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एशिया की दूसरी बडी कृत्रिम मीठे पानी की झील फिर छलकने को आतुर

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01:09 PM Sep 02, 2017 IST | Desk Team

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उदयपुर : एशिया की दूसरी बडी कृत्रिम मीठे पानी की झील जयसमंद झील पिछले 27 वर्षो में पांचवी बार छलकने को आतुर हैं। जल संसाधन विभाग के सूत्रों के अनुसार 27 फीट भराव क्षमता वाली यह झील वर्ष 1973, 1990,1994,2016 में छलकी थी तथा इस वर्ष लबालब हो चुकी हैं। वर्ष 2006 में मूसलाधार बारिश से जयसमंद का गेज 27 फीट से ऊपर चला गया था। मेवल और छप्पन की लाइफ लाइन कही जाने वाली जयसमंद झील के भरने की उम्मीद लगाये रहते हैं।

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उदयपुर शहर की जलापूर्ति का सबसे बडा जलापूर्ति का केन्द्र भी यही झील हैं। यहां से पाईपलाइन से रोजाना हजारों लीटर पानी उदयपुर में आता हैं। कहा जाता है कि इस झील को भरने के लिए नौ नदी और 99 नालें मदद करते हैं। इसमें मुख्यत: गोमती नदी जिसको खरका नदी कहते हैं, झाझरी नदी, सिरोली नदी, मकरेडिी नदी, बम्बोरा, खेराटी नदी, रुपारेल नदी, कुराबड, बुंढेल और गींगला नदी समेत 99 नालों का संगम होता हैं।

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गौरतलब है कि मेवाड के महाराजा जयसिंह ने गोमती नदी पर वर्ष 1685 में इसका शिलान्यास किया और वर्ष 1730 में इसकी पाल बनकर तैयार हो चुकी थी। महाराज जयसिंह के नाम से इसका नाम जयसमंद झील रखा गया था। यहां आने वाले देशी विदेशी पर्यटक इसकी खासियत से खींचा चला आता हैं। पाल की लंबाई 335 मीटर हैं तो ऊंचाई 35 मीटर हैं इसका कुल भंडारण क्षमता 414.6 मिलियन एकड़ फीट है, 37 हजार हेक्टेयर से भी ज्यादा कमांड ऐरिया हैं।

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भाजपा शहर अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ ने भी बधाईयों का सिलसिला बनाए रखा।पूर्व सांसद रासा सिंह रावत, जिला कलेक्टर गौरव गोयल, पुलिस अधीक्षक राजेंद्र सिंह चौधरी, सिटी मजिस्ट्रेट अरविन्द कुमार सेंगवा आदि ने भी प्रशासन की ओर से ईद की मुबारकबाद दी। अजमेर दरगाह शरीफ स्थित शाहजहांनी मस्जिद, संदली मस्जिद पर भी बड़ी संख्या में जायरीनों ने नमाज अता की।

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इस मौके पर ख्वाजा साहब की बारगाह में हाजिरी देकर सभी ने पूरे विश्व व हिन्दुस्तान में तरक्की व खुशहाली की दुआ की। दरगाह दीवान जैनुअल आबेदीन, अंजुमन सचिव वाहिद हुसैन अंगारा, दरगाह खादिम शेख जुल्फीकार चिश्ती व एस.एफ.हसन चिश्ती ने भी मुस्लिम भाइयों को ईद की शुभकामनाएं दी व अल्लाह का शुक्राना अदा किया। इसके अलावा ईदगाह नौसर घाटी, ईदगाह रातीडांग, सूफी मस्जिद सोमलपुर, दरगाह मीरासाहब तारागढ़, कच्हरी मस्जिद, मस्जिद घंटाघर पर भी ईद की नमाज अता की गई।

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जिले के नसीराबाद स्थित कोटा व श्रीनगर रोड की ईदगाहों में शहर काजी मोहम्मद फुरकान ने नमाज अता कराई। साथ ही ब्यावर , पीसागन व अन्य मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्रों से भी ईद की नमाज अदा कर खुशहाली की कामना की दुआ करने के समाचार है।ईद के मुबारक मौके पर अजमेर दरगाह शरीफ स्थित जन्नती दरवाजा आज तड़के सुबह खोला गया। अकीदतमंद देर रात से ही पंक्ति लगाकर जन्नती दरवाजे से निकलकर जियारत करने के लिए बेताब नजर आए। साल में चार बार खुलने वाला यह दरवाजा आज चंद घंटों के लिए खोला गया।दिन में नमाज के बाद ढाई बजे दरवाजे को बंद कर दिया जाएगा।

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ईद को देखते हुए अजमेर जिला प्रशासन, पुलिस प्रशासन ने सुरक्षा व्यवस्था के पुख्ता बंदोबस्त किए है।साथ ही नगर निगम की ओर से भी सफाई आदि की माकूल व्यवस्था की गई है। ख्वाजा साहब की दरगाह का क्षेत्र ईद की खुशियों से भरा पड़ा है और अब नमाज की धार्मिक क्रिया पूरी होने के बाद ‘कुर्बानी’ का सिलसिला शुरू हो रहा है जो देर रात तक चलेगा।

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