
R Ashwin ने क्रिकेट फैंस को तब बड़ा झटका दिया जब उन्होंने पिछले साल ऑस्ट्रेलिया दौरे पर तीसरे टेस्ट के बाद ही अचानक अपने संन्यास की घोषणा कर दी। यह फैसला इतनी जल्दी आया कि क्रिकेट जगत भी हैरान रह गया।
उन्होंने साफ कहा कि ये कदम उन्होंने सिर्फ अपनी सोच और अपने महसूस किए गए भार के कारण उठाया, ना कि किसी बाहरी दबाव में। न तो टीम के किसी सदस्य ने उनसे कहा कि उनके लिए टीम में जगह नहीं है, और न ही किसी ने उन्हें जाने के लिए बोला। उल्टा, कुछ लोग उनसे अनुरोध कर रहे थे कि वे थोड़ा और समय लेकर सोचें और खेलते रहें।
लेकिन अश्विन चाहते थे कि रिटायरमेंट का फैसला पूरी तरह उनका अपना हो, और उनका मन साफ कर चुका था कि अब यह सफ़र यहीं रुकना चाहिए।
Rohit Sharma और Gautam Gambhir ने समझाया, फिर भी निर्णय वही रहा
अश्विन ने बताया कि उस समय टीम के कप्तान Rohit Sharma ने उन्हें सलाह दी कि वे तुरंत फैसला न लें और शांत मन से बात को समझें। गौतम गंभीर ने भी उन्हें इसी तरह दोबारा सोचने के लिए कहा था।
इसके बावजूद अश्विन अपनी सोच से हटना नहीं चाहते थे, और उन्होंने इस विषय पर सिलेक्टरों के चीफ अजीत अगरकर से भी बहुत चर्चा नहीं की। उनका कहना है कि रिटायरमेंट किसी भी खिलाड़ी का व्यक्तिगत फैसला होता है, और इसमें कोई और दखल नहीं दे सकता।
उन्होंने दोहराया कि उनके रिटायरमेंट को लेकर फैली सभी बातें गलत हैं टीम मैनेजमेंट की तरफ से उन पर किसी तरह का दबाव नहीं था। यह सिर्फ उनके दिल का फैसला था, जिसे वे टालना नहीं चाहते थे।
अश्विन की बातें साफ दिखाती हैं कि न्यूज़ीलैंड की सीरीज़ हार ने उनके मन में सालों पुराना वादा जगा दिया, और उसी वजह से उन्होंने खेल को अलविदा कहने का कठिन फैसला लिया। यह कदम भावनाओं, आत्मसम्मान और उनके अंदर के संघर्ष का नतीजा था किसी बाहरी दबाव का नहीं।