खगोलविदों ने आकाशगंगा के मध्य स्थित विशाल ब्लैक होल की पहली तस्वीर की जारी
खगोलविदों ने बृहस्पतिवार को ‘‘हमारी आकाशगंगा’’ के मध्य में स्थित ‘सुपरमैसिव ब्लैक होल’ की पहली तस्वीर जारी की जो सूर्य से 40 लाख गुना अधिक विशाल है।
10:53 PM May 12, 2022 IST | Shera Rajput
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खगोलविदों ने बृहस्पतिवार को ‘‘हमारी आकाशगंगा’’ के मध्य में स्थित ‘सुपरमैसिव ब्लैक होल’ की पहली तस्वीर जारी की जो सूर्य से 40 लाख गुना अधिक विशाल है।
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खोजी गई वस्तु वास्तव में एक ‘ब्लैक होल’ है
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द एस्ट्रोफिजिकल जर्नल लेटर्स में प्रकाशित खोज इस बात का बड़ा सबूत देती है कि खोजी गई वस्तु वास्तव में एक ‘ब्लैक होल’ है। इसकी छवि एक अंधेरे केंद्र के चारों ओर लाल, पीले और सफेद रंग की एक अस्पष्ट चमकती हुई अंगूठी की तरह दिखती है।
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यह तस्वीर ‘इवेंट होराइजन टेलीस्कोप (ईएचटी) कलैबरेशन’ नामक वैश्विक अनुसंधान टीम द्वारा तैयार की गई है। इसके लिए उसने रेडियो टेलीस्कोप के विश्वव्यापी नेटवर्क का सहारा लिया।
खोज से स्पष्ट हुआ है कि ‘सैजिटेरियस ए’ के रूप में जानी जाने वाली चीज एक ब्लैक होल है और तस्वीर इसका पहला प्रत्यक्ष दृश्य प्रमाण प्रदान करती है।
एरिज़ोना विश्वविद्यालय के खगोलशास्त्री फेरल ओज़ेल ने वाशिंगटन में एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘यह हमारी आकाशगंगा के मध्य में स्थित संबंधित ब्लैक होल की पहली प्रत्यक्ष छवि है।’
उन्होंने कहा, ‘यह छवि अंधेरे के चारों ओर एक उज्ज्वल अंगूठी जैसी दिखती है।’
धरती से लगभग 27000 प्रकाशवर्ष दूर स्थित इस ब्लैक होल को लेकर काफी उत्सुक हैं – खगोलविद
खगोलविदों ने कहा कि वे धरती से लगभग 27000 प्रकाशवर्ष दूर स्थित इस ब्लैक होल को लेकर काफी उत्सुक हैं।
इस ब्लैक होल की तस्वीर लेना विश्व के 80 संस्थानों के 300 से अधिक अनुसंधानकर्ताओं के प्रयासों से संभव हुआ।
ईएचटी ने इससे पहले 2019 में मेसियर-87 आकाशगंगा के मध्य में स्थित एम-87 ब्लैक होल की पहली छवि जारी की थी।
खगोलविदों ने कहा कि दोनों ब्लैक होल उल्लेखनीय रूप से समान दिखते हैं, भले ही ‘‘हमारी आकाशगंगा’’ का ब्लैक होल आकार में एम-87 ब्लैक होल के मुकाबले एक हजार गुना छोटा है।
ब्लैक होल अंतरिक्ष के ऐसे क्षेत्र होते हैं जहां गुरुत्वाकर्षण इतना तीव्र होता है कि प्रकाश सहित कोई भी चीज इनसे बच नहीं सकती है।

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