टॉप न्यूज़भारतविश्वराज्यबिजनस
खेल | क्रिकेटअन्य खेल
बॉलीवुड केसरीराशिफलSarkari Yojanaहेल्थ & लाइफस्टाइलtravelवाइरल न्यूजटेक & ऑटोगैजेटवास्तु शस्त्रएक्सपलाइनेर
Advertisement

गुवाहटी में महाराष्ट्र विधायकों के ठहरने पर असम सीएम की टिप्पणी, असम में सभी पर्यटकों का स्वागत

असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने गुवाहाटी में महाराष्ट्र के विधायकों के डेरा डाले जाने को तवज्जो न देते हुए कहा कि उनके साथ राज्य में सभी ‘‘पर्यटकों’’ का स्वागत है। सरमा ने यह भी कहा कि उनका महाराष्ट्र की राजनीति से कोई लेना देना नहीं है।

05:37 PM Jun 24, 2022 IST | Desk Team

असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने गुवाहाटी में महाराष्ट्र के विधायकों के डेरा डाले जाने को तवज्जो न देते हुए कहा कि उनके साथ राज्य में सभी ‘‘पर्यटकों’’ का स्वागत है। सरमा ने यह भी कहा कि उनका महाराष्ट्र की राजनीति से कोई लेना देना नहीं है।

असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने गुवाहाटी में महाराष्ट्र के विधायकों के डेरा डाले जाने को तवज्जो न देते हुए कहा कि उनके साथ राज्य में सभी ‘‘पर्यटकों’’ का स्वागत है। सरमा ने यह भी कहा कि उनका महाराष्ट्र की राजनीति से कोई लेना देना नहीं है। 
Advertisement
उल्लेखनीय है कि महाराष्ट्र के 38 शिवसेना विधायक बागी रूख अपना कर गुवाहाटी के होटल में डेरा डाले हुए हैं जिसकी वजह से उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली सरकार के अस्तित्व पर संकट पैदा हो गया है। महाराष्ट्र के विधायक विमानों से गुवाहाटी पहुंचे हैं।
द्रौपदी मुर्मू के नामांकन पत्र में शामिल होने के लिए दिल्ली पहुंचे थे सीएम सरमा 
राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की ओर से राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू का संसद भवन परिसर में नामांकन दाखिल कराने के बाद सरमा ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘कुछ लोग असम आए हुए हैं। उन्होंने होटल की बुकिंग की है। मैं इससे खुश हूं। आप भी आएं, यह असम की अर्थव्यवस्था की मदद करेगा। इसके जरिये असम का पर्यटन भी आगे बढ़ेगा।’’
‘‘मैं महाराष्ट्र पर टिप्पणी कैसे कर सकता हूं, वह बड़ा राज्य है – असम सीएम हिमंता बिस्वासरमा 
महाराष्ट्र में चल रहे राजनीतिक घटनाक्रम के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि वह टिप्पणी नहीं कर सकते क्योंकि वह बड़ा राज्य है। सरमा ने कहा, ‘‘मैं महाराष्ट्र पर टिप्पणी कैसे कर सकता हूं। वह बड़ा राज्य है। मुझे खुशी है कि लोग असम का चयन प्राथमिकता वाले स्थान के तौर पर कर रहे हैं।’’
राज्य में बाढ़ की स्थिति होने के कारण हॉटल बंद करने का आदेश नही दे सकते 
भाजपा नीत असम सरकार पर बाढ़ राहत कार्य को कथित तौर पर नजर अंदाज करने और महाराष्ट्र के विधायकों की मेजबानी करने में व्यस्त होने के लग रहे आरोपों पर सरमा ने कहा कि वह असम की राजधानी में मौजूद होटलों को इसलिए बंद करने का आदेश नहीं दे सकते क्योंकि राज्य के कुछ हिस्सों में बाढ़ की स्थिति है।
उन्होंने कहा, ‘‘मुझे नहीं पता कि इन लोगों की किस तरह की मानसिकता है। क्या मुझे गुवाहाटी के होटलों को बंद कर देना चाहिए क्योंकि राज्य के कुछ हिस्सों में बाढ़ आई है। हम बाढ़ प्रभावित लोगों को राहत पहुंचा रहे हैं। कैसे मैं गुवाहाटी के होटलों को बंद कर सकता हूं। अगर कल, आप 10 दिनों के लिए गुवाहाटी आकर रहने का फैसला करें तो क्या मुझे मुख्यमंत्री के तौर पर कहना चाहिए कि आप को नहीं आना चाहिए।’’
बंधक बनाने के सवाल पर बोले सरमा – ‘‘किस तरह का बंधक? वे होटल में हैं। वे खुश हैं। वे हमारे मेहमान हैं।
सरमा ने कहा, ‘‘हमने पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए बहुत पैसा खर्च किया है। हम कहते हैं कि कामाख्या आएं, काजीरंगा आएं। अब क्या हमें उन लोगों को असम आने से रोकना चाहिए।’’ जब उनसे पूछा गया कि क्या शिवसेना के विधायकों को असम में ‘‘बंधक’’ बनाकर रखा गया है तो सरमा ने कहा, ‘‘किस तरह का बंधक? वे होटल में हैं। वे खुश हैं। वे हमारे मेहमान हैं। आम तौर पर हम देखते हैं कि जो भी असम आ रहा है वह आराम महसूस करे।’’
सीएम सरमा ने ममता बनर्जी पर साधा निशाना, कहा असम आने वाले लोगों को कम से कम बख्श दे  
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने महाराष्ट्र के विधायकों को उनके राज्य में आने की पेशकश की है। इस बारे में पूछे जाने पर सरमा ने कहा कि बनर्जी असम आई ‘‘लक्ष्मी’’को अपने यहां ले जाना चाहती हैं। उन्होंने कहा, ‘‘ बंगाल और असम में पर्यटन को लेकर हमेशा से प्रतिस्पर्धा रही है। ममता दी ‘लक्ष्मी’ को अपने यहां ले जाना चाहती हैं जो मेरे यहां आई हैं। अगर वे बंगाल गए तो बंगाल को जीएसटी मिलेगा। मैं ममता दीदी से कहना चाहता हूं कि जो असम आना चाहते हैं कम से कम उनको बख्श दें। उन्हें हमसे न छीनें। आपका राज्य बड़ा है।’’
द्रौपदी मुर्मू को राष्ट्रपति का उम्मीदवार बनाने कि सरमा ने कि प्रशंसा 
सरमा ने मुर्मू को राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार बनाए जाने के राजग के फैसले की प्रशंसा की और मुर्मू को ‘‘सक्षम प्रशासक तथा सामाजिक कार्यकर्ता’’करार दिया जिन्हें मंत्री, राज्यपाल और शिक्षक के तौर पर अनुभव प्राप्त है।
 
Advertisement
Next Article