Top NewsIndiaWorldOther StatesBusiness
Sports | CricketOther Games
Bollywood KesariHoroscopeHealth & LifestyleViral NewsTech & AutoGadgetsvastu-tipsExplainer
Advertisement

बांग्लादेश में हिंदुओं पर अत्याचार बर्दाश्त नहीं : हेमा मालिनी

भाजपा सांसद हेमा मालिनी ने बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार और हिंदू संत चिन्मय कृष्णदास की गिरफ्तारी की बुधवार को संसद में निंदा की …

10:35 AM Dec 04, 2024 IST | Shera Rajput

भाजपा सांसद हेमा मालिनी ने बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार और हिंदू संत चिन्मय कृष्णदास की गिरफ्तारी की बुधवार को संसद में निंदा की …

भाजपा सांसद हेमा मालिनी ने बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार और हिंदू संत चिन्मय कृष्णदास की गिरफ्तारी की बुधवार को संसद में निंदा की।

हम धर्म पर अत्याचार बर्दाश्त नहीं करेंगे – हेमा मालिनी

लोकसभा में शून्य काल के दौरान हेमा मालिनी ने कहा कि मैं स्वयं कृष्ण भक्त हूं और इस्कॉन की अनुयायी हूं। मैं कृष्ण की पावन नगरी मथुरा की प्रतिनिधि हूं। हम धर्म पर अत्याचार बर्दाश्त नहीं करेंगे। यह विदेश नीति का विषय नहीं है, बल्कि हमारी भावना का विषय है। बांग्लादेश सरकार को हिंदुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करनी चाहिए।

बांग्लादेश में चिन्मय कृष्णदास को देशद्रोह के आरोप में गिरफ्तार किया गया है, जो बिल्कुल गलत है -हेमा

बाद में मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा कि बांग्लादेश में चिन्मय कृष्णदास को देशद्रोह के आरोप में गिरफ्तार किया गया है, जो बिल्कुल गलत है। वह हिंदुओं के खिलाफ हुए अत्याचार के विरोध में शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे थे। वहां स्थिति खराब है। मैंने सरकार से अनुरोध किया है कि वह कार्रवाई करे और हमारे इस्कॉन भक्तों, हिंदू भाइयों को सुरक्षा दे। हम चुप नहीं रह सकते। यह कूटनीति का मुद्दा नहीं है, बल्कि हमारी भावनाओं और श्री कृष्ण के प्रति भक्ति से जुड़ा है।

बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ अत्याचार पूरी तरह से बंद हो – भाजपा

असम के दारांग-उदलगुड़ी लोकसभा सीट का प्रतिनिधित्व करने वाले भाजपा सदस्य दिलीप सैकिया ने कहा कि हम चाहते है कि संसद एक प्रस्ताव पारित करे, जिससे बांग्लादेश सरकार को संदेश दिया जा सके कि बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ अत्याचार पूरी तरह से बंद हो। साल 1971 में बांग्लादेश के गठन के बाद से लाखों बांग्लादेशी मुसलमान असम में घुसपैठ कर चुके हैं और राजनीतिक और चुनावी प्रणाली में निर्णायक कारक बन गए हैं।

Advertisement
Advertisement
Next Article