किस उम्र की कन्याओं को जीमाएं ,और कितनी रखे कन्याओं की संख्या जाने ,कन्या पूजन के नियम
शारदीय नवरात्रि 26 सितंबर से शुरू हो रही है और 5 अक्टूबर तक चलेगी। 9 दिन तक माता रानी के अलग-अलग स्वरूप की पूजा अर्चना करने के बाद लोग कन्या पूजन करते हैं।
12:38 PM Sep 14, 2022 IST | Desk Team
शारदीय नवरात्रि 26 सितंबर से शुरू हो रही है और 5 अक्टूबर तक चलेगी। 9 दिन तक माता रानी के अलग-अलग स्वरूप की पूजा अर्चना करने के बाद लोग कन्या पूजन करते हैं। कुछ लोग अष्टमी के दिन पूजा करते हैं और कुछ नवमी के दिन।
Advertisement
कन्या पूजन के दौरान माता रानी के बाल स्वरूप को बुलाकर हलवा पूड़ी का प्रसाद बांटा जाता है। नवरात्रि में अष्टमी तिथि पर मां महागौरी की पूजा का विधान है।
इस दिन कन्या पूजन से विशेष लाभ मिलता है।अष्टमी और नवमी दोनों तिथियों को कन्या पूजन किया जाता है। उन्हें भोजन कराने के बाद भेंट दी जाती है, लेकिन कन्या पूजन के दौरान सबसे अहम बात ये है कि किस उम्र तक की कन्याओं का पूजन करें।कन्याओं को आमंत्रित करने के दौरान कुछ विशेष बातों का ध्यान रखना चाहिए।
Advertisement

नवरात्रि में कन्या पूजन के नियम:-
1. कन्या पूजन में कन्याओं की संख्या 5 ,7 , या 9 हो साथ ही एक बालक भी जरुर बिठाएं।कहते हैं कि बालक भैरव बाबा का रूप होता है।
2. दरअसल छोटी कन्याओं को मां दुर्गा का रूप माना जाता है। इसलिए कन्या पूजन में हमेशा कन्याओं की उम्र 2 से 7 साल के बीच होनी चाहिए।
3. कन्याओं को घर की पूर्व दिशा की ओर मुख करके ही बिठायें। दक्षिण की ओर किसी का भी मुंह नहीं होना चाहिए।

4. घर पर कन्या पूजन के लिए लहसुन-प्याज के बिना सात्विक भोजन बनाएं । भोजन ताजा हो, किसी भी प्रकार की बासी चीज का इसमें प्रयोग नहीं करना है। साथ ही कन्या को भेंट के दौरान किसी प्रकार की अशुद्ध चीज देने से बचें।
कन्याओं के आने के बाद उनके पैर धुलाएं। उन्हें आसन पर बिठाएं। टीका लगाएं, पैर छूकर उनका आशीर्वाद लें। भोजन के बाद कन्याओं को अपनी सामर्थ्य अनुसार गिफ्ट देकर उनके चरण छुकर आर्शीवाद लें। इसके बाद कन्याओं को खुशी-खुशी विदा करें। ऐसा करने से मातारानी की कृपा और उनका आर्शीवाद आप के ऊपर हमेशा ही बना रहेगा।
Advertisement