Assam CM हिमंत बिस्वा सरमा: पाकिस्तान से शांति की वकालत देशद्रोह के समान
हिमंत बिस्वा सरमा ने शांति की वकालत को कहा देशद्रोह
असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने रविवार को पाकिस्तान के साथ शांति वार्ता की वकालत करने वालों पर जमकर हमला बोला। उन्होंने इसे “आदर्शवाद नहीं, बल्कि अज्ञानता और देशद्रोह” करार दिया। सरमा का यह बयान ऐसे समय में आया है जब भारत और पाकिस्तान के बीच पहलगाम आतंकी हमले के बाद तनाव चरम पर है। सरमा ने सोशल मीडिया पर साझा किए गए एक विस्तृत पोस्ट में दावा किया कि पाकिस्तान में भारत समर्थक विचार रखने वालों को दबाया जाता है, उनकी निगरानी की जाती है और उन्हें धमकियां दी जाती हैं। उन्होंने कहा, “जो लोग भारत में रहकर पाकिस्तान को रोमांटिसाइज़ करते हैं, वे यह नहीं समझते कि वहां शांति की बातें करना भी अपराध बन जाता है।”
To Those in India Who Invest Time in “Aman Ki Asha”
How Pakistan Handles Pro-India Voices:
1.Surveillance & Profiling
– Every post, tweet, or article with pro-India sentiment is tracked by Pakistan’s intelligence agencies, especially the ISI.
– Students, activists, and…— Himanta Biswa Sarma (@himantabiswa) May 5, 2025
ISI करता है भारत समर्थक पोस्ट की निगरानी
मुख्यमंत्री ने दावा किया कि पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI भारत के समर्थन में की गई हर पोस्ट, ट्वीट या लेख पर नज़र रखती है। उन्होंने कहा, “छात्रों, पत्रकारों और सामाजिक कार्यकर्ताओं को सिर्फ भारत के पक्ष में बोलने के लिए वॉचलिस्ट में डाल दिया जाता है। पाकिस्तान टेलीकम्युनिकेशन अथॉरिटी (PTA) भारत की छवि सुधारने वाले या शांति की वकालत करने वाले हैशटैग्स तक को हटा देती है।”
‘शांति’ की बात करने पर गिरफ्तारी, यातना और लापता होना
सरमा ने आगे आरोप लगाया कि पाकिस्तान के साइबर क्राइम कानून PECA का इस्तेमाल कर उन लोगों को गिरफ्तार किया जाता है जो ‘भारत-समर्थक’ या ‘शांति’ की बातें करते हैं। उन्होंने कहा, “केवल एक कविता, लेख या शांति की अपील पर लोगों को देशद्रोही करार देकर उठाया जाता है, उन्हें बिना ट्रायल के जेल में डाल दिया जाता है। खासतौर पर बलूच, पश्तून और सिंधी कार्यकर्ता ऐसे मामलों में ग़ायब हो चुके हैं।”
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आतंकी हमले के बाद बयान और 36 की गिरफ्तारी
सरमा का यह बयान 22 अप्रैल को हुए पहलगाम आतंकी हमले के बाद आया है, जिसमें 26 लोगों की जान गई थी। हमले के बाद से भारत-पाकिस्तान संबंधों में तनाव और बढ़ गया है। असम सरकार ने राज्य में पाकिस्तान समर्थक बयान देने के आरोप में अब तक 36 लोगों को गिरफ्तार किया है।